उत्तराखंड में एका बिसरा कांग्रेसी दिग्गजों को सुहाई जंग, पढ़िए पूरी खबर
केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ जंग जैसे मोर्चे पर व्यस्त हैं वहीं प्रदेश में एकजुटता को बिसरा के कांग्रेस के बड़े नेता एकदूसरे के खिलाफ लोहा लेने में डटे हुए हैं।
By Edited By: Updated: Sun, 05 Jan 2020 11:05 AM (IST)
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। कांग्रेस के शीर्ष केंद्रीय नेता जहां अपने सिमटते सियासी वजूद को विस्तार देने को केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ जंग जैसे मोर्चे पर व्यस्त हैं, वहीं प्रदेश में एकजुटता को बिसरा के कांग्रेस के बड़े नेता एकदूसरे के खिलाफ लोहा लेने में डटे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खेमा एक बार फिर प्रदेश में संगठन और विधानमंडल दल के नेता के खिलाफ सोशल मीडिया पर तल्ख हो गया है।
वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के लिए वक्त की दूरी जैसे-जैसे घट रही है, प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता अपने ताकतवर प्रतिद्वंद्वी भाजपा से ज्यादा अपनों के खिलाफ दो-दो हाथ को मुस्तैद होते दिख रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस की पुरानी कमेटी भंग होने और नई कमेटी के जल्द वजूद में आने की कवायद के दौरान ये खेमों के बीच तेज होती तल्खी ने गुटबाजी को नई धार दे दी है। कांग्रेस हाईकमान की हिदायत पर बीती 28 दिसंबर को प्रदेश में हुई संविधान बचाओ, भारत बचाओ रैली में पार्टी में एका दिखाई दी थी।
चंद दिनों बाद ही ये एकजुटता तार-तार होने लगी है। ताजा मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत खेमे के बेहद नजदीक माने जाने वाले धारचूला विधायक हरीश धामी ने उक्त रैली में हरीश रावत की उपेक्षा को मुद्दा बनाकर प्रदेश नेतृत्व पर हमला बोला। धामी की निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़कर देखने की नसीहत दे चुके हैं।
इस मामले में नेता कांग्रेस विधानमंडल दल और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की विधायक धामी को नसीहत पर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। इशारों में उन्होंने भी हरीश रावत की उपेक्षा के मुद्दे को उछाला। जवाब में प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश की जोड़ी ने भी अपने अंदाज में पलटवार में देरी नहीं लगाई। यह भी पढ़ें: ननकाना साहिब में पथराव पर भड़का सिख समुदाय, पाकिस्तान का पुतला फूंका
कांग्रेस की गुटबंदी सोशल मीडिया पर नुमायां होते ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह माहौल में और तल्खी घोलने से कदम पीछे खींचते दिखे। उनके करीबी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक पूर्व पदाधिकारी की सोशल मीडिया पर पार्टी में विरोधियों पर की गई टिप्पणी को उन्होंने डिलीट करवा दिया। यह भी पढ़ें: विकास के नाम पर नहीं होने देंगे मंदिरों का अधिग्रहण : डॉ. प्रवीण तोगड़िया
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