Move to Jagran APP

Uttarakhand Glacier Burst: आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोनिवि लगाएगा इलेक्ट्रिक ट्रॉली, जनरेटर से होगा संचालन

Uttarakhand Chamoli Glacier Burst ऋषिगंगा में आए सैलाब के चलते चार झूला पुल बहने की वजह से 13 सीमांत गांवों का यातायात संपर्क कटा हुआ है। इसे लेकर धौलीगंगा में लोनिवि की ओर से ट्रॉली लगाई गई है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 15 Feb 2021 02:42 PM (IST)
Hero Image
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोनिवि लगाएगा इलेक्ट्रिक ट्रॉली।
जोशीमठ, रणजीत रावत। Uttarakhand Chamoli Glacier Burst ऋषिगंगा में आए सैलाब के चलते चार झूला पुल बहने की वजह से 13 सीमांत गांवों का यातायात संपर्क कटा हुआ है। इसे लेकर धौलीगंगा में लोनिवि की ओर से ट्रॉली लगाई गई है, लेकिन ट्रॉली से ग्रामीणों को आवाजाही के साथ-साथ रसद आपूर्ति में भी दिक्कतें आ रही हैं। इसे देखते हुए लोक निर्माण विभाग अब इलेक्ट्रिक ट्रॉली लगाने की कवायद शुरू कर रहा है। ट्रॉली का संचालन जेनरेटर के जरिये किया जाएगा।

ऋषिगंगा में आई त्रासदी के बाद नीति घाटी के कई सीमांत गांवों का संपर्क कट चुका है। स्थायी झूला पुल बनने और वित्तीय स्वीकृति में समय लगेगा, इसे देखते हुए धौलीगंगा नदी पर इलेक्ट्रिक ट्रॉली लगाने की योजना है। लोनिवि ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी है। इसके साथ ही विष्णुप्रयाग में एक झूला पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। जल प्रलय के चलते धौलीगंगा नदी में भंग्यूल में बने दो पुल, जुगजु में दो पैदल पुल और जुवागवाड़ और रैणी में एक-एक झूला पुल बह गए थे। लोनिवि ने शासन को आपदा में बहे पुल का आगणन भेजा है। वहीं रैणी में बीआरओ वैली ब्रिज बना रहा है। अधिशासी अभियंता शिवम मित्तल ने बताया कि विष्णुप्रयाग स्थित झूला पुल की मरम्मत के लिए 1.5 करोड़ का आगणन भेजा गया है।

पैंग मुरंडा में अब भी बिजली का इंतजार

पैंग मुरंडा गांव में अब तक विद्युत आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई है। प्रशासन गांव में जल्द विद्युत आपूर्ति सुचारू करने का दावा कर रहा है। लेकिन, ऊर्जा निगम नदी का मलबा सूखने के इंतजार में है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों की मानें तो पैंग मुरंडा के लिए तीन किमी लंबी विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। लाइन की मरम्मत में लंबा समय लग सकता है। हालांकि गांव में उरेड़ा विभाग की ओर से 35 सोलर लालटेनों का वितरण कर कुछ हद तक ग्रामीणों की समस्या को कम किया गया है।

रैणी गांव में सेना ने बनाया अस्थायी पुल, राहत

एक ओर रैणी गांव के लिए वैली ब्रिज का निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है। वहीं, दूसरी ओर प्रभावित गांवों में आवाजाही सुचारू करने के लिए भारतीय सेना ने अस्थायी पुल बना दिया है। मेजर उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि जब तक स्थायी पुल का निर्माण नहीं हो जाता, स्थानीय निवासियों को अस्थायी पुल से आर-पार कराया जाएगा। रविवार को स्थानीय निवासियों को सेना के जवानों की देखरेख में आर-पार कराया गया। बता दें कि सात फरवरी को आई आपदा में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा को जोड़ने वाला रैणी पुल बह गया था। इसके बाद 13 सीमावर्ती गांवों में आवाजाही ठप पड़ी है।

जुआग्वाड़ में ट्रॉली लगने से मिली राहत

जुआग्वाड़ जोशीमठ विकासखंड के सुदूरवर्ती गांवों में शामिल है। आपदा के बाद यहां के ग्रामीणों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई थी। जुआग्वाड़ पुल बहने के बाद ग्रामीण गांव में ही फंसे हुए थे। हालांकि रैणी गांव से दो किमी पहले धौली गंगा पर लोक निर्माण विभाग की ओर से ट्रॉली लगाकर आवाजाही सुचारू करा दी गई है। ट्रॉली से गांव के लिए राहत सामग्री और राशन ग्रामीण स्वयं ले जा रहे हैं। आपदा का इस गांव पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।

यह भी पढ़ें-  LIVE Uttarakhand Glacier Burst: टनल में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, अब तक 55 शव बरामद

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।