राज्य ब्यूरो,
देहरादून। विधानसभा सीटों के उपचुनाव में जीत की चाबी सत्तापक्ष के पास रहने का मिथक मंगलौर व बदरीनाथ विस सीटों के उपचुनाव में इस बार टूट गया। राज्य गठन के बाद से अब तक विधानसभा की 17 सीटों के लिए उपचुनाव हुए, जिनमें से 15 में सत्तापक्ष ने जीत दर्ज की, जबकि इस बार दो में विपक्ष को सफलता मिली।
पहले चुनाव में बनीं थी कांग्रेस की सरकार
उत्तराखंड में विधानसभा सीटों के उपचुनाव के इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2002 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी। तब कांग्रेस के कार्यकाल में तीन सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें दो सत्तासीन कांग्रेस और एक उक्रांद ने जीते।
2007 में भाजपा को मिली सत्ता
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क्रांद ने तब कांग्रेस को समर्थन दिया था। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी। तब भाजपा के कार्यकाल में दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा ने सफलता पाई।
वर्ष 2012 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई और उसके कार्यकाल में विभिन्न कारणों से रिक्त हुई पांच सीटों के उपचुनाव में सभी पर कांग्रेस ने जीत हासिल की।
2017 सत्तासीन हुई भाजपा
वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा सत्तासीन हुई। उसके कार्यकाल में तीन सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें भाजपा ने ही जीत दर्ज की। वर्ष 2022 में लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार बनी।
वर्ष 2022 व 2023 में एक-एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा ने बाजी मारी।
अब विधानसभा की मंगलौर व बदरीनाथ सीटों के उपचुनाव में विपक्ष कांग्रेस के हाथ सफलता लगी। यद्यपि, वर्ष 2022 के विस चुनाव में बदरीनाथ व मंगलौर सीटें क्रमश: कांग्रेस व बसपा के पास थीं।
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