Uttarakhand Election: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कौशिक बोले, अपने शीर्ष नेताओं को बुलाने से कतराती है कांग्रेस
Uttarakhand Assembly Elections 2022 मदन कौशिक ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को अपने शीर्ष नेताओं के उत्तराखंड आगमन पर माहौल बिगड़ने का खतरा हो जाता है इसीलिए वह अपने राष्ट्रीय नेताओं को यहां बुलाने से कतराती है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 27 Nov 2021 12:52 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को अपने शीर्ष नेताओं के उत्तराखंड आगमन पर माहौल बिगड़ने का खतरा हो जाता है, इसीलिए वह अपने राष्ट्रीय नेताओं को यहां बुलाने से कतराती है। उन्होंने काग्रेस के उस बयान पर पलटवार करते हुए यह बात कही, जिसमें कहा गया था कि भाजपा को स्थानीय नेताओं पर विश्वास नहीं है।
कौशिक ने कहा कि कांग्रेस को खुद की चिंता करने की जरूरत है। वर्तमान में कांग्रेस घबराई हुई है और बेचैनी के चलते उसे कुछ सूझ नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश स्तर के नेता अपने राष्ट्रीय नेताओं को यहां बुलाने से हमेशा परहेज करते हैं, क्योंकि उन्हें बुलाने से पहले नफा-नुकसान का आकलन भी किया जाता है। कांग्रेस को लगता है कि अपने राष्ट्रीय नेताओं को बुलाने से कहीं लेने के देने न पड़ जाएं। पूर्व में कई बार ऐसा घटित हो चुका है।
कौशिक ने कहा कि कांग्रेस को भाजपा की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। भाजपा के पास देश और विश्व के सबसे सशक्त नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, जिन्होंने विश्व में देश का मान-सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद गुटबाजी से जूझ रही है कोई भी एक दूसरे को नेता मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सेवा कार्यों और विकास के बूते मैदान में है। इस बार भी वह युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मजबूती से मैदान में है।
देवस्थानम एक्ट को निरस्त करे सरकार: स्वामी भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रदेश सरकार को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और इसके तहत गठित देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को निरस्त करने की सलाह दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि यदि इस दिशा में जल्द पहल नहीं की गई तो बड़े आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम व बोर्ड को लेकर चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी मुखर हैं।
उनका कहना है कि यह अधिनियम व बोर्ड तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के हितों पर कुठाराघात है। हाल में तीर्थ पुरोहितों के साथ केदारनाथ में हुई बातचीत में सरकार की ओर से 30 नवंबर तक इस संबंध में निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया था। अब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि अब समय आ गया है कि इस अधिनियम को निरस्त करने के लिए मुख्यमंत्री विधानसभा का रुख करें।यह भी पढ़ें- Uttarakhand Elections: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक बोले, ऐतिहासिक होगी दून में पीएम मोदी की रैली
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