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Uttarakhand Doctor : थम नहीं रहा गुस्सा, सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर रहेंगे 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर

दून मेडिकल कालेज में महिला चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर भी कई मुद्दे उन्होंने उठाए। महिला चिकित्सकों ने कहा कि अस्पताल में उनके लिए चेंजिंग रूम तक नहीं है। कई बार उनके बैग भी चोरी हो चुके हैं। पीजी हास्टल में भी सुरक्षा सहित कई दिक्कतें हैं। गायनी में बना एसआर रूम एक बार भी नहीं खुला है। यही सभी समस्याएं दूर की जानी चाहिए।

By Sukant mamgain Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 16 Aug 2024 10:22 PM (IST)
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कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या के बाद देशभर के डॉक्टरों में गुस्सा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। अगर आप इलाज के लिए किसी सरकारी या निजी अस्पताल का रुख कर रहे हैं, तो इस खबर पर जरूर ध्यान दें। कोलकाता में महिला रेजिडेंट चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे के कार्य बहिष्कार का एलान किया है।

जिसके तहत सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सक शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) से जुड़े चिकित्सक भी इस दौरान कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। हालांकि कार्य बहिष्कार के दौरान इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआइपी ड्यूटी यथावत चलती रहेगी। ओपीडी व इलेक्टिव सर्जरी नहीं की जाएगी।

प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की शुक्रवार को आनलाइन बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि कोलकाता की घटना के विरोध में शनिवार को कार्य बहिष्कार किया जाएगा। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डा. मनोज वर्मा व महासचिव डा. रमेश कुंवर ने कहा कि इस नृशंस घटना के विरोध में और अपनी साथी चिकित्सक को न्याय दिलवाने के लिए देश-प्रदेश के चिकित्सक एक साथ खड़े हैं।

कहा कि कोलकाता में भीड़ के शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे चिकित्सकों पर हमला करना और अस्पताल में तोड़फोड़ राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है। कोलकाता पुलिस और राज्य सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिससे देश-प्रदेश के चिकित्सकों में आक्रोश है।

उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें। अपराधियों व अराजक तत्वों को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किया जाए। चिकित्सालयों में चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए जो एक्ट बना हुआ है, उसका सख्ती से पालन किया जाए। ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें। उन्होंने बताया कि शनिवार को सभी चिकित्सक अपने-अपने चिकित्सालयों व कार्यालयों में पोस्टर बैनर के साथ प्रदर्शन करेंगे। साथ ही श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की जाएगी। शाम को प्रार्थना सभा व कैंडल मार्च निकाला जाएगा।

नर्सिंग अधिकारी, फार्मेसिस्ट काली पट्टी बांधकर करेंगे काम

डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन ने चिकित्सकों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। शनिवार को प्रदेशभर के फार्मेसिस्ट भी काला फीता बांधकर विरोध जताएंगे। संगठन ने स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। अध्यक्ष सुधा कुकरेती और महासचिव सतीश चंद्र पांडेय ने कोलकाता में महिला रेजिडेंट डाक्टर की हत्या की कड़े शब्दों में भर्त्सना की। वहीं, उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। प्रदेश अध्यक्ष भारती जुयाल ने कहा कि प्रदेशभर की नर्सिंग अधिकारी काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगी। उधर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन ने कार्य बहिष्कार का एलान किया है।

चिकित्सकों ने निकाला कैंडल मार्च

देहरादून: कोलकाता की घटना से गुस्साए दून के चिकित्सकों ने शुक्रवार शाम को कैंडल मार्च निकाला। पटेलनगर स्थित दून मेडिकल कालेज से शुरू हुए इस कैंडल मार्च में दून मेडिकल कालेज व एसजीआरआर मेडिकल कालेज के पीजी, रेजिडेंट चिकित्सक व एमबीबीएस छात्र शामिल हुए।

कैंडल मार्च लालपुल और इसके बाद फिर वापस दून मेडिकल कालेज गेट पर समाप्त हुआ। जिसके बाद चिकित्सकों ने दिवंगत महिला चिकित्सक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही महिला चिकित्सक के साथ जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों को सजा दिलाने का संकल्प लिया। आइएमए की तरफ से डा डीडी चौधरी, डा संजय उप्रेती, डा शलभ कुड़ियाल, डा एश्वर्य, डा शिवम गुप्ता व डा मयंक आदि शामिल रहे।

कार्य बहिष्कार पर रहे पीजी चिकित्सक

देहरादून: दून मेडिकल कालेज के पीजी चिकित्सक व जेआर शुक्रवार को कार्य बहिष्कार पर रहे। उन्होंने ओपीडी, आइपीडी एवं ओटी में अपनी सेवाएं नहीं दी। उनके कार्य बहिष्कार से अस्पताल की सेवाओं पर आंशिक रूप से असर पड़ा। चिकित्सकों ने ओपीडी बिल्डिंग के बाहर धरना भी दिया।

भाजपा महिला मोर्चा ने निकाला मौन जुलूस

देहरादून: बंगाल में महिला डाक्टर के साथ हुए जघन्य कृत्य के विरोध में दून में चारों ओर उबाल है। भाजपा महिला मोर्चा ने भी मौन जुलूस निकालकर घटना की निंदा की और बंगाल सरकार पर निशाना साधा। शुक्रवार को भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल के नेतृत्व में महानगर अध्यक्ष अर्चना बागड़ी की अध्यक्षता में महानगर कार्यालय से मौन प्रदर्शन के साथ कैंडल मार्च निकाला गया।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बंगाल में ममता सरकार के कार्यकाल में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में महिला डाक्टर के साथ हुए जघन्य कृत्य ममता सरकार के लिए शर्मनाक है और उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।

महानगर महिला मोर्चा अध्यक्ष अर्चना बागड़ी ने कहा कि ममता के राज में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और महिलाओं के साथ हैवानियत हो रही है। जुलूस में प्रदेश महामंत्री गीता रावत, महानगर महामंत्री सुषमा कुकरेती, अनीता मल्होत्रा, सुमन सिंह, नीलू शाहनी, रानी सैनी, दिव्य नेगी, बबली चौहान, सरस्वती बगवाड़ी, पूजा नौटियाल, किरन शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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