Uniform Civil Code में गेमचेंजर साबित होगी जन भागीदारी, उत्तराखंड में मिले साढ़े चार लाख से अधिक सुझाव
Uniform Civil Code उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर रायशुमारी का सरकार का कदम गेमचेंजर साबित हो सकता है। यूसीसी विशेषज्ञ समिति को लिखित रूप से प्राप्त सुझावों की संख्या 3.50 लाख से अधिक है।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 29 Oct 2022 10:49 AM (IST)
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून : Uniform Civil Code : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर रायशुमारी का सरकार का कदम गेमचेंजर साबित हो सकता है। सुझाव देने में जनता की बढ़चढ़कर भागीदारी से विशेषज्ञ समिति का उत्साह बढ़ा दिया है।
समिति को बंपर सुझाव मिले हैं। इनमें लिखित रूप से प्राप्त सुझावों की संख्या 3.50 लाख से अधिक है। आनलाइन, ई-मेल और डाक से भेजे गए सुझावों को सम्मिलित करने पर यह आंकड़ा 4.50 लाख को पार कर चुका है। समिति अब धार्मिक एवं सामुदायिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर रही है।
यूसीसी पर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपनी है
विशेषज्ञ समिति को छह महीने के भीतर यूसीसी पर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपनी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने को बीती 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया।समिति के सदस्यों में न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) प्रदीप कोहली, सेवानिवृत्त आइएएस शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल एवं सामाजिक कार्यकत्र्ता मनु गौर सम्मिलित हैं। यूसीसी पर सुझाव आमंत्रित करने के लिए समिति ने बीती आठ सितंबर को वेबसाइट लांच की थी।
समान नागरिक संहिता को लेकर समिति को अब तक बड़ी संख्या में सुझाव मिल हैं। साढ़े तीन लाख से अधिक सुझाव तो समिति के कार्यालय को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। 60 हजार सुझाव आनलाइन माध्यमों से मिले हैं। ई-मेल से 22 हजार सुझाव प्राप्त हुए हैं।
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डाक से प्राप्त सुझावों की संख्या 30 हजार है। इसके अतिरिक्त समिति ने अब विभिन्न सामुदायिक संस्थाओं, संगठनों, धार्मिक समुदायों और संस्थाओं से भी संपर्क साधना प्रारंभ किया है।अभी तक ऊधमसिंहनगर जिले में नानकमत्ता गुरुद्वारों में सिख प्रतिनिधियों और हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के संतों से संपर्क साधा जा चुका है। उत्तराखंड में यह जिम्मा समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह, सुरेखा डंगवाल और मनु गौर संभाल रहे हैं। समिति अन्य धर्म गुरुओं व समुदायों से भी भेंटकर उनका परामर्श प्राप्त कर रही है। भेंट का यह क्रम लगातार जारी है।
समिति यूसीसी से संबंधित सात बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट में प्रदेश के प्रमुख धर्मों, समुदायों एवं जनजातियों के प्रमुख प्रतिष्ठित व्यक्तियों के सुझावों व मंतव्यों को सम्मिलित करेगी। विशेषज्ञ समिति के दो कार्यालयों में एक देहरादून और दूसरा नई दिल्ली में है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।विशेषज्ञ समिति को सौंपे गए प्रमुख कार्य एवं उत्तरदायित्व
- राज्य में निवास करने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रासंगिक कानूनों का मसौदा तैयार करना
- वर्तमान में प्रचलित कानूनों में संशोधन व सुझाव उपलब्ध कराना
- राज्य में विवाह, तलाक के संबंध में वर्तमान में प्रचलित कानूनों में एकरूपता लाने का मसौदा बनाना
- संपत्ति के अधिकार एवं उत्तराधिकार के संबंध में प्रचलित कानूनों में एकरूपता
- विरासत, गोद लेने एवं रखरखाव और संरक्षण के संबंध में प्रचलित कानूनों में एकरूपता
- राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए मसौदा तैयार करना
- अन्य बिंदु, जो विशेषज्ञ समिति को प्रस्तावित समान नागरिक संहिता के लिए जनहित में उपयुक्त हों।