यूकेडी युवा प्रकोष्ठ का शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर संघर्ष का एलान
उत्तराखंड क्रांति दल युवा प्रकोष्ठ का द्विवार्षिक अधिवेशन हरिद्वार रोड स्थित एक हॉल में आयोजित किया गया। इसमें 13 राजनीतिक प्रस्ताव पास किए गए।
By BhanuEdited By: Updated: Mon, 02 Dec 2019 12:55 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड क्रांति दल युवा प्रकोष्ठ का द्विवार्षिक अधिवेशन हरिद्वार रोड स्थित एक हॉल में आयोजित किया गया। इसमें 13 राजनीतिक प्रस्ताव पास किए गए। वहीं केंद्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी संपन्न हुआ। इसमें राजेंद्र सिंह बिष्ट सर्व सहमति से अध्यक्ष व अर्जुन सिंह कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि यूकेडी के अध्यक्ष दिवाकर भट्ट, विशिष्ट अतिथि काशी सिंह ऐरी, बीडी रतूड़ी, त्रिवेंद्र पंवार, हरीश पाठक, चंद्र शेखर कापड़ी, सरिता पुरोहित आदि ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने दल की विचारधारा व संघर्ष को युवाओं के बीच अधिकाधिक प्रचारित करने व उन्हें संगठित करने पर जोर दिया। कहा कि युवा प्रकोष्ठ ग्राम, वार्ड, तहसील, ब्लॉक व जनपद स्तर पर दल को मजबूती प्रदान करे। डीके पाल ने राजनीतिक प्रस्ताव पटल पर रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा प्रकोष्ठ के निवर्तमान अध्यक्ष सुशील उनियाल व संचालन यूकेडी महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी ने किया।
वहीं, वरिष्ठ नेत्री प्रमिला रावत के मार्गदर्शन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें मंजू नेगी के निर्देशन में बच्चों ने गणेश वंदना सहित अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में देवेंद्र कंडवाल, शैलेश गुलेरी, बहादुर सिंह रावत, जय प्रकाश उपाध्याय, रेखा मियां, राजेश्वरी रावत, सीमा रावत, राकेश राजपूत, विजय बौड़ाई, उत्तम रावत, शांति भट्ट आदि उपस्थित रहे।यह भी पढ़ें: मोदी सरकार के लिए चेतावनी है भारत बचाओ रैली: प्रीतम सिंह
ये रखी मांग -गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित किया जाए। -अधीनस्थ सेवा आयोग के तहत होने वाली नियुक्तियां केवल उत्तराखंड के युवाओं के लिए हो।-सिडकुल के अंतर्गत उद्योगों में स्थानीय व्यक्ति को 70 प्रतिशत रोजगार के शासनादेश का पालन। -हथकरघा, हस्तशिल्प, काष्ठ और तांबे के अलावा अन्य तरह के लघु उद्योगों को बढ़ावा।-प्रदेश में एक समान शिक्षा प्रणाली लागू करते हुए शिक्षा केबाजारीकरण पर रोक।
-आर्थिक विकास एवं पलायन रोकने के लिए कृषि, बागवानी, पशुपालन, वन उपज, कुटीर उद्योग व पर्यटन के लिए पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों की स्थितियों के अनुरूप नीतियां।-शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार कर स्कूली भवनों, खेल के मैदान, आधुनिक पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं व बहुउद्देश्यीय सभागार का निर्माण।-नशे के खिलाफ बनाई जाए प्रभावी रणनीति।यह भी पढ़ें: नई दिल्ली में प्रस्तावित भारत बचाओ रैली को लेकर सोनिया से मिले प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश
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