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कुंभ को लेकर उत्तराखंड के सीएम तीरथ और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र की राय जुदा, जानिए क्‍या बोले

हरिद्वार कुंभ के आकार और श्रद्धालुओं की भारी संख्या को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच मतभिन्नता सोमवार को सार्वजनिक हो गई। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वह कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं पर किसी तरह की रोकटोक नहीं चाहते।

By Sumit KumarEdited By: Updated: Tue, 16 Mar 2021 07:45 AM (IST)
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच मतभिन्नता सोमवार को सार्वजनिक हो गई।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: हरिद्वार कुंभ के आकार और श्रद्धालुओं की भारी संख्या को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच मतभिन्नता सोमवार को सार्वजनिक हो गई। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देहरादून में कहा कि वह कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं पर किसी तरह की रोकटोक नहीं चाहते। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में कहा कि देश में कोविड को लेकर जिस तरह की स्थिति बन रही है, उसमें कुंभ के दौरान कोविड के नियमों में ढील देना उचित नहीं। मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के कुंभ को लेकर अलग-अलग स्टैंड से नौकरशाही से लेकर आम जनता तक भ्रम गहराने लगा है।

कोरोना संकट के साये में होने जा रहे कुंभ में कोरोना संक्रमण की रोकथाम किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। कुंभ में उमडऩे वाली लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर केंद्र एवं राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है। यही वजह भी है कि अभी तक न तो कुंभ की अधिसूचना जारी हुई है और न इसके आकार को लेकर ही स्थिति स्पष्ट हो पाई है। कुछ समय पहले केंद्र और फिर राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में साफ किया गया कि कुंभ में उन्हीं श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा, जिनकी आने से 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव होगी। साथ ही कुंभ मेला के पोर्टल पर पंजीकरण भी अनिवार्य किया गया। संभवत: यही वजह रही कि पिछली सरकार कुंभ के मसले को लटकाती रही।

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अब जबकि सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कमान संभाली तो उन्होंने साफ किया कि कुंभ में आने को कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी नहीं है। अलबत्ता, श्रद्धालुओं को कोविड के नियमों का अनुपालन करना होगा। माना जा रहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में हरिद्वार समेत सभी जिलों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आई है। इस बीच हरिद्वार में हाल में हुए गंगा स्नानों में भी भारी भीड़ उमड़ी। फिर भी वहां स्थिति नियंत्रण में है। संभवतया इससे मौजूदा सरकार उत्साहित है और उसने कुंभ में श्रद्धालुओं की आवाजाही बेरोकटोक करने का निश्चय किया है।

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उधर, हाल तक मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत की राय मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से एकदम जुदा है। उन्होंने हरिद्वार में कहा कि कोरोना वैक्सीन अब उपलब्ध हो गई है, मगर अभी भी लोग इसे लगाने से बच रहे हैं। ऐसे में जागरूकता और जिम्मेदारी दोनों को समझने की जरूरत है। फिलवक्त हमें ऐसा कोई जोखिम नहीं लेना चाहिए, जो कोरोना संक्रमण के फैलाव की वजह बने। कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच मतभिन्नता से भ्रम की स्थिति भी पैदा होने लगी है।

नौकरशाही को कुंभ की सभी व्यवस्थाएं संभालनी हैं। उसे कोविड के नियमों का पालन भी कराना है और संक्रमण की रोकथाम को कदम भी उठाने हैं। लाखों की भीड़ उमडऩे पर वह इसके लिए किस प्रकार से कदम उठा पाएगी, इसे लेकर ऊहापोह स्वाभाविक है। वहीं, श्रद्धालुओं के लिहाज से देखें तो वे कुंभ में आस्था की डुबकी लगाने को आतुर हैं।

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