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चुनाव से ठीक पहले नेताओं के कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं तेज, पार्टी बेचैन; 2017 में झेली थी बड़ी टूट

Uttarakhand Assembly Election 2022 कांग्रेस से अन्य विधायकों व नेताओं के भाजपा का दामन थामने की चर्चाओं से पार्टी में बेचैनी बढ़ गई है। प्रदेश में इस तरह के माहौल ने पार्टी हाईकमान के माथे पर बल डाल दिए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 14 Sep 2021 09:27 PM (IST)
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चुनाव से ठीक पहले नेताओं के कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं तेज, पार्टी बेचैन।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2022 में प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही कांग्रेस से अन्य विधायकों व नेताओं के भाजपा का दामन थामने की चर्चाओं से पार्टी में बेचैनी बढ़ गई है। प्रदेश में इस तरह के माहौल ने पार्टी हाईकमान के माथे पर बल डाल दिए हैं। हाईकमान ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत को दिल्ली तलब किया। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत पार्टी के अन्य केंद्रीय नेताओं से प्रदेश के इन सभी बड़े नेताओं ने मुलाकात कर राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की।

2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को प्रदेश में बड़ी टूट झेलनी पड़ी थी। पिछली कांग्रेस सरकार के कई मंत्री व विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए थे। कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा। अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस को एक बार फिर टूट से गुजरना पड़ रहा है। पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार बीते रोज पार्टी छोड़कर भाजपा के साथ हो लिए।

इंटरनेट पर तेज हैं चर्चाएं

पार्टी की दिक्कत ये है कि बात राजकुमार के बाद भी यह सिलसिला थमेगा, इसे लेकर तरह-तरह की आशंकाएं सिर उठाने लगी हैं। अन्य विधायकों और पूर्व विधायकों व बड़े नेताओं के भी पार्टी छोडऩे को लेकर इंटरनेट मीडिया में चर्चाएं तेज हैं। राजकुमार के पार्टी छोडऩे के बाद ऐसी चर्चाएं और तेज हो गई हैं। विधायक राजकुमार के बीते दिनों पार्टी के साथ मतभेद की बात भी सामने आ रही है। इस बारे में भी पार्टी ने समय रहते कदम उठाने की जरूरत महसूस नहीं की।

चुनाव से पहले भगदड़ के अंदेशे से चिंता

सोमवार को दिल्ली में मौजूद रहे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी पार्टी में अपनी उपेक्षा का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं। चुनाव के मौके पर कांग्रेस में भगदड़ की आशंका से कांग्रेस हाईकमान को चुनावी माहौल पर बुरा असर पड़ने का डर सताने लगा है। कांग्रेस की इस मनोदशा का फायदा भाजपा या अन्य कोई दल न उठाए, इसे लेकर हाईकमान प्रदेश के सभी नेताओं को अलर्ट मोड में लाने जा रहा है।

सूत्रों की मानें तो प्रदेश के सभी प्रमुख नेताओं को केंद्रीय नेताओं के माध्यम से हाईकमान ने संदेश दे दिया है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के जन्मदिन समारोह के मौके पर पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने राज्य से गए नेताओं के साथ लंबी चर्चा की।

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वेट एंड वाच मोड में कांग्रेस

उधर, कांग्रेस भी जवाबी रणनीति के रूप में भाजपा में मचने वाली भगदड़ का इंतजार कर रही है। दरअसल कांग्रेस विधायक, निर्दलीय विधायक के शामिल होने के बाद भाजपा में भी असंतोष सतह पर आने लगा है। कांग्रेस को अंदेशा है कि चुनाव नजदीक आने तक भाजपा को भी टूट का सामना करना पड़ सकता है। इसे देखते हुए प्रमुख विपक्षी दल फिलहाल इंतजार की मुद्रा में है।

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