सेना के फर्जी दस्तावेज पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान गए लोगों से देश की सुरक्षा को खतरा
सेना के जाली दस्तावेज बनाकर व्यक्तियों को पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में भेजने वाले इस गिरोह ने सुरक्षा एजेंसियों को चिंता में डाल दिया है। वजह यह कि जाली दस्तावेजों से इन देशों में गए व्यक्तियों से देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा भी पैदा हो गया है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 22 Jan 2021 07:22 PM (IST)
सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। सेना के जाली दस्तावेज बनाकर व्यक्तियों को पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में भेजने वाले इस गिरोह ने सुरक्षा एजेंसियों को चिंता में डाल दिया है। वजह यह कि जाली दस्तावेजों से इन देशों में गए व्यक्तियों से देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा भी पैदा हो गया है। इसके अलावा इस रैकेट को ध्वस्त करना भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा, क्योंकि आरोपितों की पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में पैठ बताती है कि यह रैकेट काफी बड़ा है। इस रैकेट का जाल कई अन्य देशों में भी फैला होने की संभावना जताई जा रही है।
एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस की जांच में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी सामने आया है कि इस गिरोह ने अब तक जितने व्यक्तियों को विदेश भेजा है, उनमें बड़ी तादाद नेपाल मूल के व्यक्तियों की है। इनको भी आरोपितों ने सेना के जाली दस्तावेज बनाकर विदेश भेजा। नेपाल मूल के इन व्यक्तियों की जानकारी जुटाना भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए काफी मशक्कत भरा होने वाला है। उत्तराखंड की एसटीएफ ने इस गिरोह द्वारा विदेश खासकर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इराक भेजे गए व्यक्तियों की जानकारी जुटाना शुरू भी कर दिया है। इसके लिए एसटीएफ ने अफगानिस्तान की तीन एजेंसियों से संपर्क किया है, जो प्लेसमेंट का काम करती हैं। पाकिस्तान और इराक में भी ऐसी एजेंसियों से संपर्क साधा जा रहा है।
जाली दस्तावेजों से सेना में भर्ती करवाने का भी अंदेशा
पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए सेना भर्ती में अलग कोटा होता है। ऐसे में पुलिस को यह चिंता भी सता रही है कि कहीं आरोपितों ने जाली दस्तावेजों से युवकों को सेना में भर्ती न करवा दिया हो। इस दिशा में भी जांच की जा रही है। हालांकि, इसका पता लगाना काफी मुश्किल होगा। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस गिरोह के जरिये पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इराक गए व्यक्तियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है कि वह किस प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से वहां गए। इसके अलावा आरोपितों की ओर से फर्जी पासपोर्ट बनवाने की बात भी सामने आ रही है। इसकी भी जांच की जा रही है।
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