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Uttarakhand Cabinet: स्वास्थ्य व उच्च शिक्षा में 200 करोड़ के निवेश पर मिलेगी सब्सिडी, 10 वर्ष का रखा लक्ष्य

Uttarakhand Cabinet News - सेवा क्षेत्र नीति में चिह्नित किए गए आठ क्षेत्रों में निवेश की न्यूनतम सीमा अलग-अलग है। इस सीमा तक निवेश करने पर ही निवेशकों को सब्सिडी दी जाएगी। इन आठ क्षेत्रों में भी पर्वतीय अथवा मैदानी जिलों में वर्गीकृत किया गया है। सबसे अधिक निवेश की सीमा स्वास्थ्य सेवाएं व उच्च शिक्षा के लिए तय की गई है।

By Vikas gusainEdited By: Shivam YadavUpdated: Wed, 13 Sep 2023 12:23 AM (IST)
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आगामी नौ वर्षों के भीतर 200 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: सेवा क्षेत्र नीति में चिह्नित किए गए आठ क्षेत्रों में निवेश की न्यूनतम सीमा अलग-अलग है। इस सीमा तक निवेश करने पर ही निवेशकों को सब्सिडी दी जाएगी। इन आठ क्षेत्रों में भी पर्वतीय अथवा मैदानी जिलों में वर्गीकृत किया गया है। सबसे अधिक निवेश की सीमा स्वास्थ्य सेवाएं व उच्च शिक्षा के लिए तय की गई है। इनमें निवेशकों को मैदानी क्षेत्रों में आगामी नौ वर्षों के भीतर 200 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। निवेश के सापेक्ष सब्सिडी भी एकमुश्त न मिलकर किस्तों में निवेश को धरातल पर उतारने के आधार पर मिलेगी।

स्थानीयों को रोजगार देने पर मिलेगा सब्सिडी का लाभ

इस नीति में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सेकेंडरी अथवा विशेष देखभाल अस्पतालों के निर्माण पर निवेश में ध्यान केंद्रित किया गया है। मैदानी क्षेत्रों में योजना बनाने के लिए निवेशक को नौ वर्ष में 200 करोड़ का निवेश करना होगा। 

पर्वतीय क्षेत्र में निवेश की यह सीमा 25 करोड़ रखी गई है। इसमें केवल 10 योजनाओं को ही भूमि आवंटित की जाएगी। सब्सिडी का लाभ तभी मिलेगा, जब निवेशक 50 प्रतिशत नर्सिंग स्टाफ और 75 प्रतिशत स्पोर्टिंग स्टाफ के रूप में स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार देंगे।

इन क्षेत्रों में भी तय है निवेश की सीमा

वेलनेस और पारंपरिक औषधि क्षेत्र में वेलनेस रिसॉर्ट, आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी व समग्र उपचार को केंद्र में रखा गया है। इसमें निवेश की सीमा को दो भागों में बांटा गया है। मैदानी क्षेत्र में रिसॉर्ट व समग्र उपचार केंद्रों में नौ वर्ष में निवेश की सीमा 100 करोड़ रुपये तय की गई है।

पर्वतीय क्षेत्र में यह सीमा 50 करोड़ रुपये रखी गई है। यह सुनिश्चित करने होगा कि इनमें 50 प्रतिशत सपोर्ट स्टाफ स्थानीय होगा। योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी व समग्र उपचार केंद्रों के लिए मैदानी क्षेत्रों में 50 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 करोड़ रुपये के निवेश की सीमा तय की गई है।

स्थानीय विद्यार्थियों को देनी होगी छूट

शिक्षा में निवेश को भी दो श्रेणियों में बांटा गया है। 12वीं तक के स्कूलों के लिए मैदानी क्षेत्रों में 50 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 करोड़ के निवेश की सीमा तय की गई है। उच्च शिक्षा में मैदानी क्षेत्र में निवेश की सीमा 200 और पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश की सीमा 100 करोड़ रुपये रखी गई है। 

प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाने वाले संस्थानों को उच्च शिक्षा में स्थानीय विद्यार्थियों के लिए 10 प्रतिशत सीट और फीस में 30 प्रतिशत की छूट देनी होगी। फिल्म मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में मैदानी क्षेत्र में 100 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्र में 50 करोड़ के निवेश की सीमा तय की गई है।

खेल में माउंटेनियरिंग, वाटर स्पोर्ट्स, विंटर स्पोर्ट व सामान्य खेलों में निवेश पर फोकस किया गया है। इसमें मैदानी क्षेत्र में ढांचागत निर्माण के लिए 25 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 15 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। सूचना प्रौद्योगिकी व आधारित सेवाओं के क्षेत्र में देश-विदेश के आईटी कैंपस को केंद्र में रखा गया है। इनके लिए मैदानी क्षेत्र में निवेश की सीमा 100 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्र में यह सीमा 50 करोड़ रखी गई है।

डेटा सेंटर के प्रोत्साहन की कोई योजना नहीं 

प्रदेश की सूचना प्रौद्योगिकी नीति में डेटा सेंटर के प्रोत्साहन की कोई योजना नहीं है। ऐसे में सेवा क्षेत्र नीति में इसकी व्यवस्था की गई है। इसके लिए मैदानी क्षेत्रों में 100 करोड़ के निवेश और पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ के निवेश की सीमा तय की गई है। 

कौशल विकास ऐसा क्षेत्र है जो हस्तशिल्प से लेकर ड्रोन व मोटर वाहन विनिर्माण के क्षेत्र में युवाओं के लिए नई राह खोल सकता है। इसके लिए मैदानी क्षेत्र में निवेश की सीमा 100 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में यह सीमा 50 करोड़ रखी गई है।

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