पदोन्नति में आरक्षण को लेकर मुश्किल में घिरी उत्तराखंड कांग्रेस
पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर कांग्रेस का स्टैंड उस पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। सरकारी कर्मचारियों ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 13 Feb 2020 08:37 AM (IST)
देहरादून, विकास धूलिया। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर कांग्रेस का स्टैंड उस पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। उत्तराखंड में सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
राज्यभर में जिस तरह कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का सिलसिला चला, उसने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। उस पर आम जनता पर भी इसका असर दिख रहा है। हालांकि सूबे में कांग्रेस इस मुद्दे पर बीच का रास्ता अख्तियार किए हुए है, लेकिन पार्टी के केंद्रीय नेता पदोन्नति में आरक्षण की खुलकर पैरवी कर रहे हैं। इससे उत्तराखंड में कांग्रेस की बेचैनी बढ़ गई है।वर्ष 2012 में जब हाईकोर्ट के निर्देश पर उत्तराखंड में पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने का शासनादेश किया गया, उस वक्त यहां कांग्रेस की ही सरकार थी। अब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगाने के नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को अवैध ठहरा दिया।
इससे पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने के सरकार के आदेश के फिर प्रभावी होने का रास्ता साफ हो गया। उधर, इस मसले पर कांग्रेस ने लोकसभा व राज्यसभा में केंद्र की भाजपानीत राजग सरकार को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के इस रुख के बाद उत्तराखंड में सियासत गर्मा गई। लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने की लड़ाई लड़ रहे सामान्य व ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों में कांग्रेस नेतृत्व के इस स्टैंड से गहरी नाराजगी फैल गई। उन्होंने खुले तौर पर कांग्रेस के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन का एलान कर दिया। बुधवार को इसका असर राज्य भर में दिखा। दरअसल, पदोन्नति में आरक्षण की पैरवी करने का कांग्रेस का सियासी पैंतरा उत्तराखंड में पार्टी के गले पड़ गया है।
वैसे ही पिछले छह सालों से सूबे में कांग्रेस वजूद बचाने की जिद्दोजहद से गुजर रही है। दो लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर करारी शिकस्त के साथ ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 में से महज 11 सीटों पर जा सिमटी।दरअसल, उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारी एक बड़े वोट बैंक की भूमिका में रहते आए हैं। राज्य में सरकारी कर्मचारियों की संख्या लगभग 3.50 लाख है। इनमें शिक्षक, निगम और निकायों के कर्मचारी भी शामिल हैं।
अगर सामान्य व ओबीसी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों की बात करें तो यह आंकड़ा लगभग 2.75 लाख बैठता है। यानी 60 से 70 हजार अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कर्मचारी हैं। यही वजह है कि कांग्रेस उत्तराखंड में कर्मचारियों के किसी भी तबके की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह कह चुके हैं कि पार्टी आरक्षित और अनारक्षित, सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर काम करेगी। गौरतलब है कि प्रीतम सिंह स्वयं विधानसभा में अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यात्रा के जरिये कांग्रेस ने शुरू किया जन संवादमहानगर कांग्रेस की ओर से दून शहर में जन संवाद यात्रा शुरू की गई है। जन संवाद यात्रा महानगर के सभी 100 वार्डों में जनसंपर्क करेगी व भाजपा सरकार की विफलताओं से जनता को अवगत कराएगी।कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने जन संवाद यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। महानगर उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद चौधरी यात्रा के प्रभारी व महानगर महामंत्री प्रियांशु छाबड़ा इस यात्रा के सहप्रभारी बनाए गए हैं। लालचंद शर्मा ने कहा कि जन संवाद के माध्यम से कांग्रेस प्रदेश की भाजपा सरकार के अभी तक के कार्यकाल की विफलता लोगों के सामने रखेगी।
जन संवाद यात्रा राजपुर विधानसभा के वार्ड नंबर 13 डीएल रोड से शुरू की गई। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजकुमार, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष संजय किशोर, पार्षद देविका रानी, अर्जुन सोनकर, निखिल कुमार, रीता रानी, मालती देवी मनोहर लाल, सोम वाल्मीकि, मंजुला तोमर, प्रणीता बडोनी, डॉ. प्रतिमा सिंह, विवेक चौहान आदि मौजूद रहे।गरीब जनता का शोषण कर रही सरकार: प्रीतम सिंह
रसोई गैस की कीमतों में 150 रुपये वृद्धि को आम जनता का शोषण करार देते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने महंगाई से आम जनता की कमर तोड़कर रख दी है।उन्होंने बयान जारी कर कहा कि महंगाई रोकने में पूरी तरह नाकाम भाजपा सरकार अपनी विफलता का बोझ आम जनता के कंधों पर बढ़ाती जा रही है। भाजपा सरकार ने रसोई गैस के दामों में वृद्धि कर गरीब आदमी का जीना दूभर कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार महंगाई पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ कुछ बड़े घरानों को पालने का काम कर रही है।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस भवन घेरने निकले कर्मचारियों को पुलिस ने रोका, सड़क पर ही धरने पर बैठेयूथ कांग्रेस ने किया प्रदर्शनजीएमएस रोड स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान पर एक्सपायर डेट की शराब बेचने का आरोप लगाते हुए महानगर युवा कांग्रेस व यूथ कांग्रेस ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। महानगर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अंशुल कोठारी ने कहा कि पूर्व में पथरिया पीर में जहरीली शराब पीने कई लोगों की जान चली गई थी। बावजूद इसके प्रशासन शराब के अवैध कारोबार में लगे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। एक्सपायरी डेट शराब की बिक्री से कभी भी बड़ी घटना घट सकती है।
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