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उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में जुटी भाजपा, इनपर रहेगा फोकस

Uttarakhand Assembly Election 2022 करीब आठ माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा रणनीति तैयार करने में जुट गई है। इस क्रम में कर्मचारी किसान प्रवासी महिला और एससी-एसटी वर्ग पर खास फोकस करने का निश्चय किया गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Wed, 09 Jun 2021 10:02 PM (IST)
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उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में जुटी भाजपा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2022 करीब आठ माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा रणनीति तैयार करने में जुट गई है। इस क्रम में कर्मचारी, किसान, प्रवासी, महिला और एससी-एसटी वर्ग पर खास फोकस करने का निश्चय किया गया है। इन वर्गों को लुभाने के लिए पार्टी का प्रांतीय नेतृत्व इन दिनों मंथन में जुटा हुआ है।

उत्तराखंड में वर्ष 2017 में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा के सामने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। फिर इस मर्तबा परिस्थितियां भी एकदम से बदली-बदली सी हैं। प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन में नेतृत्व परिवर्तन हो चुका है। साथ ही कोरोना संक्रमण की दूसरी के कारण प्रदेश विषम परिस्थितियों से जूझ रहा है। ऐसे में सरकार और संगठन दोनों की परीक्षा विधानसभा चुनाव में होनी है। इस सबको देखते हुए भाजपा नेतृत्व फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रहा है।

इस कड़ी में मुख्य फोकस कर्मचारी वर्ग पर रहेगा, क्योंकि आमधारणा रही है कि भाजपा शासनकाल में कर्मचारी वर्ग अक्सर नाराज रहता है। इस धारणा को दूर करने के मद्देनजर कर्मचारियों से पार्टी नेतृत्व निरंतर संवाद करने के साथ ही कुछ पदाधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंप सकता है। यही नहीं, कृषि कानूनों को लेकर मैदानी क्षेत्र के किसानों में नाराजगी भी है, जिसे दूर करने को रणनीति अख्तियार की जा रही है। इसी तरह की रणनीति महिलाओं, कोरोना संक्रमण के कारण देश के विभिन्न हिस्सों से गांव लौटे प्रवासियों के अलावा अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए भी तैयार की जा रही है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव के सिलसिले में इस माह के आखिर या फिर अगले माह के प्रथम सप्ताह में होने वाली चिंतन बैठक में यह विषय रखे जाएंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विमर्श के बाद इन वर्गों को चुनावी नजरिये से साधने के लिए मंत्री, विधायकों के साथ ही पार्टी के प्रांतीय पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं।

प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो एक चुनाव खत्म होने के बाद निंरतर सेवा कार्यों में जुटी रहती है। उत्तराखंड का सूरतेहाल भी इससे जुदा नहीं है। भाजपा निरंतर जनता के बीच काम कर रही है और राज्यवासियों का उसे निरंतर आशीर्वाद मिल रहा है। पार्टी की नीतियां सर्वसमाज के रूप में हैं। यदि कहीं पर कोई कमी नजर आती है तो उसे ठीक किया जाता है।

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