रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा: बाइंडरों की मौत बनी रहस्य, अब एसआइटी करेगी जांच
क्लेमेनटाउन में कोठी गिराने के प्रकरण में रामभरोसे नामक व्यक्ति की भी घटना के कुछ दिन बाद ही मृत्यु हो गई थी। रामभरोसे मूल रूप से सहारनपुर का रहने वाला था। गिरोह ने संपत्ति के दस्तावेज भी रामभरोसे के नाम से ही तैयार किए थे। हालांकि रामभरोसे कभी देहरादून नहीं आया था। बताया जा रहा है कि कोठी गिराने के 10 दिन बाद ही उसकी मृत्यु हो गई थी।
By Soban singhEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Sun, 08 Oct 2023 08:58 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा प्रकरण में जिन बाइंडरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, उनकी मौत हो चुकी है। इन दोनों की संदिग्ध परिस्थितियों में वर्ष 2019 से 2021 के बीच मौत हुई है।
ऐसे में प्रकरण की जांच कर रही एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) को संदेह है कि कहीं फर्जीवाड़ा करने वाले इस गिरोह ने ही तो इन्हें ठिकाने नहीं लगा दिया। ऐसे में अब एसटीएफ रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के साथ बाइंडरों की मौत के कारणों की भी जांच में जुट गई है।
सब रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून में वर्ष 2007 से 2017 तक बाइंडर रहे नवरतन सिंह की वर्ष 2019 में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। मृत्यु का कारण अधिक शराब का सेवन बनाया गया।
इसके बाद इंग्लैंड निवासी महिला की राजपुर रोड स्थित करोड़ों की जमीन बेचने के मामले में बाइंडर सोनू का नाम सामने आया, जिसकी वर्ष 2021 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सोनू रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पूर्व में गिरफ्तार बाइंडर अजय क्षेत्री का साला था। अजय क्षेत्री भी सब रजिस्ट्रार कार्यालय में बाइंडर था।
कोठी प्रकरण में रामभरोसे की मौत मामले में भी षड्यंत्र की आशंका
क्लेमेनटाउन में कोठी गिराने के प्रकरण में रामभरोसे नामक व्यक्ति की भी घटना के कुछ दिन बाद ही मृत्यु हो गई थी। रामभरोसे मूल रूप से सहारनपुर का रहने वाला था।गिरोह ने संपत्ति के दस्तावेज भी रामभरोसे के नाम से ही तैयार किए थे। हालांकि, रामभरोसे कभी देहरादून नहीं आया था। बताया जा रहा है कि कोठी गिराने के 10 दिन बाद ही उसकी मृत्यु हो गई थी। ऐसे में इस मामले में संदेह जताया जा रहा है कि कहीं षड्यंत्र के तहत ही रामभरोसे को ठिकाने तो नहीं लगाया गया।
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