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उत्तराखंड: कैबिनेट बैठक में इन अहम फैसलों पर लगी मुहर, जानिए

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुर्इ कैबिनेट बैठक कर्इ अहम फैसलों पर मुहर लगी।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 15 Jun 2018 05:32 PM (IST)
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उत्तराखंड: कैबिनेट बैठक में इन अहम फैसलों पर लगी मुहर, जानिए
देहरादून, [जेएनएन]: कक्षा तीन से लेकर बारहवीं तक सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत करीब सात लाख छात्र-छात्राओं के लिए अब एनसीईआरटी की किताबों की कमी नहीं रहेगी। सस्ती किताबों की छपाई को प्रदेश सरकार उत्तरप्रदेश के प्रकाशकों की मदद लेगी। त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने बुधवार को एनसीईआरटी की किताबें एनसीईआरटी से करीब 50 फीसद कम कीमत पर लेने के लिए उत्तरप्रदेश के प्रकाशकों से करार करने के फैसले पर मुहर लगाई। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एनसीईआरटी किताबों की छपाई को लेकर अहम फैसला लिया। बीते दिनों शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने विभागीय समीक्षा के दौरान राज्य के सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों का संकट दूर करने में हीलाहवाली होने पर नाराजगी जताई थी। इसके लिए उन्होंने शासन के आला अधिकारियों पर निशाना साधा था। इसके बाद विभागीय अधिकारियों ने उक्त संबंध में प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा। काबीना मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि चालू शैक्षिक सत्र 2018-19 के लिए मुफ्त किताबें खुद प्रकाशित कराने से सरकार ने कदम पीछे खींच लिए थे।

कक्षा एक से आठवीं तक सभी छात्र-छात्राओं, कक्षा नौ से बारहवीं तक अध्ययनरत सभी छात्राओं और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति व पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबों के एवज में किताबों की कीमत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के तहत उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी। ऐसे करीब सात लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को 30 लाख से ज्यादा किताबें बाजार से खरीदनी होंगी, लेकिन इतनी संख्या में किताबों की छपाई सरकार की ओर से नहीं कराई गई है। 

डीबीटी के चलते कक्षा एक से बारहवीं तक की पाठ्यपुस्तकों की छपाई के लिए अल्पकालिक टेंडर आमंत्रित किए जा चुके हैं। अब तक तीन टेंडर हो चुके हैं, लेकिन दो बार एक ही निविदादाता सामने आया। कक्षा एक व दो की पाठ्यपुस्तकों के लिए टेंडर को सरकार की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन कक्षा तीन से 12वीं तक पाठ्यपुस्तकों की छपाई में पेच फंस गया। इसे देखते हुए शिक्षा महकमे ने दो प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष रखे। एक प्रस्ताव में एनसीईआरटी पुस्तक विक्रेताओं के जरिये एनसीईआरटी की दरों से 20 फीसद कम दर पर किताबें उपलब्ध कराने की पैरवी की गई। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली।

दूसरे प्रस्ताव में उत्तरप्रदेश सरकार के निविदादाताओं से एमओयू कर उन्हीं की कीमत जो एनसीईआरटी से लगभग 50 फीसद कम है, पर किताबें बाजार में उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया। मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव पर हामी भरी। यह तय किया कि इस संबंध में उत्तरप्रदेश के प्रकाशकों से एमओयू किया जाएगा। 

कैबिनेट कुछ अन्य फैसले

-एनसीईआरटी से कम कीमत पर किताबें देने को प्रकाशकों से होगा करार

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे में मंत्रिमंडल को दी गई जानकारी

-प्रदेश के होमगार्डों के मानदेय में प्रतिदिन 50 रुपये की वृद्धि, अब मिलेंगे 450 रुपये

-उत्तरप्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग को बदरीनाथ में 0.401 हेक्टेयर भूमि सशुल्क देने का निर्णय

-पुलिस असाधारण पेंशन नियमावली में संशोधन पर मुहर, असाधारण पेंशन के लिए पात्रता तय

-गेहूं का समर्थन मूल्य 1735 रुपये प्रति कुंतल घोषित

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