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आखिरकार कोटद्वार में मेडिकल कालेज की साध हुई पूरी, कैबिनेट ने दिखाई हरी झंडी

पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रवेशद्वार कोटद्वार में आखिरकार मेडिकल कालेज का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने कोटद्वार स्थित बेस चिकित्सालय को मेडिकल कालेज में उच्चीकृत करने को प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति देने के साथ ही एमसीआई के मानकों के अनुसार पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 19 Mar 2021 08:02 AM (IST)
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आखिरकार कोटद्वार में मेडिकल कालेज की साध हुई पूरी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रवेशद्वार कोटद्वार में आखिरकार मेडिकल कालेज का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने कोटद्वार स्थित बेस चिकित्सालय को मेडिकल कालेज में उच्चीकृत करने को प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति देने के साथ ही एमसीआई के मानकों के अनुसार पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है। साथ ही अकादमिक ब्लाक, छात्रावास निर्माण से संबंधित कार्यों के प्राक्कलन को एक करोड़ की धनराशि की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई है।

पौड़ी जिले के विभिन्न विकासखंडों के अलावा कोटद्वार से सटे उप्र के बिजनौर के सीमांत क्षेत्रों के निवासी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कोटद्वार पर निर्भर हैं। इसे देखते हुए वहां लंबे अर्से से मेडिकल कालेज खोलने की मांग उठ रही थी। क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डा.हरक सिंह रावत इसके लिए लगातार प्रयासरत थे। पूर्व में इएसआइ के माध्यम से भी मेडिकल कालेज के लिए प्रयास किए गए, मगर विभिन्न कारणों से यह परवान नहीं चढ़ पाए थे। बेस चिकित्सालय को मेडिकल कालेज के रूप में उच्चीकृत करने को कैबिनेट की मंजूरी से कोटद्वार क्षेत्र के निवासियों की बड़ी साध पूरी हो गई है। 

हालांकि, मेडिकल कालेज के लिए वर्ष 2017 में 23 एकड़ भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित की गई थी। साथ ही दो करोड़ की धनराशि से इस भूमि की चहारदीवारी का कार्य कराया गया था। वर्तमान में 300 शैयाओं वाले बेस चिकित्सालय में 24 आवास पहले से निर्मित हैं। अब केवल अकादमिक ब्लाक व छात्रावासों का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए भूमि भी उपलब्ध है।कैबिनेट ने अब इस भूमि में अकादमिक ब्लाक व छात्रावास निर्माण के लिए चालू वित्तीय वर्ष में आकस्मिता निधि से 50 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर मेडिकल कालेज की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति दी है। कालेज के निर्माण क लिए ब्रिज एंड रूफ कंपनी इंडिया लिमिटेड को कार्यदायी संस्था बनाया गया है।

गोपन विभाग का नाम बदला

कैबिनेट ने गोपन विभाग का नाम बदलकर मंत्री परिषद विभाग रखने को मंजूरी दी है। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक अन्य प्रदेशों में मंत्री परिषद के नाम ही विभाग हैं। दूसरे राज्यों में गोपन विभाग से पत्राचार में दिक्कतें आती थीं। इसीलिए अब गोपन विभाग का नाम बदलकर मंत्री परिषद विभाग किया गया है।

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