उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने राजभवन जाकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को सौंपा इस्तीफा
Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat Resignation News गत 10 मार्च को ही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने आज शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि इससे पहले तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 03 Jul 2021 07:11 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat Resignation News गत 10 मार्च को ही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार देर रात पद से इस्तीफा दे दिया। पिछले तीन दिनों से दिल्ली में रुके तीरथ को शुक्रवार दोपहर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके विधानसभा उप चुनाव में आ रही संवैधानिक अड़चन की जानकारी देते हुए साफ कर दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री पद छोडऩा पड़ेगा। इसके बाद तीरथ उन्हें अपने इस्तीफे की पेशकश का पत्र सौंप देहरादून लौट आए। मुख्यमंत्री तीरथ ने रात्रि सवा 11 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर करते हुए नए मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने को कहा। नया नेता चुनने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक शनिवार दोपहर तीन बजे देहरादून में बुलाई गई है। यह लगभग तय माना जा रहा है कि इस बार नए नेता का चयन विधायकों में से ही किया जाएगा।
त्रिवेंद्र के बाद तीरथ की भी नाटकीय विदाईगुजरे मार्च में जिस तरह नाटकीय और अप्रत्याशित तरीके से मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत रुखसत हुए थे, कुछ वैसी ही तीरथ सिंह रावत की विदाई की पटकथा भी रही। 17 जून को ही अपने कार्यकाल के सौ दिन पूरे करने वाले तीरथ को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उप चुनाव लडऩे का मौका न मिल पाने के कारण उन्हें इतनी जल्दी मुख्यमंत्री की कुर्सी छोडऩी पड़ेगी। अगर उन्हें ऐसा आभास होता तो शायद वह अपने छोटे से कार्यकाल में हुए सल्ट (अल्मोड़ा) विधानसभा सीट के उप चुनाव में ही स्वयं मैदान में उतर जाते।
संवैधानिक अड़चन के कारण छोड़ना पड़ा पदरामनगर में तीन दिनी चिंतन शिविर के तत्काल बाद भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली तलब कर लिया था। इस तरह अचानक आए बुलावे से राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया। बुधवार दोपहर दिल्ली पहुंचे तीरथ की मध्य रात्रि के आसपास गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई। इसके बाद तीरथ अपने दिल्ली स्थित आवास चले गए। उन्हें गुरुवार को लौटना था, लेकिन पार्टी ने उन्हें दिल्ली में ही रुकने को कहा। शुक्रवार दोपहर लगभग एक बजे तीरथ सिंह रावत फिर अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। यहां लगभग आधा घंटे चली मुलाकात के दौरान उन्हें जानकारी दी गई कि उप चुनाव पर निर्वाचन आयोग की रोक के कारण उन्हें पद छोड़ना होगा। इस पर तीरथ ने पार्टी अध्यक्ष को अपने इस्तीफे की पेशकश संबंधी पत्र सौंप दिया।
तीरथ ने पहले ही दे दिए थे पद छोडऩे के संकेतदिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए हालांकि तीरथ ने पद छोड़ने संबंधी सवालों के जवाब तो नहीं दिए, मगर एक बात ऐसी कह गए, जिससे संकेत मिल गए थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह संसद के आगामी सत्र में पूरे समय हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में रहेंगे। दरअसल, तीरथ सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल सीट का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने लोकसभा की सदस्यता नहीं छोड़ी। माना जा रहा था कि विधानसभा उप चुनाव का कार्यक्रम तय होते ही वह लोकसभा से इस्तीफा देंगे, लेकिन यह नौबत आई ही नहीं।
विधायक दल की बैठक में तोमर व पुंडेश्वरी होंगे पर्यवेक्षकतीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद संभालने के छह महीने के अंदर विधानसभा सदस्य बनना था। यह अवधि नौ सितंबर को पूरी हो रही है। उत्तराखंड में वर्तमान में दो विधानसभा सीट रिक्त हैं। इनमें से एक गंगोत्री व दूसरी हल्द्वानी है। गंगोत्री सीट भाजपा विधायक गोपाल रावत के निधन से रिक्त हुई, लिहाजा उनके यहीं से उप चुनाव लड़ने की संभावना थी। अब जबकि तीरथ उप चुनाव न लड़ पाने के कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवा चुके हैं, इस स्थिति में लगभग तय है कि भाजपा नया मुख्यमंत्री जिसे भी बनाएगी, वह विधायकों में से ही एक होगा। विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा राष्ट्रीय महामंत्री डी पुंडेश्वरी केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे। प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी बैठक में रहेंगे।
थके-थके से नजर आए तीरथतीरथ सिंह रावत लगभग साढ़े सात बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। आठ बजे देहरादून पहुंचने पर वह बीजापुर राज्य अतिथि गृह चले गए। उनके कुछ नजदीकी लोग और मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह उनके साथ थे। इस दौरान उनकी भाव-भंगिमा उन हालात को साफ तौर पर बयां कर रही थी, जिनसे उन्हें पिछले तीन दिन गुजरना पड़ा। हमेशा मुस्कराते रहने वाले तीरथ सिंह रावत काफी थके हुए और हताश से दिख रहे थे।
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