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Uttarakhand: तीन राज्यों में खराब प्रदर्शन से सतर्क हुई कांग्रेस, तय किया जा रहा भ्रमण कार्यक्रम; हाईकमान पर टिकी नजरें

कांग्रेस को तीन राज्यों राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से बड़ी उम्मीदें थीं। विधानसभा चुनाव परिणाम के आधार पर उत्तराखंड में भी लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने की तैयारी की गई थी। चुनाव परिणामों के पक्ष में आने का पार्टी को इस प्रकार विश्वास था कि उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक की तिथि इसके आधार पर ही निर्धारित करने पर सहमति बनी थी।

By Ravindra kumar barthwalEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 04 Dec 2023 06:48 PM (IST)
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तीन राज्यों में खराब प्रदर्शन से सतर्क हुई कांग्रेस
राज्य ब्यूरो, देहरादून। तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार ने उत्तराखंड में भी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने को विवश कर दिया है। कार्यकर्ताओं के मनोबल पर पड़े प्रभाव को देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रदेश भ्रमण के कार्यक्रम नए सिरे से निर्धारित किया जा रहा है।

क्षत्रपों को एकजुट कर कार्यकर्ताओं के बीच ले जाने की तैयारी है। जिला सम्मेलनों को और धार देने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी अब अधिक सतर्कता बरत रही है।

कांग्रेस को तीन राज्यों से थी बड़ी उम्मीदें

कांग्रेस को तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से बड़ी उम्मीदें थीं। विधानसभा चुनाव परिणाम के आधार पर उत्तराखंड में भी लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने की तैयारी की गई थी। चुनाव परिणामों के पक्ष में आने का पार्टी को इस प्रकार विश्वास था कि उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक की तिथि इसके आधार पर ही निर्धारित करने पर सहमति बनी थी।

16 सदस्यीय इस समिति में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत तमाम दिग्गज सम्मिलित हैं।

एकजुट हो करेगा काम

गत दिवस चुनाव परिणामों का प्रभाव प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तैयारी पर भी सीधा पड़ता दिखाई दे रहा है। राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक फिलहाल अनिश्चितता के भंवर में है। इससे पहले प्रदेश संगठन पार्टी हाईकमान के स्तर से निर्धारित की जाने वाली आगे की रणनीति की प्रतीक्षा कर रहा है। प्रदेश स्तर पर संगठन की रणनीति है कि खामियों से सबक लेकर क्षत्रपों को एकजुट करने के लिए विशेष रूप से काम किया जाए।

चुनाव परिणामों से मनोबल न हो प्रभाव

प्रदेश कांग्रेस कमेटी गत माह से जिला सम्मेलन प्रारंभ कर चुकी है। अब 14 दिसंबर से कुमाऊं मंडल के जिलों में सम्मेलन होने हैं। इन सम्मेलनों में दिग्गज नेताओं को बुलाने पर विशेष बल दिया जा रहा है, ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच प्रदेश में एकजुटता का संदेश जाए और विधानसभा चुनाव परिणामों से मनोबल पर किसी प्रकार का प्रभाव न पड़ने दिया जा सके।

अपनाई गई रणनीति की होगी समीक्षा

यद्यपि, कांग्रेस हाईकमान ने भी प्रदेश के दिग्गजों को केंद्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी साैंपकर एकजुट करने और पार्टी के प्रदर्शन को सुधारने के लिए काफी मशक्कत की है। जिला सम्मेलनों में के माध्यम से चुनाव परिणाम के बाद अब तक अपनाई गई रणनीति की भी समीक्षा की जाएगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सभी वरिष्ठ नेताओं के प्रदेशभर में भ्रमण कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। जिला सम्मेलनों के लिए उन्हें विशेष रूप से निमंत्रण दिया जा रहा है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश संगठन तैयारी में जुटा है।

नए उत्साह व एकजुटता से करेगा कार्य

विधानसभा चुनावों के परिणाम से सबक लेकर आगे कदम बढ़ाए जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधानसभा चुनावों में कमियों से सीखकर प्रदेश में पार्टी को सशक्त बनाने के लिए नए उत्साह और एकजुटता से कार्य किया जाएगा।

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