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Dehradun Election Result 2022: देहरादून जनपद की 10 सीटों में से नौ पर भाजपा का परचम

Dehradun Vidhan Sabha Chunav 2022 Result Vote Counting Updates देहरादून जिले में भाजपा ने अपना प्रदर्शन दोहराया। कांग्रसे चकराता सीट बचाने में फिर कामयाब रही। कांग्रेस ने छह सीटों पर पिछले चेहरों पर ही दांव खेला था। चार सीट पर कांग्रेस ने प्रत्‍याशी बदले थे।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2022 08:15 PM (IST)
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Dehradun Vidhan Sabha Chunav Result 2022: देहरादून जनपद की दस सीटों में से भाजपा ने नौ जीती।

जागरण संवाददाता, देहरादून:  जिले की 10 विधानसभा सीटों में से नौ पर भाजपा ने परचम फहराया है। या यूं कहें कि भाजपा ने अपना प्रदर्शन दोहराया है।   Uttarakhand Election Results  में कांग्रेस इस बार भी सिर्फ चकराता सीट बचाने में कामयाब रही। जीत के लिए कांग्रेस ने गुणा-भाग करते हुए छह सीटों पर पुराने चेहरों पर दांव खेला, जबकि चार सीटों (सहसपुर, रायपुर, डोईवाला, ऋषिकेश) पर नए चेहरे मैदान में उतारे थे। हालांकि, दोनों ही समीकरण पार्टी के पक्ष में नहीं रहे। धर्मपुर, सहसपुर व विकासनगर सीट को छोड़ दें तो किसी भी अन्य सीट पर किसी भी राउंड में ऐसा नहीं लगा कि कांग्रेस बढ़त में है।

  • रायपुर : रायपुर सीट पर दो बार से जीतते आ रहे उमेश शर्मा काऊ पर जनता ने तीसरी बार भी भरोसा जताया। भाजपा प्रत्याशी उमेश शर्मा काऊ को कुल 65 हजार 756 वोट पड़े। वहीं, दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट को 35 हजार 704 वोट मिले। इस तरह काऊ 30 हजार 52 वोट से विजयी रहे। रायपुर सीट पर चुनाव परिणाम आकलन के मुताबिक रहे। जनता ने उमेश शर्मा को सर्वसुलभता व क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों के आधार पर जीत दिलाई।

  • देहरादून कैंट: इस सीट पर भाजपा ने दिवंगत विधायक हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर को टिकट दिया। सविता ने ताउम्र अविजित रहे हरबंस कपूर की विरासत को न सिर्फ बचाया, बल्कि अच्छे-खासे मार्जिन से जीत भी हासिल की। सविता कपूर ने 45 हजार 492 मत हासिल किए। वहीं, कांग्रेस के टिकट पर दूसरी बार मैदान में उतरे सूर्यकांत धस्माना को 24 हजार 554 वोट मिले। देहरादून कैंट सीट पर सविता ने 20 हजार 938 मतों से जीत हासिल कर ली। बाकी कोई भी प्रत्याशी दूर-दूर तक दौड़ में नहीं दिखा।
  • विकासनगर :  भाजपा प्रत्याशी मुन्ना सिंह चौहान ने इस सीट पर दूसरी बार जीत हासिल की। हालांकि, अन्य सीटों के मुकाबले जीत का अंतर बहुत अधिक नहीं रहा और कांग्रेस प्रत्याशी नवप्रभात से उन्हें हर राउंड में कड़ी टक्कर मिलती रही। पिछली दफा भी कांग्रेस ने नवप्रभात को ही इस सीट से चुनाव लड़ाया था। मुन्ना सिंह चौहान को कुल 40 हजार 819 वोट मिले, जबकि नवप्रभात 35 हजार 626 वोट हासिल करने में सफल रहे। मुन्ना सिंह चौहान की जीत का मार्जिन पांच हजार 193 वोट रहा।
  • मसूरी: मसूरी सीट से दो बार से जीतते आ रहे गणेश जोशी भाजपा सरकार में काबीना मंत्री भी रहे। उनका गढ़ भेदने के लिए कांग्रेस ने गोदावरी थापली को दोबारा अवसर दिया। हालांकि, जनता के बीच मजबूत पकड़ रखने वाले गणेश जोशी के गढ़ को गोदावरी नहीं भेद पाईं। गणेश जोशी शुरुआत से ही आगे चल रहे थे और अंतिम राउंड तक उनकी जीत का आंकड़ा बढ़ता चला गया। गणेश जोशी को कुल 44 हजार 847 वोट मिले और गोदावरी थापली के 29 हजार 522 वोट के आंकड़े पर ही सिमट गई। इस सीट पर गणेश जोशी ने 15 हजार 325 मतों से जीत हासिल की।
  • धर्मपुर सीट: सर्वाधिक 18 राउंड वाली इस विधानसभा सीट पर जीत और हार का समीकरण राउंड दर राउंड बदलता रहा। कभी भाजपा प्रत्याशी विनोद चमोली आगे निकल रहे थे, तो कभी कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश अग्रवाल। करीब 12 राउंड तक यही स्थिति रही। फिर धीरे-धीरे कर भाजपा प्रत्याशी विनोद चमोली आगे बढ़ते रहे और 16वें राउंड तक मतों का अंतर करीब 10 हजार पहुंच चुका था। इसके बाद के दो राउंड औपचारिक ही साबित हुए। लिहाजा, विनोद चमोली दूसरी बार जीत हासिल करने में सफल रहे। विनोद चमोली को कुल 58 हजार 538 वोट मिले और दिनेश अग्रवाल 48 हजार 448 वोट हासिल कर पाए। चुनाव के इस मुकाबले को विनोद चमोली ने 10 हजार 90 मतों से जीत लिया।
  • राजपुर रोड : इस सीट पर भाजपा ने सिटिंग विधायक खजान दास को टिकट दिया, जबकि कांग्रेस ने राजकुमार पर फिर भरोसा जताया। जनता के बीच सौम्य छवि के रूप में पहचान रखने वाले खजान दास ने यह मुकाबला आसानी से जीत लिया। उन्हें कुल 37 हजार 27 वोट मिले और राजकुमार 25 हजार 864 वोट हासिल कर सके। इस तरह खजान दास ने 11 हजार 163 मतों से जीत हासिल कर ली।
  • डोईवाला : भाजपा ने इस सीट पर सिटिंग विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट नहीं दिया। भाजपा ने बृजभूषण गैरोला पर भरोसा दिखाया। वहीं, कांग्रेस ने भी नए चेहरे गौरव 'गिन्नी' को मैदान में उतारा। भाजपा के लिए यह दांव मुफीद साबित हुआ और बृजभूषण गैरोला को 29 हजार 21 वोटों के अंतर से एकतरफा जीत हासिल हुई। उन्हें कुल 64 हजार 946 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी गौरव 35 हजार 925 वोट ही हासिल कर पाए।
  • चकराता : एकमात्र यही सीट ऐसी रही, जिसे बचाने में कांग्रेस कामयाब रही। कांग्रेस प्रत्याशी चकराता सीट से निरंतर पांचवीं बार जीत हासिल करने में सफल रहे। वहीं, भाजपा ने इस दफा रामशरण नौटियाल को मैदान में उतारा। रामशरण कुल 27 हजार 417 वोट हासिल करने में सफल रहे, जबकि प्रीतम सिंह ने 36 हजार 853 वोट प्राप्त किए। उनकी जीत का अंतर 9436 वोट रहा। इस सीट को प्रीतम सिंह का गढ़ कहा जाता है और अपना गढ़ बचाने में वह बखूबी सफल भी रहे।
  • सहसपुर : सहसपुर सीट पर सहदेव सिंह पुंडीर तीसरी बार जीत हासिल करने में सफल रहे। हालांकि, शुरुआती चरणों में कांग्रेस प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा निरंतर आगे चल रहे थे। ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस ने चेहरा बदलकर इस सीट पर जो प्रयोग किया है, वह सही है। फिर आगे के चरणों में सहदेव सिंह पुंडीर बढ़त बनाने दिखे और उनके मतों का अंतर भी बढ़ता चला गया। चुनाव के आखिरी समय में वोटों के ध्रुवीकरण ने सहदेव की राह को आसान बनाने का काम किया। उन्हें कुल 64 हजार आठ वोट मिले और आर्येंद्र का आंकड़ा 55 हजार 653 पर सिमट गया। भाजपा प्रत्याशी ने कुल 8355 मतों से जीत हासिल की।
  • ऋषिकेश : सिटिंग विधायक और विधानसभा अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिकेश सीट से लगातार चौथी बार जीत हासिल करने में सफल रहे। जनता के बीच मजबूत पैठ के चलते इस सीट पर कांग्रेस का कोई भी दांव नहीं चल पाया। कांग्रेस ने बागी के रूप में पर्चा भरने वाले पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण को मनाकर पार्टी प्रत्याशी जयेंद्र रमोला के पक्ष में खड़ा कराया, मगर जनता तो कुछ और ही ठानकर बैठी थी। प्रेमचंद अग्रवाल को कुल 52 हजार 460 वोट मिले और जयेंद्र रमोला 33 हजार 403 वोट हासिल कर पाए। प्रेमचंद की जीत का अंतर 19 हजार 57 वोट रहा।
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