कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल की ताजपोशी पर हुआ शक्ति प्रदर्शन, जमावड़े से कई दफा अव्यवस्था और तनातनी के बने हालात
Uttarakhand Assembly Election 2022 उत्तराखंड में पार्टी को एकजुट करने को खेला गया पांच अध्यक्षों का दांव कांग्रेस के लिए महाभारत से कम नहीं है। नए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के पदभार ग्रहण करने का मौका बड़े नेताओं के बीच शक्ति प्रदर्शन में तब्दील हो गया।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 27 Jul 2021 11:11 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून: Uttarakhand Assembly Election 2022 उत्तराखंड में पार्टी को एकजुट करने को खेला गया पांच अध्यक्षों का दांव कांग्रेस के लिए महाभारत से कम नहीं है। नए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के पदभार ग्रहण करने का मौका बड़े नेताओं के बीच शक्ति प्रदर्शन में तब्दील हो गया। बड़े नेताओं के समर्थकों में जोर-आजमाइश, नारेबाजी और समारोह स्थल पर जमावड़े से कई दफा अव्यवस्था और तनातनी के हालात बने। संबोधन के दौरान नारेबाजी से खफा होकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बीच में ही रुक गए। नारेबाजी करने वाले समर्थक को हटाए जाने के बाद ही उन्होंने अपना भाषण पूरा किया।
गोदियाल की ताजपोशी के बहाने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थकों की बड़ी भीड़ जुटी। वहीं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत व भुवन कापड़ी और कोषाध्यक्ष आर्येंद्र शर्मा को उनके समर्थक कंधों पर उठाकर मंच तक पहुंचे। इस सबके बीच कांग्रेस में चेहरे को लेकर रार समारोह में और उभरी।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनके समर्थकों के उन्हें चेहरा बताकर की जा रही नारेबाजी रोकने को कहा। उन्होंने कहा, यहीं तो गड़बड़ी हो रही है। पार्टी में एक से एक चमकीले चेहरे हैं। पहले चुनाव जीत लें, फिर मुख्यमंत्री का चेहरा भी तय हो जाएगा। रावत ने अपने 55 साल के राजनीतिक अनुभव और कोरोना संक्रमित होने के बाद अपनी सेहत का हवाला देकर सभी से सहयोग भी मांगा।
प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर नेता प्रतिपक्ष बनाए गए प्रीतम सिंह के तेवरों में तल्खी झलकी। मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर हरीश रावत समर्थकों की नारेबाजी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उनके ही नहीं, पार्टी में कई ऐसे नेता जिनके चेहरों में कोई खराबी नहीं है। घाव को कुरेदने के बजाय मरहम लगाने का काम किया जाना चाहिए। अन्यथा नारे लगाकर कुछ हासिल नहीं होगा। कांग्रेस की वापसी के लिए चेहरे से ज्यादा पोलिंग बूथ पर बेहतर प्रदर्शन की जरूरत है। इसके लिए सबका साथ चाहिए। सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना होगा। वह खुद भी सड़कों पर उतरेंगे।
प्रीतम यहीं नहीं रुके। उन्होंने इशारों में ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुफ्त 100 यूनिट बिजली देने की घोषणा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्यवासियों को मुफ्त में कुछ भी देने की घोषणा कर उनके स्वाभिमान को ललकारने की आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस भ्रष्टाचाररहित और स्वच्छ सरकार के वायदे के साथ जनता के बीच जाने में सक्षम है।
प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने को लेकर प्रीतम ने खुलकर नाराजगी तो नहीं दिखाई, लेकिन अपनी राजनीतिक विरासत और पांच बार से विधायक होने का हवाला देकर वरिष्ठ नेताओं को काफी कुछ जता भी दिया। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि 2017 में कहीं न कहीं चूक हुई। इससे सबक लेकर 2022 में पूरी ताकत से कांग्रेस सरकार लाने की कोशिश होनी चाहिए। राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि हरीश रावत के नेतृत्व में पार्टी एकजुट होकर चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी।
ये नेता भी रहे मौजूद:राजीव भवन में प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल के पदभार ग्रहण समारोह में प्रदेश सह प्रभारी दीपिका पांडेय सिंह व राजेश धर्माणी, राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन, उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, ममता राकेश, फुरकान अहमद, मनोज रावत, पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, दिनेश अग्रवाल, मंत्री प्रसाद नैथानी व हरीशचंद्र दुर्गापाल, महेंद्र माहरा, पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद रहे।
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