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उत्तराखंड में पांचवी तक की पढ़ाई स्थानीय भाषाओं में होगी, जानिए और क्या बोले शिक्षा मंत्री

उत्तराखंड में पांचवी तक की पढ़ाई स्थानीय भाषा में होगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसके लिए संभावनाएं तलाश कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा पहले से ही गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा की पढ़ाई करवाई भी जा रही।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Wed, 01 Sep 2021 10:00 PM (IST)
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उत्तराखंड में पांचवी तक की पढ़ाई स्थानीय भाषाओं में होगी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रवेश उत्सव की शुरुआत बुधवार से हो गई। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने ननूरखेड़ा स्थित वर्चुअल क्लास के केंद्रीय स्टूडियो से उत्सव का आनलाइन उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत पांचवीं तक की पढ़ाई स्थानीय भाषाओं में करवाने पर जोर है, प्रदेश में भी इसका खाका तैयार किया जा रहा है। जल्द प्रदेश में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने हम 'सबका प्रयास, शिक्षा का विकास' कार्यक्रम के तहत बुधवार को प्रदेशभर में विधायक, पंचायत प्रतिनिधियों समेत अन्य जनप्रतिनिधियों से आनलाइन संवाद किया। उन्होंने कहा कि इस साल कोरोना के चलते सरकारी विद्यालयों में चलने वाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम नहीं मनाया जा सका। इसीलिए शिक्षा विभाग ने जनप्रतिनिधियों के सहयोग से एक से 15 सितंबर तक इसका आयोजन करना तय किया है, ताकि जनप्रतिनिधियों के प्रभाव में सरकारी विद्यालयों की संख्या बढ़ सके। इस दौरान उन्होंने अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में दाखिले करवाने पर विशेष जोर दिया। कहा कि कई लोग, जिसमें शिक्षक भी शामिल हैं वह अभिभावक एवं छात्रों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारी- शिक्षकों पर तंज कसते हुए कहा कि अधिकारी या शिक्षक ऐसा करते हुए पाए गए तो सख्त विभागीय कार्रवाई होगी। अगर किसी भी अभिभावक, छात्र या जनप्रतिनिधियों को अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के बारे में अफवाह की सूचना मिलती है तो विभाग को इसकी शिकायत करें।

कहीं विद्यालय भवन क्षतिग्रस्त तो कहीं शिक्षकों की कमी

रानीखेत विधायक एवं उप नेता प्रतिपक्ष करन सिंह ने कहा कि सरकार ने अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को खोलकर एक बेहतर पहल की है, लेकिन इन विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती करने के चक्कर में दूसरे विद्यालयों को बिल्कुल खाली कर दिया। इस ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। जीआसी कटघारिया से एक जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र में विद्यालयों की कमी का मुद्दा उठाते हुए एक इंटर कालेज खोलने की मांग की। वहीं केवल सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों के ही बीपीएल कार्ड बनाने का सुझाव भी दिया। रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी ने अपनी विधानसभा में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की संख्या बढ़ाने की मांग की। साथ ही जो अभिभावक शुल्क दे सकते हैं उनके पंजीकरण एवं परीक्षा शुल्क लेने का सुझाव भी दिया।

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