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CoronaVirus: कोरोना वायरस की दहशत के बीच मेडिकल छात्रों का छुट्टी को लेकर एम्स ऋषिकेश में हंगामा

एम्‍स ऋषिकेश में कोरोना वायरस की दहशत के बीच मेडिकल के छात्रों ने देर रात तक हंगामा काटा। हंगामा कर रहे छात्रों को एम्स प्रशासन ने देर रात शांत करा दिया।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 19 Mar 2020 02:55 PM (IST)
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CoronaVirus: कोरोना वायरस की दहशत के बीच मेडिकल छात्रों का छुट्टी को लेकर एम्स ऋषिकेश में हंगामा
ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में कोरोना वायरस की दहशत के बीच मेडिकल के छात्रों ने देर रात तक हंगामा काटा। छुट्टी की मांग को लेकर हंगामा कर रहे छात्रों को एम्स प्रशासन ने देर रात शांत करा दिया।  

एम्स ऋषिकेश में  बुधवार की देर रात छुट्टी की मांग को लेकर करीब 150 मेडिकल स्टूडेंट कॉलेज कैंपस में उतर आए। छात्रों ने रात करीब 10 बजे प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों का कहना था कि जब देश भर में अधिकतर कॉलेजों को बंद कर दिया गया है तो फिर उन्हें क्यों छुट्टी नहीं दी जा रही है। ज्यादातर एम्स में छुट्टियां घोषित कर दी गईं हैं। आरोप है कि कॉलेज प्रशासन द्वारा घर वालों को मेल का भी जवाब नहीं दिया जा रहा है। छात्रों का कहना था कि वे मेडिकल के स्टूडेंट्स हैं, इसलिए उनका अस्पताल में आनाजाना लगा रहता है। छात्रों का आरोप है कि स्वास्थ मंत्रालय के आदेश और मानकों का इस मामले में अनुपालन नहीं हो रहा है। रात 12 बजे तक करीब  छात्र एम्स परिसर स्थित छात्रावास के बाहर जमा थे। इस दौरान एम्स प्रशासन द्वारा छात्रों को समझाने का प्रयास किया जा रहा था। एम्स के डीन शैक्षणिक व प्रवक्ता डा. मनोज कुमार गुप्ता छात्रों को समझाने के लिए मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पूरे देश में भारत सरकार द्वारा मेडिकल इमरजेंसी लागू की गई है। जिसमें प्रशिक्षित चिकित्सकों सहित प्रशिक्षु चिकित्सकों की भी मदद ली जा रही है।उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सुरक्षा संबंधी छात्रों के आरोप बेबुनियाद है। कक्षा के भीतर समूह में छात्रों को नहीं बैठाया जा रहा है। बकायदा सेनिटाइजर उपलब्ध कराए गए हैं। बैठने की व्यवस्था में एक मीटर का अंतर रखा गया है। डीन ऐकेडमिक डॉ. गुप्ता ने कहा कि देर रात समझाने के बाद सभी छात्र लौट गए हैं।

एसएससी की परीक्षा में नहीं लगेगी बायोमैट्रिक हाजिरी

आज से शुरू हो रही कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की कम्बाइंड हायर सेकंडरी स्तर की परीक्षा में अभ्यर्थियों की हाजिरी बायोमैट्रिक की बजाय मैनुअल दर्ज की जाएगी। आयोग ने यह फैसला कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर लिया है। इस बाबत सभी परीक्षा केंद्रों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।

चार दिन तक होने वाली इस परीक्षा के लिए दून में भी कई केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें लाखों परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसे देखते हुए एसएससी ने परीक्षा के दौरान कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए भी गाइडलाइन जारी की है। जिसमें परीक्षा में शामिल हो रहे छात्र-छात्राओं के साथ केंद्र पर तैनात शिक्षकों व कर्मचारियों को तमाम जरूरी एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है।

एसएससी के आवश्यक निर्देश

-हाजिरी के लिए बायोमैट्रिक की जगह पुराने तरीके अपनाए जाएंगे।

-छात्रों को उपस्थिति पुस्तिका पर स्याही से अंगूठे का निशान लगाना होगा।

-अनिवार्य रूप से मास्क पहनकर आने के साथ सेनिटाइजर भी लाना होगा।

-उपस्थिति के दौरान फोटो लेने या वीडियोग्राफी करने के लिए ही मास्क हटाना होगा।

-परीक्षार्थियों को पारदर्शी बॉल पेन लाने की भी छूट होगी।

-परीक्षा केंद्र के कमरे, कंप्यूटर, की-बोर्ड, टेबल, दरवाजे समेत अन्य चीजों को सेनीटाइज करना होगा।

-परीक्षार्थियों को अपने साथ पानी की बोतल लाने की छूट है। 

परीक्षा रद होने की अफवाह

कोरोना के चलते एसएससी की परीक्षा रद होने के कयास भी लगाए जा रहे थे। सोशल मीडिया पर ऐसे कई भ्रामक पोस्ट वायरल भी हुए कि परीक्षा रद कर दी गई है। लेकिन, एसएससी की वेबसाइट पर ऐसी कोई जानकारी नहीं थी।

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तमाम छात्र छोड़ सकते हैं परीक्षा

कोरोना का असर परीक्षार्थियों की उपस्थिति पर भी पड़ने की आशंका है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी होने के बाद अधिकांश लोग सफर करने से बच रहे हैं। ऐसे में जिन छात्र-छात्राओं का केंद्र दूसरे शहर में है, वह परीक्षा छोड़ भी सकते हैं।

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