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उत्‍तराखंड के अंकित ने कांग्यात्से पर लहराया तिरंगा, छह दिन में दो दुर्गम चोटियों को फतह करने वाले प्रथम पर्वतारोही

Kangyatse Peaks उत्तराखंड के अंकित भारती ने लद्दाख क्षेत्र के मारखा घाटी में स्थित कांग्यात्से-1 और कांग्यात्से-2 चोटियों को फतेह कर इतिहास रच दिया है। प्रतिकूल मौसम के बावजूद उन्होंने 6400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कांग्यात्से-1 और 6250 मीटर पर स्थित कांग्यात्से-2 में चढ़कर तिरंगा लहराया। अंकित छह दिन में दोनों दुर्गम चोटियों को फतह करने वाले पहले पर्वतारोही बन गए हैं।

By tuhin sharma Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 23 Aug 2024 10:56 AM (IST)
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Kangyatse Peaks: अंकित भारती ने देवभूमि का नाम रोशन किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Kangyatse Peaks: लद्दाख क्षेत्र के मारखा घाटी में स्थित कांग्यात्से-1 और कांग्यात्से-2 चोटियों को फतेह अंकित भारती ने देवभूमि का नाम रोशन किया।

प्रतिकूल मौसम के दौरान उन्होंने 6,400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कांग्यात्से-1 और 6,250 मीटर पर स्थित कांग्यात्से-2 में चढ़कर तिरंगा लहराया। इससे पहले वह अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची व दुर्गम चोटी माउंट क्लिमिंजरो पर चढ़कर राष्ट्रध्वज लहरा चुके हैं।

देहरादून के क्लीमेनटाउन निवासी अंकित भारती ने वर्ष 2019 में बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स किया और 2021 में नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग से एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स ए-ग्रेड के साथ पूरा किया। वर्ष 2024 में सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स का प्रशिक्षण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से लिया।

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अमित कुमार सिन्हा ने फ्लैग आफ कर दी थी शुभकामनाएं

माउंट कांग्यात्से के रोहण के लिए उन्हें खेल विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा ने फ्लैग आफ कर शुभकामनाएं दी थी। अंकित ने बताया कि उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत 14 अगस्त को लेह से समिट कैंप के लिए की। 17 अगस्त की सुबह सात बजे बेस समिट कैंप से उन्होंने कांग्यात्से-1 में चढ़ने के लिए चढ़ाई शुरू की। भारी बर्फबारी के बावजूद चार घंटे में वह कांग्यात्से-1 पीक पर पहुंच गए।

18 अगस्त को सुबह 8:15 बजे उन्होंने समिट कैंप से कांग्यात्से-2 के लिए चढ़ाई शुरू की और दोपहर 1:20 बजे उन्होंने इस चोटी पर भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अभियान की विशेषता यह रही कि छह दिन में वह दोनों दुर्गम चोटियों को फतह करने वाले प्रथम पर्वतारोही बने।

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अंकित उत्तराखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन में टेक्निकल कमेटी के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं। उनका अगला लक्ष्य वर्ष 2025 में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करने का है।

इस अभियान में सहयोग करने के लिए अंकित ने सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, एसडीआरएफ और माउंट क्राफ्ट को धन्यवाद दिया। उनकी उपलब्धि पर महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज के प्रधानाचार्य राजेश ममगांई, उत्तराखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव केजेएस कलसी और ओलंपियन मनीष रावत ने बधाइयां दी।

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