दुनिया में सबसे अच्छा उत्तराखंड की बद्री गाय का दूध
दुनिया में सबसे अधिक गुणकारी एवं निरोग दूध बद्री गाय (पहाड़ी गाय) का है। यूकॉस्ट व आइआइटी रुड़की के वैज्ञानिकों के बद्री गाय के दूध पर किए गए शोध से यह तथ्य सामने आया।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 23 Jul 2017 08:15 PM (IST)
देहरादून, [अशोक केडियाल]: दुनिया में सबसे अधिक गुणकारी एवं निरोग दूध बद्री गाय (पहाड़ी गाय) का है। यूकॉस्ट (उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद) व आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की के वैज्ञानिकों के बद्री गाय के दूध पर किए गए शोध से यह तथ्य सामने आया।
वेल्यू एडिशन टू दि हिल-केटल ऑफ उत्तराखंड यूसिंग बॉयोटेक्नोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन प्रोजेक्ट के तहत किए गए इस शोध में पता चला कि पहाड़ी गाय के दूध में 90 फीसद ए-2 जीनोटाइप बीटा केसीन पाया जाता है, जो डायबिटीज और हृदय रोगों को रोकने में कारगर है साथ मनुष्य के लिए हर दृष्टि से लाभदायी है। जबकि, विश्वभर में हुए शोधों के मुताबिक जर्सी, होल्सटिन समेत अन्य नस्ल की गायों के दूध में पाया जाने वाला ए-1 बीटी केसीन जीनोटाइप डायबिटीज, हृदय रोग व अन्य मानसिक रोगों का कारक है।बद्री गाय उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पाली जाती हैं। पहाड़ी नस्ल की इस गाय को जून 2016 में एनबीएजीआर (नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक्स एंड रिसर्च) ने नामांकन प्रमाण पत्र जारी किया। वैज्ञानिकों के मुताबिक बद्री गाय एक वक्त में एक से तीन किलो तक दूध देती है। इसका दूध गाढ़ा व पीला होता है।
क्या है बीटा जीनोटाइप केसीनदुधारू पशुओं में 12 प्रकार के बीटा केसीन पाए जाते हैं, जो उनकी जेनेटिक भिन्नता प्रदर्शित करते हैं। इनमें सिर्फ ए-1 व ए-2 बीटा केसीन ही प्रमुख हैं। जबकि ए-3 से ए-12 तक बीटा केसीन दूध में बेहद कम मात्रा में पाए जाते हैं। दूध में प्रोटीन का मुख्य घटक केसीन ही होता है।
पहाड़ों की अर्थव्यवस्था से जुड़ी है बद्री गाय पहाड़ी गाय उत्तराखंड के गांवों की कृषि एवं आर्थिकी से सीधे जुड़ी है। इसका मुख्य आहार हरी एवं सूखी घास है। जबकि, जर्सी, होल्सटिन समेत अन्य नस्ल की गाय दाना, खल आदि पर निर्भर हैं। हालांकि, दूध का मूल्य सभी गायों का एक समान है। उत्तराखंड सरकार का पशुपालन विभाग बद्री गाय के संरक्षण एवं विकास पर विशेष ध्यान दे रही है।
दूध में 90 फीसद ए-2 जीनोटाइप बीटा केसीन पाया गयायूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल का कहना है कि परियोजना के अंतर्गत लिए गए दूध के नमूनों का परीक्षण करने पर इसमें 90 फीसद ए-2 जीनोटाइप बीटा केसीन पाया गया। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभकारी है। विश्व में यूरोपीय देशों के अलावा अमेरिका, ब्राजील व आस्ट्रेलिया में ए-1 जीनोटाइप की समस्या आम है।
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