Uttarakhand: प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले युवा ध्यान दें! आंसर शीट में ये लिखना पड़ेगा भारी, मिलेगी सजा
Uttarakhand Anti Copying Law शनिवार को जारी अधिसूचना के बाद नकल विरोधी सख्त कानून अस्तित्व में आ चुका है। वहीं अब भर्ती परीक्षाओं और परीक्षा से संबंधित प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजियों के संबंध में झूठी व भ्रामक सूचना भी दंड के दायरे में आ गई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: Uttarakhand News: सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश, 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है।
अस्तित्व में आया नकल विरोधी सख्त कानून
अब भर्ती परीक्षाओं और परीक्षा से संबंधित प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजियों के संबंध में झूठी व भ्रामक सूचना भी दंड के दायरे में आ गई है। ऐसी सूचनाओं को प्रसारित करने वाली संस्था एवं व्यक्ति को दोषी माना जाएगा।
शनिवार को जारी अधिसूचना के बाद नकल विरोधी सख्त कानून अस्तित्व में आ चुका है। इसमें कड़े प्रविधानों के साथ में व्यक्ति, संस्थान, पर्यवेक्षण करने वाले कर्मचारी व अभ्यर्थियों के संबंध में स्थिति स्पष्ट की गई है।
ये हैं कड़े प्राविधान
- प्रश्नपत्र के प्रतिरूप को प्रकट करने, इसका प्रयास करने अथवा षडय़ंत्र करने, प्रश्नपत्र को प्राप्त करने, प्रश्नपत्र हल करना अथवा इसका प्रयास करना भी दंड के दायरे में होगा।
- परीक्षार्थी की प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करना और आनलाइन परीक्षाओं के प्रश्नपत्र हल करने, सहायता करने अथवा ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करने वालों को भी दंडित किया जाएगा।
- परीक्षा के पर्यवेक्षण कार्यों में लगे कार्मिकों या किसी रिश्तेदार को चोट पहुंचने की लिखित, मौखिक व संकेतों से धमकी देने को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
- उत्तर पुस्तिका में अपशब्द, अश्लील एवं अभद्र भाषा का प्रयोग भी दंड के दायरे में लिया गया है।
- प्रश्नपत्र की चोरी, वसूली या नियम विरुद्ध उत्तर पुस्तिका और ओएमआर शीट को हटाना या नष्ट करना भी अपराध माना गया है।
- कर्मचारी प्रश्नपत्र को प्राप्त करने अथवा इसका प्रयास करने अथवा हल करने का कार्य नहीं करेगा।
- प्रश्नपत्र से संबंधित गोपनीय सूचना लीक नहीं की जाएगी। कोई भी डाटा प्रकट नहीं किया जाएगा। ऐसा करना दंड की श्रेणी में रहेगा।
- इस अध्यादेश में जिला मजिस्ट्रेट को तलाशी और अभिग्रहण की शक्ति दी गई है।
- वहीं पुलिस को इस मामले में गिरफ्तार करने की शक्ति दी गई है।
केंद्रों में तैनाती के मानक सख्त
अध्यादेश में परीक्षा केंद्र में प्रवेश के मानकों को सख्त किया गया है। इसमें साफ किया गया है कि जो व्यक्ति परीक्षा में तैनात नहीं है अथवा उसे परीक्षा के संचालन में नहीं रखा गया है वह परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करेगा।
परीक्षा केंद्र में अनुचित साधन पर रोक
यह भी स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा केंद्र में किसी प्रकार का इलेक्ट्रानिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, घड़ी, केलकुलेटर, घड़ी, चिप अथवा कंप्यूटर को प्रभावित करने वाला उपकरण ले जाना प्रतिबंधित रहेगा।
परीक्षा कराने वाले कंपनी भी दायरे में
यह भी साफ किया गया है कि यदि अध्यादेश में दिया गया कोई अपराध कंपनी द्वारा किया जाता है तो इस अवधि में जो भी कंपनी का प्रभारी और संचालन के लिए जिम्मेदार होगा वह भी इसका दोषी माना जाएगा।
यह दिया जाएगा दंड
- परीक्षार्थी के नकल करते अथवा करवाते हुए पकड़े जाने पर न्यूनतम पांच लाख जुर्माना और नौ माह का कारावास।
- दोबारा पकड़े जाने पर दस लाख का जुर्माना और तीस माह का कारावास
- परीक्षा से संबंधित व्यक्ति जो परीक्षा कराने से लेकर परिवहन तक में शामिल होगा उसे दोषी पाए जाने पर दस वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और न्यूनतम एक करोड़ से लेकर 10 करोड़ तक का जुर्माना व तीन साल की सजा।
- संगठित अपराध की श्रेणी में पकड़े जाने पर दस वर्ष से लेकर आजीवन कारावास व एक करोड़ से लेकर 10 करोड़ तक का जुर्माना।
- उत्तर पुस्तिकाओं व ओएमआर शीट में छेड़छाड़ पर न्यूनतम सात से 10 वर्ष का कारावास और न्यूनतम 50 लाख से लेकर एक करोड़ तक का जुर्माना
- अपराध करने पर परीक्षार्थी को आरोप पत्र दाखिल होने पर दो से पांच साल का कारावास व दोष सिद्ध होने पर दस वर्ष का कारावास व सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किया जाएगा।
- दूसरे बार पकड़े जाने पर आरोप पत्र दाखिल होने पर पांच से 10 वर्ष का कारावास व दोष सिद्ध होने पर प्रतियोगी से आजीवन परीक्षाओं से प्रतिबंधित होंगे।
संपत्ति की जाएगी कुर्क
अध्यादेश में दोष साबित होने पर दोषी व्यक्ति अथवा संस्थान की संपत्ति कुर्क करने की व्यवस्था भी इस अध्यादेश में की गई है।