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उत्तराखंड : शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा- पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद व गीता को करेंगे शामिल

धन सिंह रावत ने कहा कि भविष्य में विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में वेद उपनिषद व गीता को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। वह उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से दून विवि सभागार में आयोजित परीक्षा पर्व-चार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Sun, 01 May 2022 11:11 AM (IST)
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त्तराखंड के शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत
जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि भविष्य में विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद व गीता को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा, जिसके लिए आमजन से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।

शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने शनिवार को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से दून विवि सभागार में आयोजित परीक्षा पर्व-चार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को समझाना होगा कि परीक्षा एक उत्सव है, लिहाजा किसी भी परीक्षा को एक पर्व की तरह लिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'परीक्षा पर' चर्चा कार्यक्रम के चलते लाखों बच्चों का मनोबल बढ़ा है।

समग्र शिक्षा में उत्तराखंड को मिल सकते हैं 1100 करोड़

उत्तराखंड को इस बार शिक्षा के लिए केंद्र से अधिक वित्तीय मदद मिलने के संकेत हैं। समग्र शिक्षा अभियान में राज्य को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1100 करोड़ से अधिक राशि मिल सकती है। ऐसा हुआ तो प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक सरकारी विद्यालयों में फर्नीचर से लेकर आवश्यक संसाधन जुटाने की सरकार की मुराद पूरी हो सकेगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस बार उत्तराखंड को अधिक वित्तीय सहायता का भरोसा दे चुके हैं। राज्य की आवश्यकता से जुड़े 10 बिंदुओं पर केंद्र से मदद की अपेक्षा की गई है। समग्र शिक्षा अभियान के लिए राज्य के लिए बजट सीमा करीब 907 करोड़ तय है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि केंद्र 25 प्रतिशत बजट अधिक बजट देने पर सहमत है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत नई दिल्ली में समग्र शिक्षा अभियान प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक पांच मई को प्रस्तावित है। राज्य की ओर से बजट प्रस्ताव के प्रस्तुतीकरण को शिक्षा विभाग की टीम दिल्ली रवाना हो चुकी है।

दरअसल, प्रदेश में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में चल रहे 4705 आंगनबाड़ी केंद्रों में प्ले स्कूल अथवा बाल वाटिका विकसित करने को 47.05 करोड़ की राशि मांगी गई है। शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता के लिए 35 केंद्रीय विद्यालयों और नौ सैनिक स्कूलों की स्थापना का प्रस्ताव राज्य सरकार ने दिया है। चालू वित्तीय वर्ष में 250 विद्यालयों को व्यावसायिक शिक्षा योजना से जोडऩे के लिए 25 करोड़ की राशि की आवश्यकता होगी।

इसीतरह चालू सत्र में अतिरिक्त 1000 स्मार्ट कक्षाओं के लिए 25 करोड़ की राशि केंद्र से मांगी गई है। अंग्रेजी शिक्षा के लिए संविदा या आउटसोर्स पर 5173 शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। इस पर करीब 125 करोड़ का खर्च आएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत 1386 माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षक की तैनाती का खर्च 41.58 करोड़ प्रस्तावित किया गया है।

चार जिलों रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंहनगर, बागेश्वर और उत्तरकाशी में नवोदय विद्यालयों की स्थापना के लिए 120 करोड़ का प्रस्ताव किया गया है। प्रत्येक ब्लाक में एक छात्रावास योजना प्रस्तावित की गई है। इस पर 2850 करोड़ खर्च होंगे। सभी 14040 प्राथमिक विद्यालयों में पहले चरण में स्मार्ट टीवी उपलब्ध कराने पर 70.20 करोड़ रुपये खर्च आएगा।

शिक्षा में सुधार के लिए मंत्री करेंगे प्रबद्ध जनों से संवाद

शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यालयों में शैक्षिक वातावरण के लिए वह प्रबुद्ध जनों, शिक्षाविदों और स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कायम करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकारी विद्यालयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई, लेकिन शिक्षा का स्तर सुधर नहीं सका है। शिक्षा में सुधारों के लिए संवाद के माध्यम से अच्छे सुझाव लिए जाएंगे। संवाद कार्यक्रम जल्द शुरू किया जाएगा।

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