Uttarakhand Assembly Monsoon Session: सदन में विपक्ष का हंगामा, सभी विधेयक पारित; सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
Uttarakhand Assembly Monsoon Session कोरोना के साये में आज विधानसभा का एक दिनी मानसून सत्र शुरू हुआ। कोरोना पर चर्चा की मांग को लेकर विधानसभा सदन में विपक्ष कांग्रेस ने हंगामा किया। इस दौरान विपक्षी विधायक वेल में पहुंचे और कार्यसूची फाड़ी।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 23 Sep 2020 11:56 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। Uttarakhand Assembly Monsoon Session कोरोना संकट के कारण महज एक दिन में सिमटे विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने इसी मुद्दे पर जमकर हंगामा काटा। इस दौरान मर्यादाएं भी टूटीं। कोरोना संक्रमण को लेकर चर्चा की मांग पर अड़े कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की और कार्यसूची की प्रतियां फाड़ी। सचिव विधानसभा की टेबल पर लगा फाइबर ग्लास भी तोड़ डाला गया। कांग्रेस ने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप जड़ा और कहा कि वह कोरोना पर चर्चा से भाग रही है।
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस विधायकों ने नियम-310 के तहत सभी कामकाज रोककर कोरोना संक्रमण पर चर्चा की मांग उठाई। उनका कहना था कि वर्तमान में राज्य में 42 हजार से ज्यादा व्यक्ति कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में इससे अधिक गंभीर कोई विषय नहीं हो सकता। उन्होंने कार्यमंत्रणा में कार्यस्थगन के प्रस्ताव से संबंधित फैसले पर भी आपत्ति जताई। हालांकि, इस बीच कैग की रिपोर्ट, चतुर्थ वित्त आयोग पर की गई संस्तुतियां आदि पटल पर रखे गए। एक- एक कर विधेयक भी टेबल किए जाते रहे।
इसी बीच सदन में मौजूद कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन, आदेश चौहान, मनोज रावत व ममता राकेश ने वेल में आकर नारेबाजी शुरु कर दी। इसी दौरान विधायक काजी निजामुद्दीन ने कार्यसूची की प्रति फाड़ डाली। फिर अन्य विपक्षी विधायकों ने भी ऐसा ही किया। तभी सचिव विधानसभा की टेबल पर लगा फाइबर ग्लास तोड़ दिया गया, इससे विधायक आदेश चौहान के अंगूठे पर चोट भी आई।
हंगामा बढ़ता देख दोपहर करीब सवा 12 बजे पीठ पर आसीन विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने एक बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद भी विपक्ष निरंतर हंगामा करता रहा। भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरु होने पर भी कांग्रेस विधायकों ने वेल में हंगामा जारी रखा। हालांकि, पीठ की ओर से कोरोना से संबंधित सूचना को नियम 58 की ग्राह्यता पर सुनने की बात कही गई, मगर विपक्ष नहीं माना। हंगामे के बीच ही विधेयक पारित होते रहे। बाद में कांग्रेस विधायकों ने सदन से बहिगर्मन कर दिया।
सदन स्थगित होने के बाद विपक्ष के हंगामे पर सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने पक्ष रखा। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि 20 सितंबर को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में कांग्रेस के दो विधायकों ने भाग लिया। तब ये तय हुआ था कि विपक्ष की ओर से कोविड-आपदा, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था व महंगाई पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाए जाएंगे।
ये इसलिए तय हुआ कि सरकार की ओर से सही तरीके से उत्तर दिए जा सकें। कांग्रेस के दूसरे गुट को यह जानकारी मिलने पर ही उसके विधायकों ने सदन में हंगामा किया। उन्होंने कहा कि सदन में कांग्रेस विधायकों ने कार्यमंत्रणा में शामिल रहे विधायकों के बारे में, वे कौन होते हैं फैसला लेने वाले, जैसे शब्दों का प्रयोग किया। अपने ही सदस्यों के प्रति निरादर का यह भाव बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
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