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उत्तराखंड: पुलिस भर्ती शुरू करने को बेरोजगारों ने किया सीएम आवास कूच, सड़क पर दिया धरना

भर्ती विज्ञप्ति जारी करने की मांग को लेकर बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जिन्हें पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। बेरोजगार सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। मुख्यमंत्री ने जनसंपर्क अधिकारी के आश्वासन पर बेरोजगार माने और लौट गए।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 18 Dec 2021 09:22 AM (IST)Updated: Sat, 18 Dec 2021 09:22 AM (IST)
पुलिस भर्ती शुरू करने को बेरोजगारों ने किया सीएम आवास कूच।

जागरण संवाददाता, देहरादून। पुलिस में विभिन्न पद के लिए भर्ती विज्ञप्ति जारी करने की मांग को लेकर बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जिन्हें पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। बेरोजगार सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। मुख्यमंत्री ने जनसंपर्क अधिकारी के आश्वासन पर बेरोजगार माने और लौट गए।

शुक्रवार को देवभूमि बेरोजगार मंच के बैनरतले प्रदेश भर के युवा परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। यहां से नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास के लिए निकले। हाथीबड़कला बैरिकेडिंग पर पुलिस ने रोका तो बेरोजगारों की नोकझोंक हो गई। इसके बाद वहीं धरने पर बैठ गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पीआरओ राजेश सेठी ने मौके पर पहुंचकर बेरोजगारों की मांग सुनी।

पीआरओ ने दो दिन के भीतर मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया। मंच के प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा बेरोजगार लंबे समय से आंदोलनरत हैं, बावजूद शासन स्तर पर कार्रवाई नहीं की जा रही। कहा मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। मौके पर विनोद कुमार, रंजीत सिंह, विवेक रावत, ऋषभ, मनीष श्रीवास्तव, राहुल नेगी आदि मौजूद रहे।

सेवानिवृत्ति से पूर्व पदोन्नति की मांग

सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी रमेश चंद्र पांडे ने सेवानिवृत्ति से पूर्व पदोन्नति की गुहार लगाई है। इस संबंध में उन्होंने लेखा परीक्षा निदेशक को पत्र लिखा है। पत्र में रमेश चंद्र पांडे ने कहा कि चयन वर्ष 2021-22 के लिए वर्तमान में रिक्त लेखा परीक्षा अधिकारी के चार पदों के सापेक्ष पदोन्नति के लिए शासन को भी पत्र भेजा गया है। लेकिन, बार-बार विभाग में कोई पद रिक्त न होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में पदोन्नति से वंचित कार्मिक तनाव से जूझ रहे हैं। चार पद रिक्त होने के चलते कार्मिक शीघ्र पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठता व योग्यता होने के बावजूद उन्हें पदोन्नति नहीं दी जा रही है। जबकि, वे शीघ्र ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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