गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर उपवास
गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) कार्यकर्ताओं ने एक दिन का उपवास रखा। इस मुद्दे पर कार्यकर्ताओं ने प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी।
By BhanuEdited By: Updated: Fri, 20 Dec 2019 12:27 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) कार्यकर्ताओं ने एक दिन का उपवास रखा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर जल्द ही गैरसैंण को राजधानी नहीं बनाया गया तो उक्रांद प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर देगी।
उक्रांद के जिलाध्यक्ष विजय कुमार बौड़ाई के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर उपवास रखा। बौड़ाई ने कहा कि प्रदेश सरकार गैरसैंण के मुद्दे पर प्रदेशवासियों को गुमराह कर रही है। पहाड़ की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पलायन से जुड़ी समस्याओं को दरकिनार कर सरकार विधानसभा और विधान परिषदों के पीठासीन अध्यक्षों का सम्मेलन देहरादून में करवाकर असल मुद्दे से ध्यान भटका रही है। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का सम्मेलन गैरसैंण में किया जाता तो पूरे देश में गैरसैंण का प्रचार होता। सरकार के इस फैसले से प्रदेश की जनता मायूस है। प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि अगर जल्द ही गैरसैंण के मुद्दे पर सरकार अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो कार्यकर्ता प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेंगे। उपवास रखने वालों में रेखा मियां, प्रमिला रावत, राजेंद्र बिष्ट, लताफत हुसैन, आलम नेगी, अशोक नेगी, यशपाल रावत, समीर मुखर्जी, गजेंद्र नेगी, कमलकांत आदि मौजूद रहे।
मॉब लिंचिंग के विरोध में राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापनअखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने देश में बढ़ती भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है।
समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष इंदू नौटियाल ने बताया कि मॉब लिंचिंग को लेकर राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मणिपुर की विधानसभा में बिल पारित किए गए हैं। जिन्हें स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि संदेह के आधार पर बेकसूर लोगों की हत्या जैसी घटनाओं का खतरा देश में बढ़ता जा रहा है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए देशव्यापी कानून की जरूरत है। बिल को पारित करने के लिए समिति की ओर से हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है।मंच ने महिला हिंसा पर जताया विरोधमहिला मंच की ओर से गांधी पार्क में 26वां स्थापना दिवस आक्रोश स्वरूप मनाया गया। इस दौरान मंच की पदाधिकारियों ने देश में महिलाओं के साथ हो रही हिंसा पर विरोध जताया।
मंच की अध्यक्ष कमला पंत ने कहा कि देश में नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद स्थिति काफी खतरनाक हो गई है। हर दिन छात्रों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे लोग देश में असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। यह भी पढ़ें: महंगाई को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, लगाए कई आरोप
उन्होंने कहा कि वह किसी भी हालत में राष्ट्र को बचाने का काम करेंगी। इसके लिए चाहे कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। इस मौके पर निर्मला बिष्ट, हेमलता नेगी, प्रीति थपलियाल, विजय नैथानी, प्रभा नेगी और वीना सकलानी भी मौजूद रहे।यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड में घटे हैं एक लाख से अधिक मतदाता
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