Uttarakhand Cabinet: जोशीमठ भूधंसाव प्रभावितों के जख्मों पर राहत का मरहम, पेपरलीक मामले में बनेगा सख्त कानून
Uttarakhand Cabinet Meeting पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की शुक्रवार को होने वाली बैठक में टो इरोजन रोकने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। धंसाव के लिए अब तक बड़े कारण के रूप में अलकनंदा नदी से जोशीमठ की तलहटी में हो रहे कटाव (टो इरोजन) को आंका गया है।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 13 Jan 2023 07:46 PM (IST)
टीम जागरण, देहरादून: Uttarakhand Cabinet Meeting: सीमांत चमोली जिले के आपदाग्रस्त जोशीमठ के प्रभावितों के जख्मों पर सरकार ने राहत का मरहम लगाया है। धामी मंत्रिमंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में प्रभावितों को तात्कालिक राहत देने के साथ ही दीर्घकालिक उपायों के दृष्टिगत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
कैबिनेट ने आगामी छह माह के लिए आपदा प्रभावित परिवारों के पानी व बिजली के बिल माफ करने का निर्णय लिया है। साथ ही बैंकों से लिए गए ऋण की वसूली एक साल तक स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं।
राहत शिविरों में रहने वालों को विकल्प दिया गया है कि यदि वे वहां भोजन नहीं करते हैं तो उन्हें 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से धनराशि दी जाएगी।
सरकार ने राहत कार्यों में पूरी ताकत झोंकी
प्रभावितों के पशुओं की चिंता भी सरकार ने की है और इसके लिए धनराशि का प्रविधान किया है। पशुओं को कहां रखना है, कृषि विभाग इसके लिए शीघ्र भूमि चयनित करेगा।यह निर्णय भी लिया गया कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को राहत पैकेज के दृष्टिगत केंद्र सरकार को सप्ताहभर के भीतर प्रस्ताव भेजा जाएगा। कैबिनेट ने आपदा से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
जोशीमठ शहर में भूधंसाव और घरों व जमीनों में दरारें पडऩे के मद्देनजर सरकार ने राहत कार्यों में पूरी ताकत झोंकी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार और गुरुवार को जोशीमठ में राहत कार्यों का जायजा लिया। समस्या से निबटने के दृष्टिगत जांच कार्य में जुटे तमाम संस्थाओं के विज्ञानियों के साथ ही सेना व आइटीबीपी के अधिकारियों और स्थानीय निवासियों के साथ युद्ध स्तर पर बैठकें की थीं।
उन्होंने आपदा प्रभावितों को आश्वस्त किया कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक विशेष रूप से जोशीमठ आपदा से निबटने को उठाए जाने वाले कदमों पर केंद्रित रही।कैबिनेट ने आपदा प्रभावित भवन स्वामियों व व्यक्तियों को स्थायी अध्यासन-विस्थापन नीति तैयार होने से पहले अग्रिम के रूप में दी जाने वाली अंतरिम सहायता के लिए 45 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव अनुमोदित कर दिया। यह राशि प्रभावितों को बांटी जा रही है।
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कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने बताया कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को जोशीमठ के नजदीकी कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम गोखसेलंग व ढाक को चयनित किया गया है।भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण वहां जियो फिजिकल सर्वे कर रहा है। उसकी रिपोर्ट मिलने के बाद प्रभावितों के लघुकालिक पुनर्वास के लिए प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने पर कैबिनेट ने सैद्धांतिक सहमति दी। सीबीआरआइ ऐसे घरों का माडल सैंपल बनाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्देश दिए कि प्रभावितों के मध्य सर्वे कराते हुए उन्हें भवन अथवा पैकेज के रूप में धनराशि देने का निर्णय लिया जाएगा।किराये में वृद्धि पर निर्णय को मुख्यमंत्री अधिकृत
कैबिनेट ने किराये पर रह रहे जोशीमठ के आपदा प्रभावितों को प्रतिमाह चार हजार रुपये की दर से दी जाने वाली राशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। कहा गया कि यदि डीएम चमोली की रिपोर्ट आधार पर इस राशि में और वृद्धि की आवश्यकता होगी तो इसके लिए निर्णय लेने को मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।भोजन के लिए 450 रुपये प्रतिदिन
कैबिनेट ने आपदा प्रभावितों को राहत शिविरों में ठहराने को एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार 950 रुपये प्रतिदिन प्रतिकक्ष और प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन भोजन के लिए 450 रुपये की राशि के प्रस्ताव पर सहमति दी। निर्णय लिया गया कि यदि कोई व्यक्ति राहत शिविर में भोजन करने का इच्छुक नहीं है तो उसे 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से राशि दी जाएगी। इसके अलावा बड़े पशुओं के चारे के लिए 80 रुपये और छोटे पशुओं के चारे को 45 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से राशि दी जाएगी। इन पशुओं को कहां रखा जाएगा, इसके लिए कृषि विभाग जल्द भूमि चयन करेगा।सिंचाई विभाग या वेपकोस, मुख्यमंत्री लेंगे निर्णय
जोशीमठ में भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, जल निकासी से संबंधित कार्यों को लेकर भी चर्चा हुई। बताया गया कि सिंचाई विभाग के स्तर से जोशीमठ में नदी की ओर से कटाव रोकने संबंधी कार्य ईपीसी मोड में कराने को वेपकोस संस्था को शार्टलिस्ट किया गया है। निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग व वेपकोस, जो भी पहले डीपीआर तैयार करेगा, वह कार्य प्रारंभ कर सकता है, लेकिन इस बारे में निर्णय लेने को मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।राहत पैकेज के लिए हफ्तेभर में केंद्र को भेजेंगे प्रस्ताव
सरकार ने निर्णय लिया कि जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए राहत पैकेज का प्रस्ताव सप्ताहभर के भीतर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इससे पहले जिला स्तरीय समिति के माध्यम से भवनों को पहुंची क्षति का आकलन कराया जाएगा।केंद्र से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने तक सरकार अपने संसाधनों से अल्पकालिक व मध्यकालिक कार्यों के लिए धनराशि खर्च करेगी। बाद में इसका समायोजन राहत पैकेज में किया जाएगा।पहली बार मनरेगा की दर पर राहत राशि
कैबिनेट ने यह भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया कि आपदा प्रभावित जिन परिवारों की आजीविका का साधन छिन गया है, उनके दो वयस्क सदस्यों को मनरेगा में निर्धारित मजदूरी की दर के अनुसार राहत राशि दी जाएगी। इस तरह का निर्णय पहली बार लिया गया है। यह व्यवस्था राहत शिविरों में रहने वाले ऐसे परिवारों के लिए होगी।सहकारी बैंक तत्काल स्थगित करेंगे ऋण वसूली
कैबिनेट ने जोशीमठ के उन आपदा प्रभावित परिवारों को बड़ी राहत दी है, जिन्होंने बैंक समेत अन्य वित्तीय संस्थाओं से ऋण लिया है। इनके ऋणों की वसूली एक साल तक स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं। सहकारी बैंक तत्काल प्रभाव से यह वसूली स्थगित करेंगे, जबकि राष्ट्रीयकृत व अन्य बैकों के स्तर से वसूली स्थगित करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा।विशेषज्ञ समिति तैयार करेगी फाइनल रिपोर्ट
जोशीमठ में जांच कार्य में जुटी एनजीआरआइ, जीएसआइ, सीबीआरआइ, एनआइएच, वाडिया संस्थान समेत अन्य संस्थाओं को जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। कैबिनेट ने निर्णय लिया गया सभी संस्थाओं से रिपोर्ट मिलने के बाद विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी, जो फाइनल रिपोर्ट तैयार करेगी। फिर इसके आधार पर एक्शन प्लान तैयार कर धरातल पर उतारा जाएगा।पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का आकलन
जोशीमठ जैसी स्थिति अन्य शहरों में न आए, इसे देखते हुए कैबिनेट ने पहाड़ के सभी शहरों की धारण क्षमता का आकलन कराने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में जिला मुख्यालय और द्वितीय चरण में ब्लाक मुख्यालय, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत वाले शहर शामिल होंगे।सभी मंत्री एक माह का वेतन देंगे
धामी मंत्रिमंडल के सभी मंत्री अपने एक माह का वेतन जोशीमठ के आपदा प्रभावितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने यह प्रस्ताव रखा, जिसका सभी मंत्रियों ने समर्थन किया।पेपरलीक मामले में सरकार सख्त कानून लाएगी सरकार
- मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने बताया कि कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि भर्तियों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार द्वारा शीघ्र ही एक सख्त नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्रविधान किया जाएगा।
- साथ ही, इस कार्य में अर्जित की गयी संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा लेखपाल की परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा। न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी।
- साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में अभ्यर्थियों को किराया नहीं देना होगा, अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र ही उनका बसों में टिकट माना जाएगा।