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Uttarakhand Ayurved University : विजिलेंस की टीम ने खंगाला रिकार्ड, भर्तियों व अन्य बिंदुओं पर चल रही जांच

Uttarakhand Ayurved University 2015 से अब तक हुई नियुक्तियों में धांधली व अन्य अनियमिताओं के मामले में विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर गाज गिरने की संभावना है।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Sat, 06 Aug 2022 09:21 AM (IST)
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Uttarakhand Ayurved University : अनियमिताओं के मामले में विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand Ayurved University : आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में वर्ष 2015 से अब तक हुई नियुक्तियों में धांधली व अन्य अनियमिताओं के मामले में विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है।

शुक्रवार को विजिलेंस टीम इंस्पेक्टर किरन असवाल की देखरेख में विश्वविद्यालय पहुंची। इस दौरान विजिलेंस टीम ने कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए और भर्ती करवाने के लिए बनाई गई कमेटी में शामिल पदाधिकारियों के बयान दर्ज किए।

आज भी दस्तावेज खंगालेगी विजिलेंस टीम

आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से सहयोग न करने पर विजिलेंस ने कड़ा रुख अख्तियार कर दिया है। विजिलेंस की टीम शनिवार को भी विवि पहुंचकर रिकार्ड खंगालने के साथ-साथ कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान दर्ज करेगी। सूत्रों की मानें तो इस मामले में कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर गाज गिरने की संभावना है।

उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय (Uttarakhand Ayurved University) में योग अनुदेशकों के पदों पर जारी रोस्टर को बदलने, माइक्रोबायोलाजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन न करने, बायोमेडिकल संकाय व संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद करने का आरोप है।

60 से अधिक युवाओं को भर्ती करने का आरोप

इसके अलावा विवि में पद न होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों को प्रमोशन व एसीपी का भुगतान करने, बिना शासन की अनुमति बार-बार विवि की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने और रोक लगाने, विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विवि की ओर से गठित समितियों के गठन की विस्तृत सूचना शासन को न देने के साथ ही पीआरडी के माध्यम से 60 से अधिक युवाओं को भर्ती करने का भी आरोप है।

सामान खरीद में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितता के आरोप भी विश्वविद्यालय प्रबंधन पर लगे हैं। इस मामले में मई 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस को विश्वविद्यालय की खुली जांच करने के आदेश जारी किए थे।

इसके बाद विजिलेंस की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन को बयान दर्ज करवाने व दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया, लेकिन कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बयान दर्ज करवाने के लिए नहीं पहुंचा।

वहीं, शुक्रवार को विजिलेंस टीम के विश्वविद्यालय पहुंचने पर हड़कंप मच गया। विजिलेंस टीम ने प्रशासनिक भवन में सभी बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश और विश्वविद्यालय अधिकारियों व कर्मचारियों के बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी। विजिलेंस टीम ने करीब तीन घंटे विवि का रिकार्ड खंगाला और अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए।

आडिट रिपोर्ट में भी पाई गई गड़बड़ियां

आडिट रिपोर्ट में भी विश्वविद्यालय में नियुक्तियों, फर्नीचर समेत सामान की खरीद एवं वित्तीय अनियमितता सामने आई हैं। आडिट रिपोर्ट की आपत्तियों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसके बाद ही सरकार की ओर से विजिलेंस जांच के आदेश जारी किए हैं।

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