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Uttarakhand Budget: सीएम धामी की झोली से किसानों के लिए क्या निकला पढ़ें

बंजर भूमि में भी फसलें लहलहाएं इसके लिए सगंध खेती को प्रोत्साहित करने को बजट में प्रविधान किए गए हैं। पर्वतीय क्षेत्र के दूरस्थ क्षेत्रों से सेब माल्टा समेत अन्य औद्यानिक उत्पादों का सड़क तक पहुंचाने को लेकर किसानों की चिंता की गई है।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Thu, 16 Mar 2023 11:28 AM (IST)
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धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में खेती-किसानी पर खास ध्यान केंद्रित किया है। जागरण
 केदार दत्त, गैरसैंण : अन्नदाता तभी खुशहाल होगा, जब खेती-किसानी लाभकारी होगी। धामी सरकार ने भी इस बात को महसूस किया है और वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में खेती-किसानी पर खास ध्यान केंद्रित किया है। बदली परिस्थितियों में पौष्टिकता से लबरेज मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही औद्यानिकी को किसानों की आर्थिकी का महत्वपूर्ण जरिया बनाने पर जोर दिया गया है।

बंजर भूमि में भी फसलें लहलहाएं, इसके लिए सगंध खेती को प्रोत्साहित करने को बजट में प्रविधान किए गए हैं। पर्वतीय क्षेत्र के दूरस्थ क्षेत्रों से सेब, माल्टा समेत अन्य औद्यानिक उत्पादों का सड़क तक पहुंचाने को लेकर किसानों की चिंता की गई है। इसके लिए सुदूरवर्ती क्षेत्रों के गांवों से उत्पादों को सड़क तक पहुंचाने के लिए रोपवे-ट्राली नेटवर्क भी स्थापित किया जाएगा, ताकि फल-सब्जी खराब न हो और किसानों को इनका समय पर उचित दाम मिल सके।

श्री अन्न से खुलेंगे नई संभावनाओं के द्वार: केंद्र सरकार ने इस वर्ष को मिलेट इयर घोषित किया है। मिलेट यानी मोटे अनाजों के प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बजट में श्री अन्न का उल्लेख किया गया है। इस कड़ी में राज्य सरकार ने भी स्टेट मिलेट मिशन की शुरुआत की है, जिसके तहत श्री अन्न यानी मोटे अनाज को बढ़ावा देने की योजना है।

वैसे भी उत्तराखंड में उत्पादित पौष्टिकता से लबरेज मंडुवा, झंगोरा जैसे मोटे अनाजों की बड़ी मांग है, लेकिन इनका उत्पादन अभी कम है। अब स्टेट मिलेट मिशन से मोटे अनाजों को बढ़ावा मिलेगा और इस श्री अन्न से नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। साथ ही मोटे अनाजों के िविपणन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।

विकसित होंगी छह एरोमा वैली

सगंध खेती को बढ़ावा देने के लिए छह एरोमा वैली विकसित करने का इरादा बजट में जाहिर किया है। हरिद्वार में लैमनग्रास व मिंट, नैनीताल व चंपावत में तेजपात, चमोली व अल्मोड़ा में डेमस्क रोज, ऊधमसिंहनगर में मिंट, पिथौरागढ़ में तिमूर और पौड़ी जिले में लैमनग्रास वैली बनाने का लक्ष्य है।

  • 9.16 लाख है राज्य में किसानों की संख्या
  • 24 हजार किसान वर्तमान में सगंध फसलों की खेती से जुड़े
  • 200 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान पालीहाउस को बढ़ावा देने के लिए
  • 1294 करोड़ रुपये का प्रविधान कृषि कर्म एवं अनुसंधान के लिए िकया गया
  • 14 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना में
  • 815 करोड़ रुपये प्रविधानित किया गया है उद्यान विभाग का बजट
  • 15 करोड़ रुपये की लागत से आगे बढ़ेगा स्टेट मिलेट मिशन
  • 20 करोड़ रुपये स्थानीय फसलों के प्रोत्साहन कार्यक्रम पर किए जाएंगे खर्च
  • 35 करोड़ रुपये का प्रविधान मिशन एप्पल योजना में
  • 19 करोड़ रुपये उच्च गुणवत्तायुक्त फल पौध योजना के लिए प्रस्तावित
  • 2.30 करोड़ रुपये का प्रविधान औद्यानिक उत्पादों को सड़क तक पहुंचाने के लिए रोपवे-ट्राली निर्माण योजना के लिए
  • 16 करोड़ रुपये की राशि से चलेगा कीवी मिशन

कीवी और सेब उत्पादन को लगेंगे पंख, मिलेगी पहचान

मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अंतर्गत राज्य में कीवी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कीवी मिशन सरकार संचालित करने जा रही है। इसमें तेजी के लिए बजट में प्रविधान किया गया है। साथ ही राज्य में उत्पादित सेब के सम्मुख खड़े पहचान के संकट को दूर करने और सेब उत्पादन में वृद्धि को मिशन एप्पल में भी ठीक-ठाक धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री, गणेश जोशी ने कहा कि किसानों, बागवानों की आय दोगुना करने की दिशा में सरकार गंभीरता से कदम बढ़ा रही है। बजट में किए गए प्रविधान इसका उदाहरण हैं। खेती, बागवानी और सगंध खेती पर विशेष फोकस है। आने वाले दिनों में खेती-किसानी नए कलेवर में निखरी नजर आएगी। इससे किसान और राज्य खुशहाल होंगे।

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