Move to Jagran APP

पहाड़ के रेलवे स्टेशनों पर नजर आएगी उत्तराखंडी संस्कृति की झलक

सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शुमार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में बनने वाले रेलवे स्टेशनों में उत्तराखंड की संस्कृति की झलक नजर आएगी। इसे रेल विकास निगम ने स्वीकार कर लिया है।

By Edited By: Updated: Wed, 24 Oct 2018 09:04 PM (IST)
पहाड़ के रेलवे स्टेशनों पर नजर आएगी उत्तराखंडी संस्कृति की झलक
देहरादून, [विकास गुसाई]: सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शुमार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में बनने वाले रेलवे स्टेशनों में उत्तराखंड की संस्कृति की झलक नजर आएगी। प्रदेश सरकार ने रेल विकास निगम से इस रेल मार्ग पर बनने वाले सभी रेलवे स्टेशनों को पर्वतीय शैली में बनाने को कहा है। उनके इस अनुरोध को रेल विकास निगम ने स्वीकार कर लिया है। 

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को पर्वतीय जिलों के साथ ही सामरिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है। इस रेल लाइन को बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। सरकार की मंशा इस रेल लाइन का निर्माण 2024 तक पूरा करने की है। इसके लिए लगातार इस परियोजना पर सरकार व शासन द्वारा नजर रखी जा रही है। 

यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा कर चुके हैं। सरकार की इच्छा इस रेल लाइन पर पड़ने वाले स्टेशनों को पर्वतीय स्वरूप देने की है। इसलिए इन्हें पर्वतीय शैली में तैयार किया जाएगा। रेल विकास निगम ने भी इस सुझाव को माना है। 

इस मार्ग में वीरभद्र, न्यू ऋषिकेश, शिवपुरी, बयासी, देवप्रयाग, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर, गौचर व कर्णप्रयाग 12 रेलवे स्टेशन हैं। रेल विकास निगम की मंशा इन सभी रेलवे स्टेशनों में उत्तराखंड की झलक को प्रस्तुत करने की है। इसके लिए इन रेलवे स्टेशनों पर प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों, पर्यटन स्थलों व संस्कृति आदि को दर्शाया जाएगा।

हालांकि, यह सभी कार्य काष्ठ (लकड़ी) के न होकर निर्माण कार्यो में प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री से ही किए जाएंगे। रेल विकास निगम ने न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन को इस तर्ज पर विकसित करने का काम भी शुरू कर दिया है। इस रेलवे स्टेशन का गुबंद केदारनाथ जी तरह डिजाइन किया गया है। 

इसी तरह अन्य रेलवे स्टेशनों पर भी पर्वतीय जिले की छाप नजर आएगी। रेलवे विकास निगम के जनरल मैनेजर ओपी मालगुड़ी ने कहा कि सभी रेलवे स्टेशनों पर पर्वतीय शैली की छाप नजर आएगी। अभी शुरुआत में एक रेलवे स्टेशन को डिजाइन किया गया है। अन्य रेलवे स्टेशनों को भी इसी तरह विकसित किया जाएगा। यहां उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों के साथ ही सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी। 

श्रीनगर का नाम मां राजराजेश्वरी रेलवे स्टेशन 

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में श्रीनगर में बनने वाले रेलवे स्टेशन का नाम श्रीनगर नहीं होगा। दरअसल, यह रेलवे स्टेशन श्रीनगर से थोड़ा आगे चौरास के पास बनेगा। इसलिए इसका नाम मां राजराजेश्वरी के नाम पर रखने की योजना है। 

परियोजना पर एक नजर 

लागत- 16128 करोड़ रुपये 

लंबाई- 126 किमी 

रेल लाइन पुल व सुरंग

- 18 सुरंगें व 16 पुल 

बड़ी सुरंग- तकरीबन 15 किमी 

छोटी सुरंग - 220 मीटर 

रेलवे स्टेशन - 12 

यह भी पढ़ें: साल 2019-20 तक शुरू होगी वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश रेल लाइन

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग निर्माण की तैयारी शुरू, जानिए

यह भी पढ़ें: नवनिर्मित अटल सेतु का मुख्‍यमंत्री ने किया उद्घाटन, सरपट दौड़ने लगे वाहन

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।