यूकेडी ने बैंक किस्तों पर वर्ष के अंत तक रोक लगाने की मांग उठाई dehradun News
उत्तराखंड क्रांति दल ने एसडीएम के माध्यम से आरबीआइ गवर्नर को भेजे ज्ञापन में गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के समस्त प्रकार की बैंक किस्तों पर वर्ष के अंत तक रोक लगाने की मांग की।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Thu, 14 May 2020 12:28 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड क्रांति दल ने एसडीएम के माध्यम से आरबीआइ गवर्नर को भेजे ज्ञापन में गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के समस्त प्रकार की बैंक किस्तों पर वर्ष 2020 के अंत तक रोक लगाने की मांग की है।
उक्रांद जिलाध्यक्ष दिगंबर भंडारी के नेतृत्व में कार्यकर्ता तहसील पहुंचे। जहां पर उन्होंने एसडीएम सौरभ असवाल के माध्यम से आरबीआइ गवर्नर को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि कोरोना महामारी के कारण समस्त देशवासी आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं। स्वयं सरकार भी सामान्य जन के पालन पोषण में असमर्थ प्रतीत हो रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों ने 31 मई तक ही किस्तों में रियायतें दी है। कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा कि ये कोरोना महामारी आगामी कई महीनों तक अभी लोगों को संक्रमित करने में सक्रिय रहेगा। इसके परिणाम स्वरूप छोटे दुकानदारों से लेकर गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के लोग आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपनी बैंकों की किस्त देने में असमर्थ हैं। ऐसे उत्तराखंड के प्रत्येक गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों की प्रत्येक बैंक किस्त वर्तमान वर्ष के अंत तक पूर्ण रूप से रोकी जानी चाहिए।
उक्रांद कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि मांगे नहीं मानी जाती हैं तो वे भूख हड़ताल पर बैठने को बाध्य होंगे। ज्ञापन देने वालों में सुमित चौहान, मुख्तियार अहमद, प्रवीण गुलेरिया, अमजद खान आदि शामिल रहे।ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ 23 बीडीसी मेंबरों ने खोला मोर्चा
जौनसार-बावर परगने के चकराता क्षेत्र में 23 बीडीसी मेंबरों ने ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नाराज क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने ब्लॉक प्रमुख पर नियमों के विपरीत मनमाने से ढंग से काम करने का आरोप लगाते हुए बीडीओ चकराता से बजट आवंटन पर रोक लगाने की मांग की है।
उनका कहना है कि ब्लॉक प्रमुख ने बिना नियोजन समिति की सिफारिश के अपने हिसाब से क्षेत्र पंचायत विकास कार्यों का बजट तैयार कर उसे आवंटित किया है। बजट आवंटन को लेकर ब्लॉक प्रमुख व बीडीसी मेंबरों के बीच सियासी टकराव होने से अब अधिकारी फूंक-फूंक कर चल रहे हैं।त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को संपन्न हुए करीब छह माह का समय पूरा होने जा रहा है। चकराता ब्लॉक में बीडीसी की पहली बैठक होने के बाद ब्लॉक प्रमुख व क्षेत्र पंचायत सदस्यों के बीच सियासी टकराव का मामला सामने आया है। ब्लॉक प्रमुख की कार्यप्रणाली से नाराज चकराता क्षेत्र के 23 बीडीसी मेंबरों ने संयुक्त हस्ताक्षर वाला शिकायती पत्र खंड विकास अधिकारी दिया। इसमें नियमों के विपरीत क्षेत्र पंचायत के विकास कार्यों की योजना को बजट तैयार करने और उसे मनमाने से ढंग से आवंटित करने पर आपत्ति जताई है।
नाराज क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने शिकायती पत्र में कहा है कि पंचायतीराज अधिनियम के तहत नियोजन समिति की ओर से क्षेत्र पंचायत के विकास कार्यों की योजना का बजट तैयार किया जाता है। इसमें बीडीओ सचिव है। कहा कि नियोजन समिति का गठन क्षेत्र पंचायत समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव के तहत किया जाता है। जिसके बाद नियोजन समिति के मनोनीत सदस्य आम सभा में बजट को तैयार कर उसे विधिवत विकास कार्यों को आवंटित करते है।
आरोप है कि ब्लॉक प्रमुख ने नियमों के विपरीत बिना नियोजन समिति की सिफारिश के अपने हिसाब से मनमाने तरीके से बजट को तैयार कर उसका आंवटन किया है। जो पूर्णतय: गलत है। जिसका पता ज्येष्ठ उपप्रमुख, कनिष्ठ उपप्रमुख व नियोजन समिति के सदस्यों को बाद में चला। ब्लॉक प्रमुख के मनमानी करने से भड़के क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने बीडीओ चकराता से नियमों का हवाला देकर बजट आवंटन पर तुंरत रोक लगाने की मांग की है। 40 बीडीसी सीटों वाले चकराता ब्लॉक में बहुमत से अधिक बीडीसी मेंबरों के मुखर होने से ब्लॉक प्रमुख पर आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ाना तय है।
यह भी पढ़ें: वित्त मंत्री के आर्थिक पैकेज को कांग्रेस ने बताया आंकड़ों की बाजीगरीशिकायती पत्र में ज्येष्ठ उपप्रमुख विजयपाल ङ्क्षसह, कनिष्ठ उपप्रमुख शमशेर सिंह चौहान, बीडीसी मेंबरों में मनीषा जोशी, बनीता, कांतिराम, महेंद्र सिंह, ललिता, जोगेंद्र सिंह, ममता देवी, प्रेमा देवी, जगवीर सिंह, चमन, रमेश सिंह चौहान, उषा वर्मा व रमेश आदि के हस्ताक्षर हैं। वहीं, ब्लॉक प्रमुख चकराता निधि राणा ने कहा कि बजट आवंटन के संबंध में क्षेत्र पंचायत सदस्यों की नाराजगी को जल्द मिल बैठकर दूर कर दिया जाएगा।
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