उत्तराखंड: एकमात्र क्षेत्रीय दल उक्रांद ने जारी किया घोषणा पत्र, जानें- किन मुद्दों को लेकर जाएंगे जनता के बीच
Uttarakhand Assembly Elections 2022 उत्तराखंड क्रांति दल एक बार फिर जन मुद्दों को लेकर जनता के बीच आया है। इस बार प्रतिबद्धता जताई है कि राज्य की परिकल्पना और उसे मूर्तरूप देने के लिए दल ने जो लंबा संघर्ष किया है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 21 Dec 2021 08:22 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Elections 2022 उत्तराखंड के एकमात्र क्षेत्रीय दल के रूप में पहचान बनाने वाला उत्तराखंड क्रांति दल एक बार फिर जन मुद्दों को लेकर जनता के बीच आया है। राज्य गठन के बाद कई बार विघटन का सामना कर चुके दल ने इस बार प्रतिबद्धता जताई है कि राज्य की परिकल्पना और उसे मूर्तरूप देने के लिए दल ने जो लंबा संघर्ष किया है, उससे वह विमुख नहीं हुआ है। उक्रांद ने अपना घोषणापत्र भी जारी किया है, जिसमें नए जिलों का गठन, नए विकासखंडों की स्थापना, स्थायी राजधानी गैरसैंण, महिला सुरक्षा व भ्रष्टाचार रहित उत्तराखंड के वादे किए गए हैं। चुनाव अभियान में तेजी लाते हुए दल मंगलवार को प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर रहा है।
अलग राज्य आंदोलन की अवधारणा के साथ जन्मा उत्तराखंड क्रांति दल एक बार फिर पुरानी पहचान बनाने में जुटा हुआ है। राज्य बनने के बाद हुए पहले चुनाव में उक्रांद को जनता का काफी समर्थन मिला था। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में उक्रंाद को चार सीटों पर जीत हासिल हुई और उसे 5.49 प्रतिशत वोट मिला। इसी वोट प्रतिशत के आधार पर उक्रांद को राज्य स्तरीय राजनैतिक दल के रूप में मान्यता मिली और वह प्रदेश का पहला क्षेत्रीय राजनैतिक दल बना। वर्ष 2007 के दूसरे विधानसभा चुनाव में उक्रांद को तीन ही सीटों पर जीत मिली।
ऐसे में उक्रांद भाजपा को समर्थन देकर सरकार में शामिल हो गया। उसके दो विधायक मंत्री बने। यहां उक्रांद सत्ता से मिली ताकत को नहीं संभाल पाया और कई धड़ों में बंट गया। इससे दल का चुनाव चिह्न भी छिन गया। वर्ष 2012 में उक्रांद को केवल एक ही सीट मिली। 2017 में दल को जनता ने पूरी तरह नकार दिया। अब बदली परिस्थितियों में उक्रांद एक बीच फिर जनता के बीच में है। दल में एकता कायम हो चुकी है। वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी के नेतृत्व में दल चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहा है। इस कड़ी में दल ने अपना घोषणापत्र भी जारी कर दिया है।
घोषणापत्र के मुख्य बिंदु-प्रदेश के विकास को ग्राम सरकार बनाने की दिशा में होगा काम।
-जिलों का पुनर्सीमांकन कर नए जिलों का होगा गठन।-प्रदेश में बनाए जाएंगे नए विकासखंड।-गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का करेंगे काम।-शिक्षा के निजीकरण पर लगाई जाएगी रोक, हर स्कूल में अध्यापकों की व्यवस्था होगी सुनिश्चित।-सरकारी अस्पतालों को पीपीपी मोड पर दिए जाने के आदेश करेंगे निरस्त।
-सख्त भूमि कानून बनाते हुए हिमाचल की तर्ज पर भू-कानून की धारा 118 पर करेंगे काम।-बागवानी को बढ़ावा देकर बनाया जाएगा राज्य की आर्थिकी का मुख्य साधन।-पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी की जाएगी लागू।-वनों पर परंपरागत अधिकारों की पैरवी करते हुए दिलाया जाएगा हक।-महिलाओं की सुरक्षा को बनाई जाएगी अलग से नीति।-भ्रष्टाचार मुक्त और नशामुक्त उत्तराखंड बनाने की दिशा में होगा काम।
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