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आसान नहीं होगी उत्तराखंड भाजपा के नए मुखिया की राह, जानिए क्‍या रहेगी चुनौती

सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही भाजपा हाईकमान ने भले ही प्रांतीय नेतृत्व में भी बदलाव कर दिया हो मगर नए प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जनता की चौखट पर जाना है।

By Sumit KumarEdited By: Updated: Sat, 13 Mar 2021 04:00 AM (IST)
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नए प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही भाजपा हाईकमान ने भले ही प्रांतीय नेतृत्व में भी बदलाव कर दिया हो, मगर नए प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जनता की चौखट पर जाना है। ऐसे में सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल के साथ आगे बढऩे की चुनौती उनके सामने होगी तो कार्यकत्र्ताओं में 'मिशन-2022' के लिए नया उत्साह जगाने की। जाहिर है कि इस समेत अन्य चुनौतियों से पार पाने के लिए उनके सामने समय कम है और विधानसभा चुनाव उनके कौशल की अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा।

भाजपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया था। तब उसकी झोली में विधानसभा की 70 में से 57 सीटें आईं। अब ऐसा ही प्रदर्शन फिर से दोहराने की चुनौती भाजपा के सामने है। अब बदली परिस्थितियों में जब सरकार और संगठन में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है तो नए प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के सम्मुख भी चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। जिन परिस्थितियों में कौशिक को प्रदेश भाजपा की कमान मिली है, उसमें उन्हें एक नहीं अनेक परीक्षाओं से गुजरना होगा। प्रदेश अध्यक्ष कौशिक को सरकार और संगठन के मध्य बेहतर तालमेल बनाते हुए विस चुनाव के लिए फील्डिंग सजानी होगी तो कार्यकत्र्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करने को जी-तोड़ कोशिश करनी होगी। राज्य एवं केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने को नई रणनीति के साथ काम करना होगा तो नेतृत्व परिवर्तन समेत अन्य विषयों को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले सवालों का भी तथ्यों व तर्कों के साथ जवाब देने की कार्ययोजना को धरातल पर आकार देना होगा। आखिर, मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की अगुआई में ही पार्टी को चुनाव में जनता के दरबार में जाना है।

इसके अलावा कौशिक केंद्रीय व प्रांतीय नेतृत्व के बीच महत्वपूर्ण कड़ी भी होंगे। इसमें उनके कौशल की परीक्षा होनी है। यही नहीं, पार्टी में सबको साथ लेकर चलने की चुनौती भी है। इन सब चुनौतियों से पार पाने के लिए उनके पास वक्त बेहद कम है, क्योंकि 10 माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी की नजरें कौशिक पर टिकी हैं कि वह पार्टी संगठन को किस तरह से आग बढ़ाते हैं।

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प्रोफाइल: 

नाम :- मदन कौशिक

पिता :- स्व.रमेश चंद्र शर्मा

माता :- स्व.श्यामो देवी

निवास :- खन्नानगर, ज्वालापुर, हरिद्वार

जन्म :-  11 जनवरी 1965

शिक्षा :- बीएससी

सफर :

  • वर्ष 1985-86 में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष। इसी दौरान जिला संयोजक बजरंग दल हरिद्वार।
  • वर्ष 2000 में जिला महामंत्री हरिद्वार भाजपा और फिर अध्यक्ष बने
  • वर्ष 2002 में पहली बार हरिद्वार से विधायक निर्वाचित। विधानसभा की विभिन्न समितियों के सदस्य रहे।
  • वर्ष 2007 में फिर विधानसभा के लिए निर्वाचित, कैबिनेट मंत्री बने
  • वर्ष 2012 में प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी
  • वर्ष 2012 में पुन: विधानसभा सदस्य निर्वाचित, भाजपा के मुख्य सचेतक, विधानमंडल दल के उपनेता, विभिन्न समितियों के सभापति व सदस्य रहे
  • वर्ष 2015 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने।
  • वर्ष 2017 में फिर विधायक निर्वाचित। कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता की जिम्मेदारी।
  • वर्ष 2021 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बने।
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