Coronavirus: कोरोना को लेकर सरकार पर हमलावर हुई उत्तराखंड कांग्रेस, परेशानियों की बनाया मुद्दा
कोरोना संक्रमण के दौरान उत्तराखंड में भाजपा सरकार की व्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई। कांग्रेस ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाने की चेतावनी भी दी है।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Wed, 27 May 2020 08:26 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना संक्रमण के दौरान उत्तराखंड में भाजपा सरकार की व्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई। कांग्रेस ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाने की चेतावनी भी दी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय नेताओं को उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की स्थिति, प्रवासियों, निर्धनों, श्रमिकों, छोटे कारोबारियों व किसानों की दिक्कतें बताई। उधर, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने क्वारंटाइन केंद्र में सांप के काटने से बच्ची की मौत पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने चेतावनी दी कि क्वारंटाइन केंद्रों में लापरवाही बरती गई तो कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाने को बाध्य होगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत सभी प्रदेशों के अध्यक्षों, कांग्रेसशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना संक्रमण की स्थिति और लॉकडाउन के चलते होने वाली परेशानी को लेकर वार्ता की। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश कार्यालय में वरिष्ठ काग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट की।
उन्होंने कहा कि सरकार इन मामलों के प्रति उदासीन है। पर्वतीय जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मरीज मिल रहे हैं। वहा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, राजेंद्र शाह, पीके अग्रवाल, नवीन जोशी, राजीव महर्षि, अजय सिंह, सुभाष चौधरी, लखपत बुटोला, गरिमा दसौनी, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, दीवान सिंह तोमर, अमरजीत सिंह समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।
उधर, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि क्वारंटाइन केंद्र में छोटी बच्ची की सांप के काटने से मौत की जिम्मेदारी शासन ओर प्रशासन को लेनी चाहिए। उन्होंने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की सहायता प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन केंद्रों की हालत बदहाल है। प्रवासियों को पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है।
हरीश रावत ने सीएम त्रिवेंद्र को लिखा पत्र
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निजी खेतों में काम करने वाली महिलाओं, खेतों की रखवाली करने वालों और गांव के जंगल को आग से बचाने में लगे लोगों को मनरेगा श्रमिक मानने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पत्र को मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट और कांग्रेस नेता जसबीर रावत ने मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा।
पत्र में कहा गया कि वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार ने महिलाओं के हित में मनरेगा को लेकर बड़ा फैसला किया था। निजी खेतों में काम करने वाली महिलाओं को मनरेगा श्रमिकों के रूप में पंजीकृत किया गया था। वर्तमान में भी ऐसे निर्णय लेने की आवश्यकता है। साथ ही बरसाती जल संचय, सामूहिक पौधरोपण, बांस, तिमरू, तेजपत्ता या कास्ट उपयोग के सैमल, गेठी, तुन या फल प्रजाति के पौधरोपण को मनरेगा के तहत मान्य घोषित करना चाहिए। इससे गांव में नए आए हुए लोगों को भी रोजगार मिल सकेगा।
यह भी पढ़ें: विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल बोले, प्रवासियों के रोजगार को सरकार तत्परसोनिया गांधी व अनुग्रह सिंह पर दर्ज मुकदमे वापस होंप्रदेश किसान सभा ने केंद्र सरकार के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया। साथ ही मांग की कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। प्रदेश किसान सभा ने चकराता रोड स्थित कैंप कार्यालय में सांकेतिक धरना दिया। इस मौके पर किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष सुनील राठी, प्रदेश उपाध्यक्ष विकास चौहान, अभिषेक भंडारी, सुरेश पटेल, राकेश शर्मा, उमेश कुमार, गुलफाम खान आदि मौजूद रहे।
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