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Uttarakhand Budget: धामी सरकार ने विकास के साथ दिखाया चुनाव साधने का दम, बजट में समाज के हर वर्ग को लुभाने की कोशिश

भाजपा ने जुलाई 2021 में महज चार महीने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर मुख्यमंत्री बनाए गए तीरथ सिंह रावत को हटाकर केवल दूसरी बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को सरकार की बागडोर सौंप चौंकाने वाला फैसला लिया। राज्य के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री धामी ने नेतृत्व के भरोसे का मान रखा और 2022 के विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत के साथ कांग्रेस को हरा दिया।

By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Wed, 28 Feb 2024 09:44 AM (IST)
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्‍यमंत्री हैं।
 विकास धूलिया, देहरादून। पुष्कर सिंह धामी सरकार के तीसरे बजट में आगामी लोकसभा चुनाव की चुनौती से पार पाने की भरपूर कोशिश नजर आई। अगर यह कहा जाए कि मुख्यमंत्री धामी ने चुनाव से पहले उत्तराखंड में भाजपा के लिए आधार बनाया, तो गलत नहीं होगा। ज्ञान (जीवाईएएन), यानी गरीब, युवा, अन्नदाता, नारीशक्ति पर केंद्रित बजट ने इन वर्गों की प्रगति के लिए एक रोड मैप दिया है।

केंद्र की प्राथमिकताओं को आधार बनाते हुए विकास पथ पर अग्रसर उत्तराखंड के धामी बजट में डबल इंजन की दौड़ दिखी, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी भी। अपने तीन वर्ष के कार्यकाल, विशेष रूप से बतौर मुख्यमंत्री दूसरे कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णयों को लेकर स्वयं की एक अलग छवि बनाने वाले धामी ने बजट में समाज के हर वर्ग को लुभाने की कोशिश की।

भाजपा नेतृत्व ने जुलाई 2021 में महज चार महीने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर मुख्यमंत्री बनाए गए तीरथ सिंह रावत को हटाकर केवल दूसरी बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को सरकार की बागडोर सौंप चौंकाने वाला फैसला लिया। राज्य के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री धामी ने नेतृत्व के भरोसे का मान रखा और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत के साथ कांग्रेस को चित कर दिया।

हर विधानसभा चुनाव में सत्ता बदलने का मिथक तोडऩे वाले धामी भले ही स्वयं पराजित हो गए, लेकिन भाजपा नेतृत्व का विश्वास बनाए रखने में जरूर सफल रहे। इसीलिए पार्टी ने दूसरी बार भी उन्हें ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी। चंपावत से उप चुनाव लड़ धामी रिकार्ड मत हासिल कर विधायक बने, जिसने स्वाभाविक रूप से उनके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी की।

अपने दूसरे कार्यकाल के दूसरे वर्ष के अंतिम चरण में अब मुख्यमंत्री धामी के समक्ष चुनौती लोकसभा चुनाव के रूप में है। चुनौती इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि भाजपा का लक्ष्य न केवल लगातार तीसरी बार पांचों सीटों पर जीत दर्ज करना है, बल्कि जीत के अंतर को भी बढ़ाना है। इस परिप्रेक्ष्य में देखें तो नए वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तुत बजट में सरकार ने समाज के हर वर्ग को साधने की पहल कर दी है।

इस कड़ी में अलग-अलग आकलन करें तो गरीब कल्याण के अंतर्गत आवास, खाद्यान्न आपूर्ति और निश्शुल्क ईंधन गैस के लिए महत्वपूर्ण प्रविधान बजट का हिस्सा हैं। युवा के हितों के संरक्षण के लिए बजट में रोजगार सृजन का ध्यान रखा गया है। उच्च व तकनीकी शिक्षा को बजट में प्राथमिकता दी गई है। साथ ही मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के लिए बजट में धन की व्यवस्था की गई है।

इस वर्ष उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होना है, इसके लिए सरकार ने 250 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था बजट में रखी है। इसी तरह अन्नदाता, यानी किसानों के लिए पिछली बार की तुलना में बजट राशि बढ़ाई गई है। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, मिशन एप्पल, किसान पेंशन, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर सरकार का फोकस है।

नारीशक्ति, यानी महिला सशक्तीकरण की जिन योजनाओं के लिए बजट में प्रविधान किए गए हैं, उनमें मुख्य हैं नंदा गौरा, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना व गंगा गाय महिला डेयरी विकास योजना। यही नहीं, चालू वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड ने केंद्र के सहयोग से अनेक उपलब्धियां भी हासिल की हैं। चारधाम आल वेदर रोड परियोजना लगभग आकार ले चुकी है तो ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना गेम चेंजर साबित होगी।

इसी क्रम में केंद्र ने हाल में ही बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को स्वीकृति दी है। इसके साथ ही तमाम सड़कों की योजनाएं भी राज्य को मिली हैं। जी-20 की बैठकों का उत्तराखंड में सफल आयोजन होने से राज्य की वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग हुई है। पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही धामी सरकार ने उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प लिया है। इस क्रम में सरकार 30 से अधिक नीतियां लेकर आई हैं।

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