'उत्तरकाशी सुरंग हादसे में अधिकारियों पर कार्रवाई करें सरकार', उत्तराखंड क्रांति दल की बैठक में पदाधिकारियों ने जताई नाराजगी
उक्रांद की बैठक में उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव में देरी पर पदाधिकारियों ने जताई नाराजगी। उक्रांद के केंद्रीय संरक्षक सुरेंद्र कुकरेती की मौजूदगी में हुई बैठक में कश्मीर में बलिदान हुए सेना के जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सिलक्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के विषय पर चर्चा की गई।
संवाद सहयोगी, विकासनगर। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) की बैठक में उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को 14 दिन बाद भी नहीं निकाले जाने की स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की गई। पदाधिकारियों ने सरकार से हादसे में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करके उन पर कार्रवाई की मांग की।
इस दौरान पार्टी व संगठन की मजबूती के लिए घर-घर दस्तक कार्यक्रम चलाकर आम जनता को दल की रीति-नीति से अवगत कराने व सदस्यता देने के अभियान की शुरुआत करने पर भी चर्चा हुई।
फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने पर चर्चा
उक्रांद के केंद्रीय संरक्षक सुरेंद्र कुकरेती की मौजूदगी में हुई बैठक में कश्मीर में बलिदान हुए सेना के जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सिलक्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के विषय पर चर्चा की गई।
इस दौरान सुरेंद्र कुकरेती ने कहा कि सिलक्यारा में 14 दिन बाद भी सरकार के हाथ खाली हैं। जैसी स्थिति बनी हुई है उससे बचाव अभियान के पूरा होने में और समय लग सकता है। जोखिम भरे कार्यों में निर्धारित नियम का ध्यान रखा है या नहीं इसकी समीक्षा करते हुए सरकार को जिम्मेदारी तय करके उनपर कार्रवाई करनी चाहिए।
टनल संंबंधी कार्यों के सुरक्षा ऑडिट कराए जाने की मांग
उन्होंने कहा कि उक्रांद की मांग है कि प्रदेश में चल रहे सभी टनल संबंधी कार्यों के सुरक्षा आडिट करवाए जाएं, जिससे आगे इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति ना हो सके। इस दौरान जिलाध्यक्ष गणेश प्रसाद काला ने कहा सरकार को विधानसभा सत्र में सुरंग परियोजनाओं की सुरक्षा आडिट रिपोर्ट व श्वेत पत्र रखना चाहिए।
पदाधिकारी व कार्यकर्ता रहे उपस्थित
इस मौके पर केंद्रीय संयुक्त सचिव मनोज कंडवाल, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह नेगी, जिला महामंत्री अतुल बेंजवाल, नगर उपाध्यक्ष अमजद समेत भारी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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