GI Tag: एक दिन में सर्वाधिक उत्पादों पर GI प्रमाण पत्र हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड
GI Certificate उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 उत्पादों पर जीआइ प्रमाण पत्र मिले हैं। अब तक उत्तराखंड के कुल 27 उत्पादों को जीआइ टैग मिल चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में जीआइ प्रमाण पत्रों का वितरण किया।
By kedar duttEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 04 Dec 2023 08:50 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। GI Certificate: उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 उत्पादों पर जीआइ प्रमाण पत्र मिले हैं। अब तक उत्तराखंड के कुल 27 उत्पादों को जीआइ टैग मिल चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में जीआइ प्रमाण पत्रों का वितरण किया।
राज्य के जिन 18 उत्पादों को जीआइ (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) प्रमाण पत्र मिले हैं, उनमें उत्तराखंड चौलाई, झंगोरा, मंडुआ, लाल चावल, अल्मोड़ा लखौरी मिर्च, बेरीनाग चाय, बुरांस शरबत, रामनगर नैनीताल लीची, रामगढ़ आडू, माल्टा, पहाड़ी तोर, गहथ, काला भट्ट, बिच्छूबूटी फैब्रिक, नैनीताल मोमबत्ती, कुमाऊंनी रंगवाली पिछोड़ा, चमोली रम्माण मास्क तथा लिखाई वुड कार्विंग शामिल हैं।
उत्तराखंड के नौ उत्पादों को पहले ही मिल चुका है जीआइ टैग
उत्तराखंड के नौ उत्पादों तेजपात, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, मुनस्यारी का सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, थुलमा, भोटिया दन, च्यूरा आयल तथा ताम्र उत्पाद को पहले ही जीआइ प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुका है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) का आभार जताते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शी सोच के कारण ही आज भारत सरकार से उत्तराखंड के 18 उत्पादों को भौगोलिक संकेतक टैग युक्त प्रमाण पत्र मिल पाए हैं। उन्होंने कहा कि आज का दिन उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक है।
18 उत्पादों को जीआइ प्रमाण पत्र
वर्ष 2003 में जीआइ कानून बनने से लेकर अब तक के 20 वर्षों के सफर में पहली बार एक दिन में एक साथ किसी राज्य के 18 उत्पादों को जीआइ प्रमाण पत्र निर्गत किए गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जीआइ टैग युक्त उत्तराखंड के उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ेगा।परंपरागत उद्योगों का विकास करना योजना का मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी 13 जिलों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से "एक जिला, दो उत्पाद" योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है। सभी जिलों में वहां के स्थानीय उत्पादों को पहचान कर उनके अनुरूप परंपरागत उद्योगों का विकास करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। इससे स्थानीय काश्तकारों एवं शिल्पकारों के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और हर जिले के स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिल रही है।
कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने इसे महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि आगामी 12 जनवरी से 18 जनवरी तक देहरादून में प्रदेश स्तरीय जीआइ महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।यह भी पढ़ें- उत्तराखंड का चमोली भूस्खलन के लिहाज से है अधिक संवेदनशील, 3983 स्थानों पर हुई घटनाएं; दूसरे नंबर पर यह जिला…
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