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जानें- हरीश रावत और कांग्रेस चुनाव से ठीक पहले क्यों हैं आमने-सामने, आखिर ऐसी क्या इच्छा कर चुके जाहिर

Uttarakhand Assembly Elections 2022 चुनाव अभियान को गति देने आए पार्टी के केंद्रीय नेताओं के इस मामले में हाईकमान का रुख दोबारा साफ करते ही पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने भी जवाबी दांव चलने में देर नहीं लगाई।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 21 Dec 2021 04:45 PM (IST)
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जानें- हरीश रावत और कांग्रेस चुनाव से ठीक पहले क्यों हैं आमने-समाने।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Elections 2022 कांग्रेस 2022 के चुनाव में किसी चेहरे विशेष पर दांव नहीं खेलेगी, लेकिन ये मुद्दा पार्टी में खींचतान बरकरार रखने जा रहा है। चुनाव अभियान को गति देने आए पार्टी के केंद्रीय नेताओं के इस मामले में हाईकमान का रुख दोबारा साफ करते ही पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने भी जवाबी दांव चलने में देर नहीं लगाई। चुनाव अभियान समिति की कमान और फिर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण का हवाला देकर मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में आगे रखने की अपनी इच्छा खुलकर जाहिर कर दी।

उत्तराखंड में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस बेहद सतर्क है। 2016 में पहले बड़ी टूट और फिर 2017 में बड़ी हार का सामना कर चुकी कांग्रेस 2022 में होने वाले चुनाव में बेहद सधे अंदाज में कदम आगे बढ़ा रही है। इस चुनाव में पार्टी सभी का सहयोग लेकर आगे बढ़ने की अपनी मंशा साफ कर चुकी है। गुटीय खींचतान को रोकने और एकजुट होकर चुनाव में जाने की रणनीति के तहत ही पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर जोर दे रही है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से लेकर पार्टी के केंद्रीय नेता सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लडऩे की पार्टी की मंशा साफ कर चुके हैं। पार्टी के इस आत्मविश्वास में 16 दिसंबर के बाद और वृद्धि हुई है। रैली में भीड़ जुटाने में कामयाब रही पार्टी के केंद्रीय नेता अब खुलकर बोल रहे हैं कि राज्य में विधानसभा चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम पर और सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा। हालांकि प्रदेश में पार्टी के चुनाव अभियान की बागडोर संभाल रहे और पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार में ताकत झोंक रहे हरीश रावत कई बार मुख्यमंत्री के चेहरे को आगे करने की पैरवी कर चुके हैं।

प्रदेश में कांग्रेस स्क्रीङ्क्षनग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय कह रहे हैं कि राहुल के नाम व सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। उनकी इस टिप्पणी से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व उनके समर्थक असहज दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इसके तुरंत बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर उन्हें आगे किए जाने की चाहत जाहिर कर दी। इसके लिए वह पहले चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपे जाने का हवाला देते रहे हैं। अब उन्होंने चुनाव पूर्व किए गए एक सर्वेक्षण का हवाला दिया है। फिलहाल कांग्रेस और हरीश रावत के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खींचतान अभी जारी रहने के ही संकेत हैं।

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