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देहरादून में हड़ताल पर उपनल कर्मचारी: कामकाज ठप रहा, ऑपरेशन टले; जानें क्या है उनकी मांग?

देहरादून में सोमवार को उपनल कर्मियों की हड़ताल से कई ऑपरेशन टालने पड़े। इसके साथ ही ओपीडी के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा। बता दें कि सभी विभागों के उपनल कर्मियों ने नियमितीकरणसमान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर सचिवालय की ओर कूच किया। पुलिस ने उन्हें सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग पर रोका। इसके बाद उपनल कर्मी बैरिकेडिंग पर ही धरने पर बैठे।

By rajesh panwar Edited By: Sakshi Gupta Updated: Mon, 11 Nov 2024 07:44 PM (IST)
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बड़ी संख्या में उपनल कर्मचारियों ने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। (तस्वीर जागरण)
जागरण संवाददाता, विकासनगर। देहरादून में सभी विभागों के उपनल कर्मियों ने सोमवार को नियमितीकरण, समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर सचिवालय की ओर कूच किया। सभी उपनल कर्मी परेड मैदान में एकत्र हुए। यहां से विकास भवन चौक, कॉन्वेंट चौक, लैंसडाउन चौक, कनक चौक से होते हुए सचिवालय कूच किया।

हालांकि उपनल कर्मियों को पुलिस ने सचिवालय से पहले ही रोक लिया था। उपनल कर्मियों की हड़ताल के कारण कई विभागों में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित रहा। उप जिला चिकित्सालय विकासनगर में 23 उपनल कर्मियों के हड़ताल पर होने के कारण ऑपरेशन टालने पड़े। सोमवार को दो ऑपरेशन थे। इसके अलावा पर्चा काउंटर पर दूसरा कर्मी बैठाना पड़ा। जिस कारण पर्चा बनवाने वालों की लंबी लाइन लगी रही। हड़ताल के कारण मरीजों की मरहम पटटी तक नहीं हो पाई। वहीं, ऊर्जा निगम में भी 47 उपनल कर्मियों के हड़ताल पर रहने के कारण राजस्व वसूली समेत कई काम प्रभावित रहे।

उपनल कर्मियों ने इन मांगों को लेकर किया कूच

उपनल कर्मियों ने नियमितीकरण, समाज कार्य, समाज वेतन आदि मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया। पछवादून के भी उपनल कर्मियों ने हड़ताल रखकर कूच में प्रतिभाग किया, जिस कारण जिन विभागों में उपनल कर्मियों की संख्या ठीक ठाक थी, वहां पर कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ। उपनल कर्मियों की हड़ताल के कारण उप जिला चिकित्सालय विकासनगर में कामकाज प्रभावित रहा। उप जिला चिकित्सालय में 23 कर्मी उपनल के माध्यम से तैनात हैं। ओपीडी से लेकर इंडोर वार्ड, प्रसूति विभाग, ओटी समेत आपातकालीन वाहन सेवा का संचालन उपनल कर्मियों के जिम्मे है।

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धरने पर बैठे रहने से कामकाज हुआ प्रभावित

कर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण अस्पताल में पंजीकरण काउंटर से लेकर ओपीडी, ओटी के कार्य तक प्रभावित रहने पर मरीजों को दिक्कतें झेलनी पड़ी। पछवादून में सरकारी अस्पताल, ऊर्जा निगम, तहसील कार्यालय आदि में उपनल संविदा कर्मी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। ऐसे में सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज की रफ्तार धीमी रही। तहसील की ई-डिस्ट्रक्ट सेवा, उप निबंधक कार्यालय में भी काम प्रभावित रहा। शिक्षा, सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग में अवर अभियंता समेत अन्य कई पदों पर उपनल संवादा कर्मी तैनात होने के कारण यहां पर भी काम प्रभावित रहा।

ओपीडी में मरीजों के लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा

जौनसार बावर के अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं भी उपनल कर्मियों के कारण प्रभावित रही। हालांकि अधिकारियों ने नियमित कर्मियों को अतिरिक्त समय तक ड्यूटी पर लगाकर व्यवस्था बनाने की कोशिश की। उप जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय सिंह ने बताया कि ऑपरेशन टालने पड़े, मरहम पटटी तक नहीं हो पाई। पर्चा काउंटर पर अन्य कर्मी की डयूटी लगाई गई, लेकिन ओपीडी में मरीजों को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।

राजस्व वसूली का काम भी ठप रहा

यदि उपनल कर्मियों की हड़ताल लंबी चलती है तो समस्या बढ़ सकती है। वहीं, ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना ने बताया कि 47 उपनल कर्मियों के हड़ताल पर रहने की वजह से कामकाज प्रभावित रहा, क्योंकि 30 उपनल कर्मी लाइन स्टाफ व बाकी अन्य कार्यों में हैं। राजस्व वसूली कार्य बिल्कुल नहीं हो पाया।

उधर, राज्य के एकमात्र राज्य मानसिक चिकित्सा संस्थान के वरिष्ठ मनाेरोग विशेषज्ञ डॉ. रविंद्र नवानी के अनुसार, अस्पताल में संविदा पर छह वार्ड ब्वॉय व आठ वार्ड आया हैं, लेकिन सीएमएस डॉ. विनय शर्मा के आग्रह पर कर्मियों के काम पर रहने की वजह से कामकाज प्रभावित नहीं हुआ।

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