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CM Dhami: इस बात पर भड़के उत्तराखंड के सीएम, अधिकारियों को लगाई फटकार; सभी की बात सुनकर जारी किया सख्त आदेश

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव वन को गुलदार समेत दूसरे वन्यजीवों के हमलों की घटनाओं की दैनिक रूप से मानीटरिंग करने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को फील्ड में जाने का आदेश दिया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी दशा में जन हानि नहीं होनी चाहिए। इसके लिए जो भी आवश्यक कदम हैं उठाए जाएं।

By kedar dutt Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 27 Feb 2024 09:13 AM (IST)
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CM Dhami: इस बात पर भड़के उत्तराखंड के सीएम, अधिकारियों को लगाई फटकार

राज्य ब्यूरो, देहरादून।  प्रदेश में गुलदारों के बढ़ते हमलों की रोकथाम को लेकर वन विभाग के रवैये पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपनाया है। रविवार को देहरादून के गलज्वाड़ी में गुलदार के हमले में 10 वर्षीय बच्चे की मौत की घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को वन विभाग के अधिकारियों को विधानसभा भवन स्थित कार्यालय में तलब किया और उन्हें कड़ी फटकार लगाई।

उन्होंने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को फील्ड में जाने और गुलदार के हमले रोकने को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों के विदेश दौरों पर भी रोक लगाने के आदेश दिए हैं।  पिछले कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में वन्यजीवों विशेषकर गुलदार के हमलों में तेजी आई है। इससे संबंधित क्षेत्रों में भय का माहौल है।

रविवार को देहरादून शहर के नजदीकी गलज्वाड़ी में हुई घटना के बाद वहां भी लोग भयभीत हैं। इन घटनाओं के आलोक में मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक अनूप मलिक और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा समीर सिन्हा को विधानसभा भवन स्थित कार्यालय में तलब किया।

घटनाओं की दैनिक रूप से मानीटरिंग करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव वन को गुलदार समेत दूसरे वन्यजीवों के हमलों की घटनाओं की दैनिक रूप से मानीटरिंग करने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को फील्ड में जाने का आदेश दिया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी दशा में जन हानि नहीं होनी चाहिए।

इसके लिए जो भी आवश्यक कदम हैं, उठाए जाएं। साथ ही जनता को जागरूक किया जाए।  उन्होंने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष को देखते हुए वन विभाग 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षित क्विक रिस्पांस टीमें भेजने को निर्देशित किया। उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की रोकथाम के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने को निर्देशित किया।

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