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Uttarakhand Budget Session: मंगलवार सुबह 11 बजे तक सदन की कार्यवाही स्‍थगित, पहले दिन हंगामेदार रहा सत्र

Uttarakhand Budget Session गैरसैंण में विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से प्रारंभ हो गया है। सत्र के दौरान भर्ती परीक्षाओं में नकलरोधी कानून राज्याधीन सेवाओं में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मतांतरण कानून में संशोधन समेत 10 विधेयक सरकार की ओर से पेश किए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Mon, 13 Mar 2023 03:15 PM (IST)
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Uttarakhand Budget Session: सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेसी विधायकों ने विधानसभा परिसर में धरना दिया।

राज्य ब्यूरो, गैरसैंण (चमोली) : Uttarakhand Budget Session: दो साल के अंतराल के बाद ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ सोमवार से प्रारंभ हो गया। विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने अभिभाषण पढ़ा।

अभिभाषण समाप्त होने के बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया। दोपह बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सदन में राज्यपाल के अभिभाषण का वाचन किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह तक स्थगित कर दी गई।

सोमवार को राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही मुख्य विपक्ष कांग्रेस के सभी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस विधायक वनंतरा रिसार्ट प्रकरण, भर्ती प्रकरणों की सीबीआइ जांच समेत अन्य विषयों को लेकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे थे। कुछ ही देर में कांग्रेस विधायक पीठ के सम्मुख आकर हंगामा करने लगे। वे हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे। उन्होंने राज्यपाल वापस जाओ के नारे भी लगाए।

...अंतिम पैरा अच्छे से सुन लें

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के अंतिम पैराग्राफ को पढ़ने से पहले हंगामा कर रहे विपक्ष के विधायकों से कहा कि वे अंतिम पैराग्राफ को अच्छे से सुन लें। उनके आग्रह पर कांग्रेस विधायक शांत हुए, लेकिन वे पीठ के सम्मुख खड़े रहे। इसके बाद राज्यपाल ने अभिभाषण का अंतिम पैरा पढ़ा।

उन्होंने कहा, मैं आजादी के अमृत महोत्सव काल में देश और उत्तराखंड के ज्ञात-अज्ञात नायकों के अमर बलिदान का पुण्य स्मरण कर उन्हें शत-शत नमन करता हूं। मुझे विश्वास है कि सभी सदस्य प्रदेश के जनमानस के व्यापक हित में सरकार का सहयोग कर जनाकांक्षाओं को पूरा करने में बहुमूल्य योगदान देंगे।

साथ ही सदन की उच्च गरिमा व पवित्रता को बनाए रखेंगे। सबका साथ-सबका विश्वास के विजन का अनुसरण करते हुए उत्तराखंड के समावेशित, सतत एवं संतुलित विकास में सहयोगी बनेंगे। यद्यपि, जैसे ही उन्होंने अंत में सबका साथ सबका विकास विजन की बात कही, विपक्ष ने फिर से नारेबाजी शुरू कर दी।

आत्मनिर्भर उत्तराखंड के निर्माण को कृत संकल्पित: गुरमीत सिंह

उत्तराखंड को एक आदर्श और विकसित राज्य बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार ने रोडमैप तैयार किया है, जिस पर वह आगे बढ़ रही है। सरकार का संकल्प आत्मनिर्भर उत्तराखंड का है। विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के अभिभाषण में यह झलका भी है।

विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड को सशक्त बनाने के मद्देनजर राज्य योजना आयोग को युक्तिसंगतीकरण कर नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट फार इंपावरिंग एंड ट्रासंफार्मिंग उत्तराखंड (सेतु) का गठन किया जा रहा है। साथ ही राज्य की आर्थिकी के उन्नयन और त्वरित विकास के लिए उत्तराखंड अवस्थापना निवेश विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) गठित होगा।

सशक्त उत्तराखंड की अवधारणा के तहत वर्ष 2025 तक राज्य को अग्रणी बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिव्यक्ति आय 205840 रुपये है, जो अखिल भारतीय स्तर पर प्रचलित प्रति व्यक्ति आय से 37 प्रतिशत अधिक है। अभिभाषण में राज्य सरकार की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं का भी उल्लेख किया गया है।

अभिभाषण के दौरान प्रदर्शन स्वस्थ परंपरा नहीं: सीएम

इस दौरान कांग्रेस के सदस्य पीठ के सम्मुख आकर नारेबाजी करते रहे। जिस पर मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा कि राज्यपाल अभिभाषण के दौरान प्रदर्शन स्वस्थ परंपरा नहीं है। विपक्षियों के पास कोई ठोस मुद्दे नहीं हैं।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ा और मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे कांग्रेसी विधायक

सोमवार को सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेसी विधायकों ने विधानसभा परिसर में धरना दिया। इस दौरान उन्‍होंने भर्ती घोटाले, महंगाई सहित अन्य मांगों को लेकर नारेबाजी की। इस दौरान मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी विधायकों के पास पहुंचे और बातचीत कर उन्‍हें सदन में जाने के लिए मनाया। 

कांग्रेस के मार्च को पुलिस ने जंगलचट्टी पर रोका

विधानसभा सत्र के पहले ही दिन अपनी विभिन्‍न मांगों को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा मार्च किया, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जंगलचट्टी मालसी में ही रोक दिया। प्रदर्शनकारियों के साथ पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।

वहीं ओपीएस की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों ने विधानसभा कूच किया। ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस की शक्ल में पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर वह पहुंचे। जंगलचट्टी पहुचते ही पुलिस के बैरियर पर आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच जोर आजमाइश हुई।

कांग्रेस की इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति

उधर, विपक्ष ने सत्र के दौरान कानून व्यवस्था, भर्ती प्रकरण, वनंतरा रिसार्ट प्रकरण, आपदा प्रभावितों को मुआवजा समेत अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। सरकार ने भी विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए अपने तरकश में तीर तैयार किए हैं। ऐसे में सत्तापक्ष और विपक्ष के मध्य सदन में जोर-आजमाइश होगी और सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है।

सत्र के लिए 13 से 18 मार्च की अवधि तय

बजट सत्र के लिए 13 से 18 मार्च की अवधि तय होने के बाद से विधानसभा सत्र की तैयारियों में जुट गई थी, जो पूर्ण हो चुकी है। पांचवीं विधानसभा का यह चौथा और इस वर्ष का पहला सत्र है। इसमें राज्य का वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया जाना है।

रविवार देर शाम को गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन के सभागार में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अध्यक्षता में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सत्र के लिए विधायी व संसदीय कार्यों पर चर्चा और 13 व 14 मार्च का एजेंडा तय किया गया। पहले दिन सोमवार को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। अगले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के साथ ही विधायी कार्य होंगे।

सरकार की ओर से पेश किए जाएंगे 10 विधेयक

बताया गया कि सत्र के दौरान भर्ती परीक्षाओं में नकलरोधी कानून, राज्याधीन सेवाओं में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, मतांतरण कानून में संशोधन समेत 10 विधेयक सरकार की ओर से पेश किए जाएंगे। इनमें छह पुराने और चार नए विधेयक हैं।

अभी तक की जानकारी के अनुसार वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल 15 मार्च को बजट प्रस्तुत करेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक उमेश शर्मा काऊ, खजानदास व शहजाद उपस्थित थे।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने दलीय नेताओं के साथ भी बैठक की। उन्होंने कहा कि सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होना है और सभी सदस्यों को उनकी गरिमा का ध्यान रखना होगा।