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Uttarakhand News: टिहरी लेक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर स्थानीय लोगों के लिए जाएं सुझाव- मुख्य सचिव राधा रतूड़ी

उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि पर्यटन विकास के सभी प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय हितों का विशेष ध्यान रखा जाए। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन विकास की गतिविधियों में सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग पर भी ठोस अवशिष्ट प्रबन्धन हेतु पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Gaurav Tiwari Updated: Mon, 08 Jul 2024 07:45 PM (IST)
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प्रोजेक्ट का इस आधार पर मूल्यांकन किया जाए कि इससे कितने स्थानीय लोगों को फायदा पहुंचा है।
देहरादून। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने टिहरी झील तथा इसके कैचमेंट एरिया के सम्पूर्ण विकास हेतु एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) की गाइडलाइन्स के अनुसार तैयार डीपीआर पर कार्य करने के साथ ही इस तरह के प्रोजेक्ट में सभी स्टेकहोल्डर्स विशेषकर स्थानीय ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए उनके सुझाव लेने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने निर्देश दिए कि राज्य में संचालित पर्यटन विकास से सम्बन्धित सभी प्रोजेक्ट में स्थानीय आमजन की ऑनरशिप एवं भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने सभी प्रोजेक्ट में हितधारकों एवं स्थानीय लोगों के साथ विचार विमर्श करने व सुझाव लेने की संस्कृति अपनाने के निर्देश दिए हैं।

पर्यावरणीय हितों का रखा जाए विशेष ख्याल

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि पर्यटन विकास के सभी प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय हितों का विशेष ध्यान रखा जाए। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन विकास की गतिविधियों में सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग पर भी ठोस अवशिष्ट प्रबन्धन हेतु पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही राधा रतूड़ी ने ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होम स्टे हेतु भी कूड़ा प्रबन्धन की व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने टूरिज्म एवं इकोलॉजी में संतुलन रखने की नीति का पालन करते हुए सभी टूरिज्म प्रोजेक्ट पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

स्थानीय लोगों को मिले विशेष लाभ

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में पर्यटन के विकास से सम्बन्धित सभी प्रोजेक्ट का इस आधार पर मूल्यांकन किया जाए कि इससे कितने स्थानीय लोगों को रोजगार, विकास एवं कल्याण से सम्बन्धित लाभ पहुंचा है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को सचिवालय में टिहरी झील विकास परियोजना पर सतत्, समावेशी तथा जलवायु अनुकूल पर्यटन विकास से सम्बन्धित द्वितीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) बैठक के दौरान निर्देश दिए हैं कि इस प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय समुदायों को विकास का भागीदार बनाते हुए टिहरी को एक ब्रांड पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

पर्यटकों मिलें अच्छी सुविधाएं

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट के तहत टिहरी शहर के ऐतिहासिक महत्व को पुनः स्थापित करने, पर्यटन की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने, क्षेत्र में सत्त एवं रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को प्रोत्साहित करने, पलायन रोकने, स्थानीय लोगों की आजीविका के अवसर बढ़ाने तथा क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को कम से कम 3 तीन दिन तक यहां रहने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में जानकारी दी गई कि 1294 करोड़ रुपये लागत के एडीबी सहायता प्राप्त टिहरी लेक प्रोजेक्ट के तहत 52 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के लगभग 103 गांवों की लगभग 96875 आबादी को लाभ पहुंचेगा। प्रोजेक्ट के तहत डोबरा चांटी, तिवार गांव, कोटी कॉलोनी, न्यू टिहरी, मदन नेगी तथा झील कलस्टर में विभिन्न पर्यटन सुविधाओं को विकास किया जाएगा। बैठक में सचिव आर मीनाक्षीसुन्दरम, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पांडेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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