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विश्व धरोहर में शामिल होंगे उत्‍तराखंड के पंच बदरी व पंच केदार, कैबिनेट के महत्‍वपूर्ण फैसलों पर एक नजर

Uttarakhand Cabinet Decision उत्तराखंड में जितना महात्म्य बदरीनाथ व केदारनाथ धाम का है उतना ही पंच बदरी और पंच केदार का भी है। अब सरकार ने इन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल कराने के लिए कसरत प्रारंभ की है। यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुसार प्रारूप तैयार करने के लिए मुंबई के संस्थान एएनएल एसोसिएट का चयन किया गया है।

By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 14 Aug 2024 09:33 AM (IST)
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Uttarakhand Cabinet Decision: धामी मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024 लागू करने को दी गई मंजूरी
राज्य ब्यूरो, जागरण  देहरादून। Uttarakhand Cabinet Decision: उत्तराखंड में जितना महात्म्य बदरीनाथ व केदारनाथ धाम का है, उतना ही पंच बदरी और पंच केदार का भी है। ये बदरी-केदार धाम के ही अंग हैं। अब इन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने के लिए सरकार ने कसरत प्रारंभ कर दी है। इसके लिए यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुसार प्रारूप तैयार करने के लिए मुंबई के संस्थान एएनएल एसोसिएट का चयन किया गया है।

कैबिनेट की बैठक में पर्यटन विभाग की ओर से इस संबंध में रखे गए प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। पंच बदरी में श्री बदरी नारायण (बदरीनाथ धाम), आदि बदरी, वृद्ध बदरी, योग ध्यान बदरी व भविष्य बदरी शामिल हैं। पंच केदारों में केदारनाथ धाम, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमेश्वर व कल्पेश्वर महादेव हैं।

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ये सभी मंदिर श्रद्धालुओं की असीम आस्था का केंद्र होने के साथ ही पुरातात्विक महत्व के भी हैं। अब सरकार ने इन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल कराने के लिए कसरत प्रारंभ की है।

यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुसार इसके लिए प्रारूप तैयार करने को मुंबई के एएनएल एसोसिएट के कंजर्वेशन आर्किटेक्ट पर्यटन विभाग को मदद करेंगे। प्रारूप तैयार होने के पश्चात इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा और फिर केंद्र इसे यूनेस्को को भेजेगा।

यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल होने पर पंच बदरी व पंच केदार मंदिरों के संरक्षण को यूनेस्को से ग्रांट मिलेगी। साथ ही यूनेस्को की हेरिटेज साइट में पंच बदरी व पंच केदार की पूरी जानकारी रहेगी।

उत्तराखंड में पर्यटन विकास के लिए नई प्रोत्साहन योजना

उत्तराखंड में पर्यटकों व तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार अब इस दृष्टि से सुविधाएं विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में धामी मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में राज्य में पर्यटन विकास को नई ऊंचाईयां देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024 को मंजूरी दी गई।

इसके तहत राज्य में एक से पांच करोड़ तक के प्रोजेक्ट पर 33 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक की सब्सिडी समेत अन्य रियायत दी जाएंगी।

महत्वपूर्ण यह कि योजना केवल उत्तराखंड के निवासियों और यहीं के उद्यमियों के लिए होगी। इन उद्यमों में राज्य के स्थायी निवासियों को 70 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक होगा।

सरकार को उम्मीद है कि इससे पर्यटन व आतिथ्य के क्षेत्र में न केवल बूम आएगा, बल्कि पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित होने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इससे पलायन पर भी अंकुश लगेगा।

पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा को नगर निगम बनाने का निर्णय

मंत्रिमंडल ने कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा को नगर निगम बनाने का निर्णय भी लिया है। इसके साथ ही राज्य में नगर निगमों की संख्या बढ़कर 11 हो जाएगी। इसके अलावा उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश को विधेयक के रूप में विधानसभा के आगामी सत्र में सदन के पटल पर रखने समेत अन्य कई अहम निर्णय भी लिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 36 विषयों पर निर्णय लिए गए। विधानसभा का सत्र आहूत होने के कारण बैठक में लिए गए निर्णयों की ब्रीफिंग नहीं हुई। मंत्रिमंडल ने पर्यटन विभाग की ओर से रखे गए उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना को चर्चा के बाद स्वीकृति दे दी।

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असल में राज्य में पर्यटन नीति 2023-30 लागू है, लेकिन यह पर्यटन के क्षेत्र में बड़ा निवेश खींचने पर केंद्रित है। इसमें पांच करोड़ से अधिक राशि के प्रोजेक्ट ही लिए जाते हैं। ऐसे में विशुद्ध रूप से एक से पांच करोड़ तक के प्रोजेक्ट के लिए योजना नहीं थी।

यद्यपि, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना अस्तित्व में है और इसमें एक करोड़ तक के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जाते हैं, लेकिन यह केवल बेरोजगारों के लिए है। अब राज्य के निवासियों व यहीं के उद्यमियों के लिए यह नई प्रोत्साहन योजना लाई गई है।

योजना को तीन श्रेणियों में विभक्त करने करने के साथ ही 33 लाख से डेढ़ करोड़ रुपये तक की सब्सिडी का प्रविधान रखा गया है। इसके अलावा अन्य रियायत भी दी गई हैं। यह भी साफ किया गया है कि योजना में जो प्रोजेक्ट स्वीकृत होगा, वह 10 साल तक उसी में चलेगा। यदि कोई अपनी इकाई बेचता भी है तो वह राज्य के निवासी को बेचेगा।

पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना में सब्सिडी प्रोजेक्ट

  • राशि, सब्सिडी
  • मैदानी क्षेत्र एक करोड़, 33 लाख अधिकतम एक से पांच करोड़, 15 प्रतिशत या अधिकतम 80 लाख
  • मध्य क्षेत्र एक करोड़, 33 लाख अधिकतम एक से पांच करोड़, 25 प्रतिशत या अधिकतम 1.20 करोड़
  • उच्च पर्वतीय क्षेत्र एक करोड़, 33 लाख अधिकतम एक से पांच करोड़, 25 प्रतिशत या अधिकतम 1.50 करोड़

ये भी हैं रियायत

  • योजना में स्टांप ड्यूटी पर शत-प्रतिशत छूट, लेकिन यह इकाई बनने के बाद मिलेगी।
  • तीन साल तक ब्याज अनुदान तीन प्रतिशत या अधिकतम चार से छह लाख रुपये।
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