Uttarakhand: महाविद्यालयों में हर छात्र को मिलेगा प्रवेश, यह सरकार की जिम्मेदारी; मंत्री ने सदन में दी जानकारी
प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में यदि किसी संकाय में तय संख्या से अधिक छात्र प्रवेश के लिए आते हैं उन्हें प्रवेश देना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्हें हर हाल में प्रवेश दिया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने यह जानकारी दी।
By Vikas dhuliaEdited By: Shivam YadavUpdated: Fri, 17 Mar 2023 12:09 AM (IST)
गैरसैंण, राज्य ब्यूरो: प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में यदि किसी संकाय में तय संख्या से अधिक छात्र प्रवेश के लिए आते हैं, उन्हें प्रवेश देना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्हें हर हाल में प्रवेश दिया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक विक्रम सिंह नेगी के प्रश्न के उत्तर में सदन को यह जानकारी दी।
उन्होंने राज्य में स्थित महाविद्यालयों के साथ ही विश्वविद्यालयों का ब्योरा भी रखा और कहा कि सकल नामांकन अनुपात के मामले में उत्तराखंड देश के टाप थ्री राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि यदि किसी महाविद्यालय में किसी संकाय में 60 से अधिक छात्र आते हैं, उनके लिए प्रवेश की व्यवस्था की जाएगी। यदि यह संख्या 90 से अधिक होती है तो अतिरिक्त कक्ष और सौ से ज्यादा होने पर गेस्ट फैकल्टी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
विधायक विक्रम सिंह नेगी ने यह प्रश्न उठाया था। विधायक बृजभूषण गैरोला के अनुपूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि डोईवाला महाविद्यालय में छात्र संख्या 1900 हो गई है। वहां एमएससी, एमकाम की कक्षाएं शुरू करने के दृष्टिगत परीक्षण कराया जाएगा। विधायक मोहन सिंह बिष्ट के प्रश्न पर मंत्री ने बताया कि हल्दूचौड़ डिग्री कालेज के लिए गौलापार में भूमि उपलब्ध होते ही भवन निर्माण कराया जाएगा।
शिक्षा प्रेरक रहे युवाओं के समायोजन का विचार नहीं
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधायक विक्रम सिंह नेगी के प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्ष 2009-10 में साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत छह जिलों ऊधमसिंहनगर, बागेश्वर, चंपावत, उत्तरकाशी, हरिद्वार, टिहरी की चयनित ग्राम पंचायतों में 2731 शिक्षा प्रेरक नियुक्त किए गए थे। वर्ष 2017 में यह योजना समाप्त हो गई थी। इसके साथ ही इनकी सेवाएं भी समाप्त हो गई। अब इनके समायोजन का कोई विचार नहीं है।
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