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कैबिनेट बैठक: दो लाख कार्मिकों को नए भत्तों-एरियर का तोहफा

मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इसमें दो लाख कार्मिकों को नए भत्तों-एरियर का तोहफा देने का निर्णय लिया गया।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 09 Jan 2019 08:44 PM (IST)
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कैबिनेट बैठक: दो लाख कार्मिकों को नए भत्तों-एरियर का तोहफा
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्य के तकरीबन दो लाख सरकारी कर्मचारियों का सातवें वेतनमान के भत्तों और एरियर को लेकर लंबा इंतजार खत्म हो गया। नए साल पर लोकसभा चुनाव से ऐन पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने बुधवार को राज्य कर्मचारियों को उक्त दोहरे तोहफे से नवाजा। सातवें वेतनमान के मुताबिक तीन श्रेणियों में मकान किराया (एचआरए), चार श्रेणियों में यात्रा भत्ते (टीए) और तीन श्रेणियों में दैनिक भत्ते (डीए) की नई दरें तय की गई हैं।

बी-टू श्रेणी के शहरों देहरादून, पौड़ी और नैनीताल के शहरों के लिए एचआरए मूल वेतन का नौ फीसद, सी-श्रेणी में दून, नैनीताल व पौड़ी को छोड़कर समस्त दस जिला मुख्यालयों के लिए एचआरए मूल वेतन का सात फीसद और शेष सभी अवर्गीकृत श्रेणी के शहरों के लिए मूल वेतन का पांच फीसद तय किया गया है। कार्मिकों को उक्त तीनों श्रेणियों में न्यूनतम 1800 रुपये से लेकर अधिकतम 12 हजार रुपये तक एचआरए मिलेगा। एचआरए, टीए-डीए समेत तमाम भत्तों में सरकार ने उच्च वेतनमान के बजाय निचले वेतनक्रम के कार्मिकों को अपेक्षाकृत अधिक लाभ दिया है।

वेतन स्तर-दस यानी 5400 ग्रेड वेतन से नीचे सभी कार्मिकों को अब राज्य के बाहर और भीतर होटल और गेस्टहाउस में ठहरने पर पहली बार डीए मंजूरी किया गया है। वहीं चतुर्थ श्रेणी को टीए-डीए मिलने का रास्ता साफ किया गया है। सातवें वेतनमान के सभी भत्तों पर करीब 40 फीसद वृद्धि की गई है। पड़ोसी राज्यों हिमाचल और उत्तर प्रदेश की तुलना में उत्तराखंड सातवें वेतनमान के भत्तों में ज्यादा इजाफा करने वाला राज्य बन गया है। हालांकि, राज्य सरकार ने नए भत्तों की केंद्र से समानता की कर्मचारियों की मांग को खारिज कर दिया है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बुधवार को सचिवालय में हुई बैठक में राज्य कर्मचारियों के लिए पिटारा खोल दिया गया। राज्य के कार्मिकों को एक जुलाई, 2016 से 31 दिसंबर 2016 तक सातवें वेतनमान की अवशेष बकाया राशि (एरियर) का भुगतान करने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इस पर करीब 300 करोड़ की राशि खर्च होगी। यह राशि कार्मिकों के जीपीएफ खाते में जमा होगी। इसे एक साल से पहले खाते से निकाला नहीं जा सकेगा।

मंत्रिमंडल ने सातवें वेतनमानों के भत्तों को भी मंजूरी दी। इससे पहले राज्य की आर्थिक खस्ताहालत का हवाला देकर सातवें वेतनमान के भत्तों को लटकाया जाता रहा है। सातवें वेतनमान के भत्तों पर वेतन समिति करीब डेढ़ वर्ष पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी थी। इस रिपोर्ट को बाद में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति के सुपुर्द कर दिया गया था। अब मंत्रिमंडल ने समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ करते हुए सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि बी-टू शहरों से संबंधित कार्मिकों के वेतन स्तर का न्यूनतम नौ फीसद एचआरए मंजूर होने के बाद उन्हें न्यूनतम 2500 रुपये और अधिकतम 12 हजार रुपये एचआरए मिलेगा। पुराने वेतनमान की तुलना में उन्हें अब नए एचआरए में न्यूनतम 1150 रुपये से लेकर अधिकतम तीन हजार रुपये की वृद्धि मिलेगी। 

श्रेणी-सी यानी जिला मुख्यालय वाले शहरों में हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर (रुद्रपुर), अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, टिहरी, गोपेश्वर (चमोली), उत्तरकाशी, चंपावत, रुद्रप्रयाग, काशीपुर, हल्द्वानी, काठगोदाम, भवाली, चकराता, मुक्तेश्वर, रुड़की और मसूरी नगर पालिका क्षेत्र के कार्मिकों के लिए वेतन स्तर का न्यूनतम सात फीसद एचआरए मंजूर किया गया है। इन कर्मचारियों को न्यूनतम 2100 और अधिकतम 8000 रुपये एचआरए मिलेगा। पिछले एचआरए के तुलना में इस श्रेणी के कर्मचारियों को न्यूनतम 1200 रुपये और अधिकतम दो हजार रुपये बढ़ा एचआरए मिलेगा। अवर्गीकृत श्रेणी के क्षेत्रों के लिए पांच फीसद एचआरए मंजूर किए जाने से संबंधित कार्मिकों को न्यूनतम 1800 रुपये और अधिकतम 7000 रुपये एचआरए मिलेगा। पिछले एचआरए की तुलना में न्यूनतम 1080 रुपये से लेकर अधिकतम 2200 रुपये की वृद्धि की गई है।  

कैबिनेट के फैसले

  • राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का छह माह के एरियर भुगतान को मंजूरी, खजाने पर पड़ेगा तीन सौ करोड़ का बोझ।
  • मकान किराया भत्ते की तीन श्रेणियों में बी-टू, सी और अवर्गीकृत क्षेत्रों के लिए वेतन स्तर का क्रमश: नौ फीसद, सात फीसद और पांच फीसद होगा एचआरए।
  • दैनिक भत्तों के लिए पहले निर्धारित तीन दरों के स्थान पर एक दर।
  • सरकारी गेस्टहाउस आदि में ठहरने पर वास्तविक भुगतान से अधिक नहीं मिलेगी धनराशि।
  • पहली बार 5400 ग्रेड वेतन से नीचे के सभी कर्मचारियों को होटल या गेस्टहाउस में ठहरने की सुविधा, मिलेगा दैनिक भत्ता।
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी खाने और ठहरने के लिए मिलेंगे 250-250 रुपये।
  • मुख्यालय से बाहर रहने की अवधि में छह से 12 घंटे होने पर स्वीकृत दैनिक भत्ते का 50 फीसद और 12 घंटे से अधिक होने पर 100 फीसद मिलेगा दैनिक भत्ता ।
  • विदेश यात्राओं के लिए टीए-डीए की दरें केंद्र सरकार की दरों की भांति तय।
  • स्थानांतारण यात्रा भत्ते की पुरानी व्यवस्था बदली, अब जिले के भीतर या बाहर के स्थान पर किमी को बनाया मानक, 50 किमी तक वेतन स्तर का न्यूनतम पांच फीसद और 50 किमी से ज्यादा दूरी होने पर वेतन स्तर का न्यूनतम 20 फीसद एकमुश्त मिलेगा स्थानांतरण अनुदान।
  • चिकित्सा विभाग में क्लीनिकल एलोपैथिक चिकित्सकों को प्रैक्टिस बंदी भत्ता (एनपीए) मूल वेतन का 20 फीसद।
  • आयुष विभाग के आयुर्वेदिक चिकित्सकों को चिकित्सा निषेध भत्ता (एनपीए) मूल वेतन का 15 फीसद
  • आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस), स्टेट डिजास्टर रिस्पॉंस फोर्स (एसडीआरएफ) एवं राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीशों की सुरक्षा में तैनात कार्मिकों को मूल वेतन का 10 फीसद या अधिकतम 12500 रुपये जोखिम भत्ता।
  • पर्वतीय विकास भत्ता, सीमांत भत्ता, वाहन भत्ता, सचिवालय विशेष भत्ता समेत कई भत्ते रखे गए यथावत। 
  • 11 फरवरी से 22 फरवरी तक देहरादून में होगा विधानसभा का बजट सत्र।
  • सरकारी अनाथालयों में रह रहे अनाथ बच्चों को राज्य में नौकरियों में पांच फीसद क्षैतिज आरक्षण, एक हजार बच्चे होंगे लाभान्वित।
  • भेड़ों की नस्ल सुधार के लिए आस्ट्रेलिया से उच्च श्रेणी की मेरीनो भेड़ आयात की जाएंगी, छह करोड़ के खर्च का अनुमान।
  • पैराग्लाइडिंग नियमावली में संशोधन पर लगी मुहर, प्रशिक्षण मानक बदले, 50 घंटे के बजाय 50 किमी न्यूनतम मानक निर्धारित।
  • केदारनाथ पुनर्निर्माण की डाक्यूमेंट्री तैयार करने का नेशनल ज्योग्राफिक चैनल को सौंपा जिम्मा, चैनल को डेढ़ करोड़ की दी जाएगी धनराशि।
  • हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट के 46 पद सृजन को मंजूरी।
  • पुलिस आरक्षी, मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली में संशोधन को स्वीकृति।
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