Uttarakhand Black Fungus Cases: ब्लैक फंगस से पहली मौत, एम्स में भर्ती था मरीज; अब तक 21 व्यक्तियों में पुष्टि
Uttarakhand Black Fungus Cases उत्तराखंड में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। न केवल मरीजों की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है बल्कि यह अब जानलेवा भी होने लगा है। एम्स ऋषिकेश में एक मरीज की ब्लैक फंगस से मौत हो गई।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 17 May 2021 08:11 AM (IST)
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Uttarakhand Black Fungus Cases उउत्तराखंड में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। न केवल मरीजों की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है, बल्कि यह अब जानलेवा भी होने लगा है। एम्स ऋषिकेश में एक मरीज की ब्लैक फंगस से मौत हो गई है। राज्य में ब्लैक फंगस के कारण यह पहली मौत है। जिस 36 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई है, वह देहरादून से रेफर होकर एम्स पहुंचा था। अब तक 21 व्यक्तियों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, जिन मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है, उनमें से 11 की उम्र 50 वर्ष से अधिक है।
एम्स ऋषिकेश के निदेशक पदमश्री प्रो. रविकांत ने बताया कि बीते कुछ दिनों में एम्स में 17 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। इनमें सात मरीज ऐसे हैं, जो पहले से ब्लैक फंगस से ग्रसित होने के बाद उपचार के लिए आए थे। दस मरीजों को कोरोना संक्रमण के कारण यहां भर्ती किया गया था, जिनका शुगर लेवल काफी बढ़ा हुआ था। इनमें ब्लैक फंगस के लक्षण नजर आए तो जांच कराई गई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात ब्लैक फंगस से एक मरीज की मौत भी हो गई, जबकि 16 मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें दस मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है और छह की सर्जरी की जानी है।
प्रो. रविकांत ने बताया कि ब्लैक फंगस के 16 मरीजों में 14 कोविड एक्टिव हैं। इन मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो जाने के बाद चिकित्सक अध्ययन भी कर रहे हैं। वहीं, ईएनटी विशेषज्ञ व टीम लीडर डॉ. अमित त्यागी ने बताया कि अस्पताल में भर्ती जिन मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है, उनमें देहरादून से दो, हरिद्वार से तीन, रुड़की से दो, ऋषिकेश, काशीपुर, ऊधम सिंह नगर और अल्मोड़ा से एक-एक मरीज शामिल है। उत्तर प्रदेश के शामली, अलीगढ़, मंडावर, मुरादाबाद और मेरठ के पांच मरीज हैं।
ब्लैक फंगस मरीजों के लिए अलग वार्ड बना एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के प्रभावित 17 मरीज मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इनके लिए 30 बेड का अलग वार्ड बनाया है। इन सभी मरीजों को वहां शिफ्ट कर दिया गया है। डॉ. अमित त्यागी ने बताया कि यह वार्ड आइसीयू सुविधा से युक्त है। 12 चिकित्सकों का दल इसके लिए गठित किया गया है। वार्ड के भीतर भी दो पार्ट बनाए गए हैं। इनमें कोरोना संक्रमित और सामान्य मरीजों को अलग-अलग रखा गया है।
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