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Uttarakhand by Election: केदारनाथ में भाजपा के पांच मंत्रियों के कौशल की परीक्षा, उपचुनाव में बनाएंगे जीत का माहौल

उत्तराखंड विधानसभा की केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने राज्य सरकार के पांच मंत्रियों को केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मंडल का जिम्मा सौंपा है। इन मंत्रियों को अपने-अपने मंडलों में पार्टीजनों के साथ निरंतर बैठकें करने और जनता दरबार लगाने को कहा गया है। भाजपा की कोशिश है कि उपचुनाव से पहले अपने पक्ष में माहौल बनाया जाए।

By kedar dutt Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 18 Sep 2024 09:00 AM (IST)
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पार्टी ने अपनी टीम को मोर्चे पर उतार दिया है। जागरण

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। विधानसभा की बदरीनाथ व मंगलौर सीटों के उपचुनाव में परिणाम भले ही भाजपा के पक्ष में न रहे हों, लेकिन केदारनाथ सीट का उपचुनाव उसकी प्रतिष्ठा से जुड़ा है। इसे देखते हुए पार्टी ने अपनी टीम को मोर्चे पर उतार दिया है।

राज्य सरकार के पांच मंत्रियों को केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मंडल का जिम्मा दिया गया है। जाहिर है उपचुनाव में इनके कौशल की भी परीक्षा होनी है। वे इसमें कितना सफल हो पाते हैं, इस पर सबकी नजर रहेगी।

विधानसभा की बदरीनाथ व मंगलौर सीटों के उपचुनाव को देखें तो ये पहले भी भाजपा के पास नहीं थीं, लेकिन बदरीनाथ में उसकी प्रतिष्ठा जुड़ी थी। मंगलौर सीट ऐसी है, जिस पर भाजपा को कभी सफलता नहीं मिली। यद्यपि, इस बार वह जोरदार टक्कर देने में कामयाब रही।

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बदरीनाथ सीट को लें तो लोकसभा चुनाव के दौरान वहां का प्रतिनिधित्व कर रहे कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी को पार्टी ने अपने खेमे में खींच लिया था। भंडारी को ही उपचुनाव में भाजपा ने मैदान में उतारा, लेकिन कई समीकरणों के चलते पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

बदरीनाथ सीट के उपचुनाव से सबक लेते हुए पार्टी अब केदारनाथ सीट के उपचुनाव को लेकर मैदान में उतर चुकी है, जबकि अभी उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित भी नहीं हुआ है। भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के कारण यह सीट रिक्त हुई है।

ऐसे में पार्टी के सामने इसे अपने पास बरकरार रखने की चुनौती है। यही कारण है कि भाजपा ने केदारनाथ के लिए प्रभारी व सह प्रभारी, प्रवासी कार्यकर्ताओं की तैनाती करने के साथ ही सरकार के पांच मंत्रियों को भी मोर्चे पर उतारा है।

भाजपा ने विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पांच मंडलों में एक-एक कैबिनेट मंत्री को जिम्मेदारी दी है। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा को गुप्तकाशी, सतपाल महाराज को ऊखीमठ, रेखा आर्या को अगस्त्यमुनि, सुबोध उनियाल को अगस्त्यमुनि ग्रामीण और गणेश जोशी को सतेराखाल मंडल का जिम्मा दिया गया है।

मंत्रियों को अपने-अपने मंडलों में पार्टीजनों के साथ निरंतर बैठकें करने व जनता दरबार लगाने को कहा गया है। मंत्री एक बार अपने क्षेत्र का दौरा भी कर चुके हैं। मंत्रियों को मोर्चे पर उतारने के पीछे पार्टी की मंशा यही है कि उपचुनाव से पहले अपने पक्ष में माहौल बनाया जाए। साथ ही जनसमस्याओं का निराकरण भी सुनिश्चित कराया जाए। अब देखना होगा कि मंत्रियों का कौशल कितना रंग जमा पाता है।

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भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि विधानसभा की केदारनाथ सीट भाजपा की थी और उसी की रहेगी। इस सीट के उपचुनाव के दृष्टिगत पार्टी अपनी रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही मंत्रियों ने क्षेत्र में मोर्चा संभाल लिया है। इस दौरान केदारनाथ क्षेत्र के लिए किए गए कार्यों व उपलब्धियों को जनता के बीच रखा जा रहा है।

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